nayaindia opposition leaders चुनौती दे रहे क्षत्रपों पर शिकंजा

चुनौती दे रहे क्षत्रपों पर शिकंजा

केंद्रीय एजेंसियां विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई कर रही हैं। लेकिन ऐसी विपक्षी पार्टियां ज्यादा निशाना बन रही हैं, जो भाजपा और केंद्र सरकार को चुनौती दे रही हैं या जिनके चुनाव के बाद जरूरत पड़ने पर भाजपा के साथ जाने की संभावना बहुत कम है। जो प्रादेशिक क्षत्रप खुलेआम चुनौती नहीं दे रहे हैं या भाजपा को चुनावी नुकसान करने में सक्षम नहीं हैं या जिनके बारे में यह संभावना है कि जरूरत पड़ने पर भाजपा के साथ जा सकते हैं उनके नेताओं के खिलाफ भी मुकदमे हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। इस तरह के दलों में जेडीएस, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल, बहुजन समाज पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल आदि का नाम लिया जा सकता है। यहां तक कि डीएमके, जेएमएम और समाजवादी पार्टी को भी इस श्रेणी में रखा जा सकता है।

दूसरी श्रेणी की जो पार्टियां हैं उनमें कांग्रेस अव्वल है। उसके बाद आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, भारत राष्ट्र समिति आदि का नाम लिया जा सकता है। इन पार्टियों के शीर्ष नेताओं को किसी तरह से मुकदमे में उलझाने और परेशान करने की रणनीति दिख रही है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी के आरोपों से भी इसका आभास होता है। दोनों ने एक जैसे आरोप लगाए हैं। दोनों को ऐसे मामलों में पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है, जिनमें पहले उनका नाम नहीं था। इतना ही नहीं उन मामलों में गिरफ्तार आरोपियों को धमकाए जाने का आरोप भी लगा है। केजरीवाल और अभिषेक ने कहा कि आरोपियों को उनका नाम लेने के लिए धमकी दी जा रही है। अगर ये दोनों नेता किसी तरह के किसी मामले में फंस जाते हैं तो दोनों पार्टियों की चुनावी तैयारी प्रभावित होगी।

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