nayaindia hung assembly in Karnataka कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की चिंता
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कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की चिंता

ByNI Political,
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कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। नेताओं के दौरे बढ़ गए हैं। मई में विधानसभा के चुनाव होने हैं। कर्नाटक में जिस अंदाज में भाजपा और कांग्रेस की तैयारी हो रही है और जनता दल एस की अकेले लड़ने की तैयारी है उसे देखते हुए सबको यह चिंता सता रही है कि अगर पिछली बार की तरह इस बार भी त्रिशंकु विधानसभा बनी तो क्या होगा? ध्यान रहे कर्नाटक में कई बार त्रिशंकु विधानसभा बनी है और इसका फायदा जेडीएस को मिलता रहा है। एचडी देवगौड़ा की पार्टी त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में कभी भाजपा के साथ मिल कर तो कभी कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार बनाती रही है।

पिछले यानी 2018 के चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी हारी थी लेकिन भाजपा को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था। इसका फायदा उठा कर कांग्रेस और जेडीएस ने साझा सरकार बनाई थी। कांग्रेस ने महज 37 सीट के बावजूद जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनवाया था। लेकिन डेढ़ साल से भी कम समय में ऑपरेशन लोटस के तहत कांग्रेस पार्टी के अनेक विधायक टूट कर भाजपा के साथ चले गए और भाजपा की सरकार बन गई। इस बार फिर त्रिशंकु विधानसभा की आशंका जताई जा रही है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार की मेहनत से कांग्रेस की सीटें बढ़ने का अनुमान है। इसका सीधा असर भाजपा की सीटों पर होगा। अगर उसकी सीटें घटती हैं तो फिर किसी को बहुमत नहीं मिलेगा और साझा सरकार के हालात बनेंगे। तभी दोनों पार्टियां अभी से जेडीएस को पटाने में लगी हैं।

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