कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में पार्टी ने भूले बिसरे नेताओं की सुध ली है। ऐसे नेताओं की, जिन पर पार्टी पहले ध्यान नहीं देती है। इस बात को ऐसे भी कह सकते हैं कि कांग्रेस के जिन नेताओं पर किसी न किसी तरह से भाजपा ने दावा करना शुरू किया है या किसी न किसी तरीके से हथिया लिया है इस बार कांग्रेस ने ऐसे नेताओं को भी हाईलाइट किया है। कांग्रेस महाधिवेशन के आखिरी दिन पार्टी की हाथ से हाथ जोड़ो रैली के लिए अखबारों में जो विज्ञापन दिया गया, उसमें पार्टी के 10 बड़े नेताओं की फोटो लगाई गई। हैरानी की बात है कि उसमें पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व अध्यक्ष पीवी नरसिंह राव की भी तस्वीर है। पिछले 24 साल में संभवतः पहली बार ऐसा हुआ है कि कांग्रेस ने नरसिंह राव को नेता माना है और सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार भी किया है।
कांग्रेस के विज्ञापन में महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के अलावा पांच ऐसे चेहरे हैं, जो पहले नहीं दिखते थे या जिनको हथियाने की कोशिश भाजपा कर रही है। वैसे सरदार पटेल भी हैं, जिनको भाजपा अपना नेता बना चुकी है। बहरहाल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री और पीवी नरसिंह राव ऐसे नेता हैं, जिनकी तस्वीर विज्ञापन में है। इन नेताओं के बारे में भाजपा कहती रही है कि कांग्रेस ने इनको कभी सम्मान नहीं दिया। आश्चर्यजनक रूप से इस विज्ञापन सरोजिनी नायडू की फोटो लगाई गई है। एक दिलचस्प बात यह भी है कि ‘137 वर्षों की निरंतर विचार यात्रा’ के विज्ञापन में किसी मुस्लिम नेता की फोटो नहीं है। आमतौर पर मौलाना अबुल कलाम आजाद की फोटो कांग्रेस के हर विज्ञापन या कार्यक्रम में दिखती थी लेकिन इस बार वे नदारद हैं।