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जेडीएस की राजनीति दिलचस्प होगी

कर्नाटक में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव है। अभी तक की स्थिति में तीनों पार्टियां- भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस अलग अलग चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह किसी से तालमेल नहीं करेगी। लेकिन कांग्रेस और जेडीएस ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। इन दोनों पार्टियों के बीच नरम गरम संबंध चलता रहता है। जेडीएस को लगता है कि उसे अकेले लड़ने का फायदा है क्योंकि अकेले लड़ कर वह 30 से 40 सीट हासिल कर लेती है और चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में किसी पार्टी के साथ तालमेल कर लेती है। चुनाव के बाद तालमेल में उसका मुख्यमंत्री बन सकता है लेकिन चुनाव पूर्व तालमेल में ऐसा होने की गुंजाइश कम रहती है।

तभी जेडीएस के नेता चुनाव पूर्व तालमेल को लेकर दुविधा में हैं। उसको लग रहा है कि चुनाव पूर्व तालमेल का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा को चिट्ठी लिख कर उनको कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए 30 जनवरी को श्रीनगर आमंत्रित किया था। देवगौड़ा ने हालांकि उसमें जाने से असमर्थता जताई है लेकिन उन्होंने राहुल गांधी की इस यात्रा के लिए शुभकामना दी। ध्यान रहे खड़गे कर्नाटक के ही हैं और देवगौड़ा के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। सो, यात्रा के प्रति सद्भाव दिखाने के बाद देवगौड़ा खड़गे से बात भी कर सकते हैं। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार इस तालमेल का विरोध करेंगे। लेकिन अगर कांग्रेस शिवकुमार को सीएम दावेदार नहीं घोषित करती है तो जेडीएस से तालमेल संभव है।

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