मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष के तौर पर वर्षा गायकवाड की नियुक्ति हुई है। उनके साथ ही महाराष्ट्र कांग्रेस का अध्यक्ष भी बदला जाना था लेकिन नाना पटोले के बारे में फैसला नहीं हो सका। बतौर प्रदेश अध्यक्ष उनका बहुत ज्यादा विरोध हो रहा है। न सिर्फ कांग्रेस के नेता उनका विरोध कर रहे हैं, बल्कि सहयोगी पार्टियों के नेता भी खिलाफ हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट के साथ उनका विवाद जगजाहिर है और एमएलसी चुनाव के समय सत्यजीत तांबे की टिकट को लेकर जो विवाद हुआ वह भी सब जानते हैं। बदलाव का अंदेशा भांप कर पटोले ने पहले से अपने समर्थकों को दिल्ली में बैठाया था। उन्होंने ओबीसी नेतृत्व का हवाला देकर नाना पटोले को बनाए रखने की पैरवी की। हालांकि कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने तय कर लिया है कि नाना पटोले की जगह नया अध्यक्ष बनेगा। यह भी कहा जा रहा है कि एक बार फिर पुराने अध्यक्ष अशोक चव्हाण की वापसी हो सकती है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से कराए गए सर्वेक्षण में अशोक चव्हाण को सबसे सक्षम और स्वीकार्य बताया गया है। विपक्षी पार्टियों को उनसे ऐतराज नहीं है। हालांकि उनके बारे में कुछ दिन पहले खबर थी कि वे भाजपा के संपर्क में हैं। तभी कांग्रेस के कई नेता इस आधार पर उनका नाम काटने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि मराठा वोट की बजाय कांग्रेस को ओबीसी वोट की चिंता करनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस इस समय वोट की बजाय संगठन को एकजुट और मजबूत बनाने की चिंता में है और यह काम अशोक चव्हाण बेहतर ढंग से कर सकते हैं। उनके अलावा सुशील शिंदे, पृथ्वीराज चव्हाण का भी नाम है। ओबीसी नेता के तौर पर सुनील केदार के नाम की भी चर्चा है।