यह लाख टके का सवाल है कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे नया संगठन महासचिव बनाएंगे? राहुल गांधी के करीबी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल यानी केसीवी को हटाए जाने की चर्चा है। बताया जा रहा कि खड़गे के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध नहीं हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक खड़गे जब लोकसभा चुनाव हारे और बतौर महासचिव उनको महाराष्ट्र का प्रभार दिया गया तभी से कुछ खटपट हुई थी और खड़गे व उनकी टीम केसीवी को पसंद नहीं करते हैं। तभी नया संगठन महासचिव बनाए जाने की चर्चा है।
वैसे भी कांग्रेस मुख्यालय में यह आम चर्चा है कि राहुल गांधी किसी काम में कोई दखल नहीं दे रहे हैं। सोनिया और राहुल दोनों ने खड़गे को अपनी पसंद से टीम बनाने की छूट दी है। किसी भी व्यक्ति के लिए सोनिया और राहुल की ओर से नहीं कहा जाएगा। कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि खड़गे खुद अपनी मर्जी से कुछ ऐसे लोगों को टीम में रख सकते हैं, जिनके बारे में धारणा है कि वे परिवार के करीबी और निष्ठावान हैं। लेकिन उनके लिए भी परिवार की ओर से नहीं कहा जाएगा। कांग्रेस कार्य समिति का गठन भी खड़गे को अपनी पसंद से ही करना है, उसमें भी किसी का दखल नहीं है।
कांग्रेस के कई नेता इस बात के लिए लॉबिंग कर रहे हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी संगठन महासचिव बनाया जाए। वे फिलहाल महासचिव हैं और उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के चुनाव के बाद उनको चुनाव जिताने वाला स्टार प्रचारक भी माना जा रहा है। परंतु क्या खड़गे उनको संगठन महासचिव बनाएंगे? उनकी करीबी टीम के एक सदस्य ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि अगर प्रियंका संगठन महासचिव बनीं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष की ऑथोरिटी कम होगी और पार्टी के भीतर ताकत का एक दूसरे बड़ा केंद्र बनेगा। वैसे नेहरू गांधी परिवार के सदस्य अलग शक्ति केंद्र बने रहेंगे लेकिन उनमें से किसी को संगठन महासचिव बनाया गया तो वह डिफैक्टो अध्यक्ष हो जाएगा।
इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की टीम के तमाम सदस्य इस प्रस्ताव से असहज हैं कि प्रियंका को संगठन महासचिव बनाया जाए। वे पार्टी के रोज ब रोज के काम में प्रियंका का दखल नहीं चाहते हैं। तभी एक दूसरा प्रस्ताव यह है कि प्रियंका को महासचिव बना कर कुछ दूसरी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश को इस बार आसान राज्य मान रहे हैं और उनका कहना है कि अगर प्रियंका वहां की प्रभारी हो जाएं तो कांग्रेस के लिए अच्छा रहेगा। अगर कांग्रेस जीत जाती है तो उनकी धाक और जमेगी। उत्तर प्रदेश के साथ साथ उनको मध्य प्रदेश का भी प्रभारी बनाए रखने की तैयारी हो रही है। भूपेश बघेल के साथ उनकी केमिस्ट्री देखते हुए कई नेता मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों का प्रभारी प्रियंका को बनाने की मांग कर रहे हैं।