राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

मोदी पस्त और भाजपा में सब ठहरा!

चुनावी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश सिंड्रोम से गुजर रही है। ध्यान रहे हिमाचल प्रदेश में पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा मामूली अंतर से हार गई थी। उसे कांग्रेस से सिर्फ एक फीसदी कम वोट मिले थे और उतने से 15 सीटों का अंतर आ गया। हिमाचल में भाजपा की हार का मुख्य फैक्टर यह था कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को लेकर चुनाव से पहले अनिश्चितता बढ़ गई थी। भाजपा ने इसे दूर करने का प्रयास किया लेकिन अंत तक यह चर्चा होती रही कि अगर भाजपा जीतेगी तो जयराम ठाकुर सीएम नहीं बनेंगे। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक के नाम की चर्चा होती रही।

ठीक इसी तरह की स्थिति कई राज्यों में बन गई है, जहां इस साल चुनाव होने वाले हैं। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बारे में वैसी ही चर्चा है है, जैसी हिमाचल में चुनाव से पहले जयराम ठाकुर के बारे में थी। कहा जा रहा है कि अगर भाजपा चुनाव जीती तो शिवराज मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले उनको हटाया जा सकता है और नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, जैसा उत्तराखंड और गुजरात में किया गया था। एक चर्चा यह भी है कि चुनाव से पहले ऐलान कराया जा सकता है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे और उसके बाद केंद्रीय राजनीति में जाएंगे या संगठन का काम करेंगे। इस तरह की चर्चाओं से भाजपा को नुकसान हो रहा है।

राजस्थान में भी यही स्थिति है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी ताकत दिखा रही हैं तो दूसरी ओर यह चर्चा है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस बार मौका नहीं देना चाहते। बताया जा रहा है कि भाजपा बिना कोई चेहरा घोषित किए चुनाव लड़ेगी और जीतने के बाद वसुंधरा मुख्यमंत्री नहीं बनेंगी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर सांसद राज्यवर्धन राठौड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला तक के नाम की चर्चा है। छत्तीसगढ़ में यह लगभग तय लग रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह चेहरा नहीं बनने वाले हैं। सो, दोनों राज्यों में चेहरों की अनिश्चितता की वजह से भाजपा के लिए मुश्किल हो रही है।

उधर कर्नाटक में भी ऐसी चर्चा है कि अगर भाजपा चुनाव जीतती है तो मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की जगह दूसरा मुख्यमंत्री बनेगा। इससे चुनावी राज्य में भाजपा काडर के बीच कंफ्यूजन है। हरियाणा में खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मान चुके हैं कि शायद अब वे मुख्यमंत्री नहीं बनें। उनकी जगह कौन लेगा, इसे लेकर कंफ्यूजन है। महाराष्ट्र में समय से पहले चुनाव की चर्चा है लेकिन चेहरा तय नहीं है। देवेंद्र फड़नवीस को उप मुख्यमंत्री बना कर उनका कद कम किया जा चुका है और कहा जा रहा है कि अगर भाजपा को सरकार बनाने का मौका मिलता है तो फड़नवीस सीएम नहीं बनेंगे। झारखंड में बाबूलाल मरांडी स्वाभाविक पसंद हैं लेकिन अर्जुन मुंडा, रघुवर दास से लेकर कई दूसरे नामों की चर्चा भी समान रूप से हो रही है।

Tags :

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *