बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र के अलावा लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए सबसे ज्यादा चिंता वाला प्रदेश पश्चिम बंगाल है। पिछली बार वहां उसे 18 सीटें मिल गई थीं। यह छप्पर फाड़ जीत थी। दो से सीधे 18 सीट पर पहुंची थी भाजपा। सो, इस बार इन सीटों को बचाने और इसमें बढ़ोतरी करने की बड़ी चुनौती भाजपा के सामने है। पर सवाल है कि यह काम ममता बनर्जी के परिवार को परेशान करके कैसे होगा? क्या भाजपा यह सोच रही है कि ममता बनर्जी को भी मायावती की तरह घर बैठाया जा सकता है? इसका दूसरा पहलू यह है कि अगर केंद्रीय एजेंसियां ममता के परिवार को परेशान करती हैं तो क्या इससे बांग्ला अस्मिता और बाहरी-भीतरी की लड़ाई बनाने में ममता बनर्जी को मदद नहीं मिलेगी? आखिर इसी एजेंडे पर ममता ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को हरा कर बड़ी जीत हासिल की थी। वे हाल के कुछ घटनाक्रम को लेकर फिर ऐसा मुद्दा बना सकती हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजिरा बनर्जी को दुबई जाने से रोक दिया। कोलकाता में हवाईअड्डे पर रूजिरा और उनके दो बच्चों को यात्रा करने से रोका गया। ईडी ने उनको लुकआउट नोटिस दिखाया और वही पर उनको समन जारी कर दिया कि आठ जून को वे कोयला तस्करी के मामले में पूछताछ के लिए हाजिर हों। ध्यान रहे केंद्रीय एजेंसियां पहले रूजिरा से पूछताछ कर चुकी हैं। पिछले दिनों शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिषेक बनर्जी से भी पूछताछ की गई है। ममता की पार्टी इसका मुद्दा बना रही है। याद करें कैसे विधानसभा चुनाव से पहले जब पहली बार एजेंसी अभिषेक के घर पूछताछ के लिए पहुंची थी तो उससे पहले ममता वहां से अभिषेक के बच्चे को गोद में लेकर निकली थीं। अब उस बच्चे और उसकी मां को हवाईअड्डे पर रोका गया है। जाहिर है कि यह बांग्ला भद्रलोक के लिए भावनात्मक मुद्दा बनेगा।