nayaindia BCCI Will Retire Dhoni Jersey धोनी की जर्सी रिटायर करेगा बीसीसीआई

धोनी की जर्सी रिटायर करेगा बीसीसीआई

Mahendra Singh Dhoni :- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर के रूप में संन्यास लेने के तीन साल बाद पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की प्रतिष्ठित नंबर 7 जर्सी को रिटायर करने का फैसला किया है। यह कदम भारतीय क्रिकेट में धोनी की विरासत के सम्मान का प्रतीक है, जो उनके संन्यास के साथ एक युग के अंत का प्रतीक होगा। यह एक संकेत है जो खेल पर उनके विशाल प्रभाव को स्वीकार करता है। साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि उनका जर्सी नंबर हमेशा मैदान पर उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों और नेतृत्व के साथ जुड़ा रहेगा। पूर्व कप्तान ने नंबर 7 पर रहते हुए भारत को सफेद गेंद में तीनों आईसीसी खिताब टी20 विश्व कप 2007, वनडे विश्व कप 2011 और चैंपियंस ट्रॉफी 2013 जीताया। सचिन तेंदुलकर इस तरह का सम्मान पाने वाले एकमात्र अन्य क्रिकेटर थे।

2017 में उनके शानदार करियर और खेल में योगदान को श्रद्धांजलि देते हुए, उनकी प्रतिष्ठित नंबर 10 जर्सी को भी रिटायर कर दिया गया था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई ने राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों, खासकर नए खिलाड़ियों को सूचित किया है कि उनके पास तेंदुलकर और धोनी से जुड़े नंबरों का विकल्प नहीं है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “युवा खिलाड़ियों और वर्तमान भारतीय टीम के खिलाड़ियों को एम एस धोनी की नंबर 7 जर्सी नहीं चुनने के लिए कहा गया है। बीसीसीआई ने खेल में उनके योगदान के लिए धोनी की टी-शर्ट को रिटायर करने का फैसला किया है। एक नए खिलाड़ी को जर्सी नंबर 7 नहीं मिल सकता और नंबर 10 पहले से ही उपलब्ध नंबरों की सूची से बाहर था।

जबकि आईसीसी आमतौर पर खिलाड़ियों को 1 से 100 तक कोई भी नंबर चुनने की अनुमति देता है। भारत में जर्सी नंबर के लिए उपलब्ध विकल्पों पर सीमाएं हैं। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, “वर्तमान में भारतीय टीम के नियमित खिलाड़ियों और दावेदारों के लिए लगभग 60 नंबर दिए जा चुके हैं। इसलिए भले ही कोई खिलाड़ी लगभग एक साल तक टीम से बाहर हो, हम उसका नंबर किसी नए खिलाड़ी को नहीं देते हैं। इसका मतलब है कि हाल ही में डेब्यू करने वाले खिलाड़ी के पास चुनने के लिए केवल 30 से अधिक संख्याएं होती हैं। जर्सी रिटायर के जरिए यह टीमों के लिए इन दिग्गजों को श्रद्धांजलि देने और यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है कि उनका प्रभाव हमेशा याद रखा जाए। (आईएएनएस)

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