भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे, रवींद्र जडेजा ने टेस्ट क्रिकेट में एक ऐसा कीर्तिमान स्थापित कर दिया है, जो अब तक कोई अन्य खिलाड़ी नहीं कर सका।
रवींद्र जडेजा अब तक टेस्ट क्रिकेट की रैंकिंग में सबसे लंबे समय तक नंबर वन ऑलराउंडर बने रहने वाले खिलाड़ी बन चुके हैं। यह एक ऐसी उपलब्धि है, जो उनके समर्पण, मेहनत और निरंतर प्रदर्शन का प्रमाण है।
रवींद्र जडेजा को अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन ऑलराउंडर बने हुए 1152 दिन हो चुके हैं। यह अपने आप में एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है, क्योंकि इससे पहले कोई भी खिलाड़ी इतने लंबे समय तक इस शीर्ष स्थान को नहीं संभाल सका।
उनकी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में महारत ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। वे न सिर्फ भारतीय टीम के लिए एक भरोसेमंद खिलाड़ी हैं, बल्कि विपक्षी टीमों के लिए एक चुनौती भी हैं।
इस ऐतिहासिक पल पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भी उन्हें खास अंदाज़ में बधाई दी। बोर्ड ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि यह भारत के लिए गर्व का क्षण है और जडेजा की यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट के गौरव को और भी ऊंचा करती है।
रवींद्र जडेजा का यह रिकॉर्ड आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर आत्मविश्वास, अनुशासन और कड़ी मेहनत हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके करियर का स्वर्णिम अध्याय है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में भी सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुकी है।
Record Alert 🚨
Say hello 👋 to the longest-reigning Number 1⃣ All-rounder in Tests!
Congratulations, Ravindra Jadeja 🫡#TeamIndia | @imjadeja pic.twitter.com/tCVPBOEw3Y
— BCCI (@BCCI) May 15, 2025
रवींद्र जडेजा का टेस्ट करियर
रवींद्र जडेजा भारतीय क्रिकेट टीम के ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने हरफनमौला प्रदर्शन से न सिर्फ अपनी उपयोगिता साबित की है, बल्कि भारत को कई बार मुश्किल हालात से उबारा भी है।
बाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज के रूप में रवींद्र जडेजा का करियर बेहद शानदार और प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में खुद को एक भरोसेमंद ऑलराउंडर के रूप में स्थापित किया है।
अब तक रवींद्र जडेजा ने 80 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 34.74 की बेहतरीन औसत से 3,370 रन बनाए हैं। यह आंकड़ा एक गेंदबाजी ऑलराउंडर के लिए बेहद प्रभावशाली है।
इस दौरान उन्होंने 4 शतक और 22 अर्धशतक लगाए हैं, जो यह दर्शाता है कि जब भी टीम को ज़रूरत पड़ी, रवींद्र जडेजा ने बल्ले से शानदार योगदान दिया। उनकी बल्लेबाज़ी में तकनीक, धैर्य और आक्रमण का बेहतरीन संतुलन देखने को मिलता है।
सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं, गेंदबाजी में भी रवींद्र जडेजा ने अपना लोहा मनवाया है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अब तक 323 विकेट झटके हैं।
उनकी गेंदबाजी की सबसे खास बात यह रही है कि वह लगातार एक जैसी लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी कर विरोधी बल्लेबाजों पर दबाव बनाते हैं। साल 2019 में उन्होंने एक बड़ा कीर्तिमान अपने नाम किया, जब वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ 200 विकेट लेने वाले लेफ्ट-आर्म बॉलर बने।
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में वह सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे, जिससे उनका आत्मविश्वास और अधिक बढ़ा और उन्होंने टेस्ट में भी अपनी काबिलियत दिखानी शुरू कर दी। वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो हर परिस्थिति में टीम के लिए योगदान देने का माद्दा रखते हैं, चाहे वह बल्लेबाजी हो, गेंदबाजी या फील्डिंग।
टेस्ट क्रिकेट से रोहित-विराट का संन्यास
जहां एक ओर रवींद्र जडेजा अपने करियर के सुनहरे दौर में हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक युग का अंत होता दिख रहा है। टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे से पहले ही कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी है।
इसके बाद विराट कोहली ने भी 12 मई को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। इन दोनों दिग्गजों के संन्यास से भारतीय टीम के लिए एक नई शुरुआत की चुनौती खड़ी हो गई है। अब देखना यह होगा कि इंग्लैंड दौरे के लिए किसे नया टेस्ट कप्तान बनाया जाता है और क्या रवींद्र जडेजा इस नई जिम्मेदारी में कोई भूमिका निभाएंगे?
एक बात निश्चित है कि रवींद्र जडेजा भारतीय टेस्ट क्रिकेट के उन सितारों में से एक हैं, जिन्होंने हर मोर्चे पर खुद को साबित किया है। आने वाले वर्षों में भी उनसे शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है और शायद वह भारतीय टेस्ट टीम की अगली पीढ़ी के मार्गदर्शक भी बनें।
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