रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की किस्मत एक बार फिर से उन्हीं पुराने पैटर्न पर लौटती नजर आई जब 18 अप्रैल को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में विराट कोहली की टीम को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
श्रेयस अय्यर की कप्तानी में पंजाब किंग्स ने मेजबान टीम को 5 विकेट से हराकर यह साबित कर दिया कि इस सीजन में भी RCB को खुद को साबित करने के लिए लंबा रास्ता तय करना होगा।
इस मैच की सबसे बड़ी निराशा रहे विराट कोहली, जो मात्र 1 रन बनाकर आउट हो गए। कोहली की इस असफलता का सीधा असर RCB की पूरी बल्लेबाजी पर देखने को मिला, और टीम महज 95 रनों पर ढेर हो गई।
इतने कम स्कोर का बचाव करना किसी भी टीम के लिए मुश्किल होता है, और पंजाब किंग्स ने बिना ज्यादा परेशानी के लक्ष्य को हासिल कर लिया।
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इस हार में एक और दिलचस्प और चिंताजनक तथ्य यह था कि कोहली की नाकामी और RCB की हार—दोनों ही घटनाएं उसी तारीख यानी 18 अप्रैल को हुईं।
ये महज इत्तेफाक नहीं लगता, बल्कि अब यह तारीख मानो RCB और विराट कोहली के लिए एक अपशकुन बन गई है। IPL के 18वें सीजन में भी यह ‘मनहूस तारीख’ टीम का पीछा नहीं छोड़ रही है।
RCB के फैंस के लिए यह हार न केवल निराशाजनक रही, बल्कि यह कई सवाल भी खड़े करती है—क्या टीम दबाव में टूट जाती है? क्या विराट कोहली अब भी टीम को लीड करने में सक्षम हैं, या उन्हें नई रणनीति अपनानी होगी? क्या यह सिर्फ एक खराब दिन था, या फिर टीम की गहराई में कोई बड़ी खामी छुपी है?
एक बात तो साफ है कि जब तक RCB इन सवालों के जवाब नहीं ढूंढ़ती और मैदान पर अपने प्रदर्शन में निरंतरता नहीं लाती, तब तक ‘ई sala cup namde’ केवल एक सपना ही बना रहेगा।
18 अप्रैल RCB और कोहली के लिए अनलकी
क्रिकेट के मैदान पर कुछ तारीखें होती हैं जो इतिहास में अपनी एक खास पहचान छोड़ जाती हैं — कभी जीत की कहानी बनकर, तो कभी हार की कसक बनकर।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और विराट कोहली के लिए 18 अप्रैल एक ऐसी ही तारीख है, जो बार-बार याद दिलाती है कि किस तरह भाग्य भी कभी-कभी खेल के समीकरण बदल देता है।
आईपीएल 2008 — यह वो साल था जब इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत हुई थी। 18 अप्रैल को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में पहला मुकाबला खेला गया।
कप्तान राहुल द्रविड़ की अगुवाई में RCB ने टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ खेला। लेकिन जोश और उम्मीदों से भरे इस पहले मैच में RCB का सामना इतिहास की सबसे करारी हारों में से एक से हुआ।
कोलकाता के ओपनर ब्रेंडन मैक्कुलम ने तूफानी पारी खेलते हुए सिर्फ 73 गेंदों में 158 रन जड़ दिए और KKR ने बोर्ड पर 222 रनों का विशाल स्कोर टांग दिया।
RCB की टीम सिर्फ 82 रनों पर सिमटी
जवाब में RCB की टीम सिर्फ 82 रनों पर सिमट गई। इस मैच में विराट कोहली, जो उस समय करियर की शुरुआत कर रहे थे, मात्र 1 रन बनाकर पवेलियन लौटे। RCB को 140 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा, और यह तारीख बन गई बेंगलुरु के लिए ‘मनहूस’ दिन की शुरुआत।
अब 17 साल बाद, आईपीएल 2025 के 18वें सीजन में भी वही तारीख (18 अप्रैल), वही मैदान (एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम) और फिर से एक बेहद निराशाजनक कहानी।
इस बार विरोधी टीम थी पंजाब किंग्स, और नतीजा फिर से RCB के पक्ष में नहीं गया। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए RCB की टीम महज़ 95 रन पर ढेर हो गई — वो भी सिर्फ 14 ओवरों में। जवाब में पंजाब ने यह लक्ष्य केवल 11 गेंदें बाकी रहते आसानी से हासिल कर लिया।
सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि इस मैच में भी विराट कोहली का स्कोर वही रहा — सिर्फ 1 रन। जैसे मानो 2008 की परछाईं एक बार फिर 2025 में उतर आई हो।
RCB के फैंस के लिए यह तारीख एक बार फिर निराशा और अफसोस की वजह बन गई। यह एक संयोग भर है या फिर कोई अजीब सी किस्मत का खेल
लेकिन इतना तो तय है कि 18 अप्रैल, विराट कोहली और RCB के क्रिकेट इतिहास में एक ऐसी तारीख बन चुकी है जिसे वे शायद भूलना चाहें, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों को यह दिन हमेशा याद रहेगा। क्या आने वाले सालों में RCB इस ‘अनलकी’ तारीख का इतिहास बदल पाएगी? यही देखना दिलचस्प होगा।
विराट कोहली का निराशाजनक प्रदर्शन
आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की शुरुआत कुछ खास नहीं रही है, खासकर जब बात आती है उनके होमग्राउंड एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम की।
टीम ने अब तक अपने घरेलू मैदान पर तीन मुकाबले खेले हैं और हैरानी की बात यह है कि उसे तीनों मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि टीम के सबसे बड़े स्टार और पूर्व कप्तान विराट कोहली इन तीनों मैचों में बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए हैं।
RCB ने अपने होमग्राउंड का पहला मुकाबला गुजरात टाइटंस के खिलाफ खेला था। इस मैच में विराट कोहली से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन वो मात्र 7 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। टीम की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों ही कमजोर साबित हुईं और गुजरात ने यह मैच आसानी से 8 विकेट से अपने नाम कर लिया।
इसके बाद RCB का दूसरा घरेलू मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हुआ। एक बार फिर सभी की निगाहें विराट कोहली पर थीं, लेकिन उन्होंने इस मैच में भी निराश किया और सिर्फ 22 रन बनाकर आउट हो गए। दिल्ली ने इस मैच में भी दमदार प्रदर्शन किया और 6 विकेट से जीत दर्ज की।
IPL 2025 में घर पर लगातार तीसरी हार
तीसरा मैच 18 अप्रैल को पंजाब किंग्स के खिलाफ खेला गया। इस मैच में RCB को हर हाल में जीत की ज़रूरत थी, लेकिन विराट कोहली का खराब फॉर्म जारी रहा और वे केवल 1 रन बनाकर आउट हो गए। पंजाब ने यह मुकाबला भी बड़ी सहजता से 11 गेंद शेष रहते 5 विकेट से जीत लिया।
RCB के फैन्स के लिए यह सीजन अब तक निराशाजनक रहा है। खासकर जब टीम अपने घरेलू मैदान पर जीत का स्वाद नहीं चख पा रही हो और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी निरंतर फ्लॉप हो रहे हों, तो चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। टीम को जल्द ही अपने प्रदर्शन में सुधार लाना होगा, नहीं तो प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होने का खतरा मंडराने लगेगा।
क्या विराट कोहली वापसी कर पाएंगे?
विराट कोहली का फॉर्म RCB की जीत के लिए बेहद अहम है। फैंस को उम्मीद है कि किंग कोहली जल्द ही पुराने रंग में लौटेंगे और टीम को जीत की राह पर ले जाएंगे।
लेकिन अगर कोहली और पूरी टीम इसी तरह फ्लॉप रही, तो RCB के लिए आईपीएल 2025 एक और निराशाजनक सीजन बन सकता है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि अगला मुकाबला टीम और विराट कोहली के लिए कैसा रहता है। क्या RCB अपने होमग्राउंड का सूखा खत्म कर पाएगी? क्या कोहली बल्ले से जवाब देंगे? फैंस बेसब्री से इन सवालों का जवाब ढूंढ़ रहे हैं।