nayaindia wrestler bajrang punia बजरंग पूनिया ने लौटाया पद्मश्री अवार्ड

बजरंग पूनिया ने लौटाया पद्मश्री अवार्ड

नई दिल्ली। एशियाई खेलों में कुश्ती का स्वर्ण पदक जीतने वाले पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है। उन्होंने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर पद्म पुरस्कार लौटाने का घोषणा की और उसके बाद प्रधानमंत्री आवास पहुंच गए अपना पुरस्कार लौटाने। प्रधानमंत्री आवास के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया तो उन्होंने मीडिया के सामने वहीं फुटपाथ पर अपना पद्म पुरस्कार रख दिया। गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपने आंदोलन के बाद पहलवान अपने पदक गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार भी गए थे।

बहरहाल, गुरुवार को कुश्ती महासंघ के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की जीत के बाद ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया। उसके बाद बजरंग पूनिया ने अपना पद्म पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। बजरंग ने शुक्रवार को खुद को ‘असम्मानित पहलवान’ बताते हुए कहा कि महिला पहलवानों के अपमान के बाद वे ऐसी सम्मानित जिंदगी नहीं जी पाएंगे, इसलिए अपना सम्मान लौटा रहे हैं। अब वे इस सम्मान के बोझ तले नहीं जी सकते। गौरतलब है कि बजरंग पूनिया को 12 मार्च 2019 को पद्मश्री पुरस्कार मिला था।

पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर कहा है कि वे भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों के नतीजों के विरोध के रूप में अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटा रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरी स्टेटमेंट है।

उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है- माननीय प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वास्थ्य होंगे। आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे। आपकी इस भारी व्यस्तता के बीच आपका ध्यान हमारी कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं। आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर सेक्सुएल हरैसमेंट के गंभीर आरोप लगाए थे। जह उन महिला पहलवाने ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था। आंदोलित पहलवान जनवरी में अपने घर लौट गए, जब उन्हें सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात कही।

बजरंग पुनिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि तीन महीने बाद तक बृजभूषण पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। बाद में पहलवान फिर आंदोलन पर उतरे तब भी दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया और अंततः पहलवानों को अदालत की शरण में जाना पड़ा। गौरतलब है कि अदालत के आदेश पर बृजभूषण के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। हालांकि उसमें भी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया और अब उन्होंने अपने करीबी संजय सिंह को कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष बनवा दिया है। गौरतलब है कि कुश्ती महासंघ का चुनाव जीतने के बाद बृजभूषण ने कहा था कि दबदबा है और दबदबा रहेगा।

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