बीआरएस, बीजद ने क्यों दूरी बनाई?
उप राष्ट्रपति के चुनाव में सब कुछ वैसे ही हुआ, जैसा सोचा गया था। किसी को अप्रत्याशित नतीजे आने की उम्मीद नहीं थी। आजाद भारत के इतिहास में कभी भी सत्तापक्ष का उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार चुनाव नहीं हारा है। एचडी देवगौड़ा सरकार की ओर से खड़े किए गए उम्मीदवार कृष्णकांत भी बड़े अंतर से चुनाव जीत गए थे। फिर नरेंद्र मोदी की सरकार के उम्मीदवार की हार तो सोची ही नहीं जा सकती थी। सो, जैसे नतीजे उम्मीद के मुताबिक आए वैसे ही पार्टियों का पोजिशनिंग भी उम्मीद के मुताबिक रही। वाईएसआर कांग्रेस ने सरकार के उम्मीदवार का समर्थन...