BJD

  • नवीन पटनायक की पार्टी अब विपक्ष के साथ

    इस बार संसद की तस्वीर कई मायने में बदली हुई है। ओडिशा में लगातार 24 साल तक राज करने के बाद सत्ता से बाहर हुई नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल का इस बार लोकसभा में एक भी सांसद नहीं है। पार्टी के गठन के बाद से यह पहला मौका है, जब निचले सदन में उसका कोई सदस्य नहीं है। लेकिन राज्यसभा में बीजू जनता दल यानी बीजद के नौ सांसद हैं। अब तक बीजद का रवैया भाजपा के साथ समर्थन का रहा है। पिछले 10 साल के नरेंद्र मोदी के शासन में पार्टी ने हर मसले पर सरकार...

  • पांडा से नाराज हैं पटनायक और पांडियन?

    एक्जिट पोल के नतीजों में ओडिशा को लेकर कई एक्स्ट्रीम भविष्यवाणी की गई है। एक अनुमान यह है कि भाजपा 23 में से 20 से ज्यादा सीट जीत जाएगी। इसका मतलब है कि सत्तारूढ़ बीजू जनता दल और कांग्रेस को दो तीन सीटों से संतोष करना होगा। एक्जिट पोल के औसत के मुताबिक भी भाजपा को 15 से 16 सीटें मिल सकती हैं। सवाल है कि क्या केंद्रपाड़ा सीट पर बैजयंत पांडा जीतेंगे? ध्यान रहे अलग अलग कारणों से कुछ सीटों पर पूरे देश की नजर है। जैसे संभलपुर सीट पर, जहां से धर्मेंद्र प्रधान लड़ रहे हैं या पुरी...

  • ओडिशा में अस्मिता का दांव कितना चलेगा

    ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी के नेता न सिर्फ लोकसभा की ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं, बल्कि पार्टी की ओर से यह दावा भी किया जा रहा है कि राज्य में उसकी सरकार बनने जा रही है। लेकिन मुश्किल यह है कि भाजपा के पास ओडिशा में कोई मुद्दा नहीं है और न कोई चेहरा है, जिसको आगे करके वह चुनाव लड़ रही है। भाजपा के पास ले देकर एक अस्मिता का मुद्दा है और उसका टारगेट सिर्फ वीके पांडियन हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन को निशाना बना कर भाजपा चुनाव लड़ रही है। भाजपा के...

  • PM Modi द्वारा पटनायक की स्वास्थ्य समस्याओं पर षड्यंत्र का आरोप

    ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं PM Modi और भारतीय जनता पार्टी के लिए उपहास और मजाक का विषय बनी हुई हैं। जो राज्य की 147 सदस्यीय विधानसभा और 21 लोकसभा सीटों पर नियंत्रण के लिए सत्तारूढ़ बीजू जनता दल से मुकाबला कर रही हैं। 73 वर्षीय मोदी ने बुधवार को बिना कोई सबूत पेश किए दावा किया की नवीन पटनायक के स्वास्थ्य में अचानक गिरावट के पीछे एक साजिश हैं। और 77 वर्षीय मुख्यमंत्री के चिकित्सा इतिहास की जांच के लिए एक समिति गठित करने की कसम खाई। ओडिशा के बारीपदा में एक...

  • भाजपा और बीजद की मिलीजुली लड़ाई?

    ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी को पिछली बार छप्पर फाड़ सीटें मिली थीं। वह एक सीट से बढ़ कर आठ सीट पर पहुंच गई थी। लेकिन लोकसभा के साथ ही हुए विधानसभा चुनाव में तमाम जोर लगाने के बाद भी भाजपा को सिर्फ 23 ही सीटें मिली थीं। तभी नतीजे के बाद कहा गया था कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में चुनाव में थोड़ी बढ़त लेने दी थी। यहां तक कहा गया था कि नवीन पटनायक ने मदद करके भाजपा को आठ सीटें जितवाई थीं। इसका कारण यह बताया जाता है कि नवीन पटनायक अब भी...

  • ओडिशा में किस दिन, कौन शपथ लेगा?

    ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी को पिछली बार छप्पर फाड़ सीटें मिली थीं। वह एक सीट से बढ़ कर आठ सीट पर पहुंच गई थी। लेकिन लोकसभा के साथ ही हुए विधानसभा चुनाव में तमाम जोर लगाने के बाद भी भाजपा को सिर्फ 23 ही सीटें मिली थीं। तभी नतीजे के बाद कहा गया था कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में चुनाव में थोड़ी बढ़त लेने दी थी। यहां तक कहा गया था कि नवीन पटनायक ने मदद करके भाजपा को आठ सीटें जितवाई थीं। इसका कारण यह बताया जाता है कि नवीन पटनायक अब भी...

  • भाजपा-बीजद मिले हुए: राहुल

    ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी को पिछली बार छप्पर फाड़ सीटें मिली थीं। वह एक सीट से बढ़ कर आठ सीट पर पहुंच गई थी। लेकिन लोकसभा के साथ ही हुए विधानसभा चुनाव में तमाम जोर लगाने के बाद भी भाजपा को सिर्फ 23 ही सीटें मिली थीं। तभी नतीजे के बाद कहा गया था कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में चुनाव में थोड़ी बढ़त लेने दी थी। यहां तक कहा गया था कि नवीन पटनायक ने मदद करके भाजपा को आठ सीटें जितवाई थीं। इसका कारण यह बताया जाता है कि नवीन पटनायक अब भी...

  • बीजद से बात बिगड़ी, अकेले लड़ेगी भाजपा

    ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी को पिछली बार छप्पर फाड़ सीटें मिली थीं। वह एक सीट से बढ़ कर आठ सीट पर पहुंच गई थी। लेकिन लोकसभा के साथ ही हुए विधानसभा चुनाव में तमाम जोर लगाने के बाद भी भाजपा को सिर्फ 23 ही सीटें मिली थीं। तभी नतीजे के बाद कहा गया था कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में चुनाव में थोड़ी बढ़त लेने दी थी। यहां तक कहा गया था कि नवीन पटनायक ने मदद करके भाजपा को आठ सीटें जितवाई थीं। इसका कारण यह बताया जाता है कि नवीन पटनायक अब भी...

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