बीजू जनता दल (बीजद) के सुप्रीमो नवीन पटनायक के करीब दो दशक तक सहयोगी रहे पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन ने नौकरी छोड़ दी है और बीजद में शामिल हो गए हैं।
अब उनकी पत्नी सुजाता कार्तिकेयन ने भी आईएएस की नौकरी से वीआरएस ले लिया है। पिछले चुनाव में नवीन पटनायक की हार का बड़ा कारण पांडियन को बताया गया था।
भाजपा ने उनके नाम का नैरेटिव बना दिया था और प्रचारित किया था कि तमिलनाडु के रहने वाले पांडियन को पटनायक अपना उत्तराधिकारी बनाने जा रहे हैं।
इससे ओडिया बनाम तमिल अस्मिता का मुद्दा बना और भाजपा चुनाव जीत गई। इससे पार्टी (बीजद) के अंदर पांडियन का विरोध शुरू हुआ।
पांडियन को लेकर बीजद में फूट
चुनाव खत्म होने के बाद भी (बीजद) पांडियन के साथ विवाद खत्म नहीं हो रहा है। कई नेता वक्फ संशोधन बिल पर पार्टी के रुख में अचानक आए बदलाव और कंफ्यूजन के लिए पांडियन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
गौरतलब है कि राज्यसभा में मतदान से ऐन पहले पार्टी की ओर से कहा गया कि कोई व्हिप जारी नहीं होगा और जिसको जैसे मन हो वैसे वोट करे। इससे पहले पार्टी वक्फ बिल का विरोध कर रही थी।
लेकिन व्हिप जारी नहीं होने का नतीजा यह हुआ कि तीन सांसदों ने बिल के पक्ष में वोट किया, तीन ने विरोध में किया और एक गैरहाजिर हुए। अब झगड़ा बढ़ा है तो चार सांसदों सुलता देब, शुभाशीष खूंटिया, निरंजन बिसी और मानस मंगराज ने पांडियन का साथ दिया है।
दूसरी ओर देबाशीष सामंतरे और मुजीबुला खान विरोध में हैं। सदन में पार्टी के नेता सस्मित पात्रा विदेश निकल गए। अब नवीन पटनायक (बीजद) इस नए विवाद को सुलझाने में लगे हैं।
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