Odisha politics

  • ओडिशा में अखिलेश यादव की सक्रियता

    समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पार्टी का विस्तार उत्तर प्रदेश से बाहर करना चाहते हैं। यह कई राज्यों के चुनाव में दिखा। महाराष्ट्र में उनकी पार्टी काफी सक्रिय रही और कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। उससे पहले मध्य प्रदेश में अखिलेश की पार्टी से कांग्रेस के तालमेल को लेकर विवाद हुआ और कमलनाथ के एक बयान से कांग्रेस को नुकसान भी हुआ। हरियाणा और दिल्ली में भी समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है। बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में पार्टी का आधार रहा है। हालांकि अब वह काफी कम हो गया है। कहा जा...

  • बीजद में पांडियन के खिलाफ मोर्चा

    बीजू जनता दल (बीजद) के सुप्रीमो नवीन पटनायक के करीब दो दशक तक सहयोगी रहे पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन ने नौकरी छोड़ दी है और बीजद में शामिल हो गए हैं। अब उनकी पत्नी सुजाता कार्तिकेयन ने भी आईएएस की नौकरी से वीआरएस ले लिया है। पिछले चुनाव में नवीन पटनायक की हार का बड़ा कारण पांडियन को बताया गया था। भाजपा ने उनके नाम का नैरेटिव बना दिया था और प्रचारित किया था कि तमिलनाडु के रहने वाले पांडियन को पटनायक अपना उत्तराधिकारी बनाने जा रहे हैं। इससे ओडिया बनाम तमिल अस्मिता का मुद्दा बना और भाजपा चुनाव...

  • ओडिशा में कांग्रेस की बड़ी योजना

    कांग्रेस पार्टी ओडिशा में बड़ी राजनीति कर रही है। राहुल गांधी ने अपने चहेते नेता भक्त चरण दास को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वे दलित समुदाय से आते हैं और कुछ समय पहले बिहार के प्रभारी थी। राहुल ने ओडिशा उनके हवाले करके सारे संसाधन उपलब्ध कराने का आदेश दिया है क्योंकि कांग्रेस को लग रहा है कि ओडिशा में वापसी का समय आ गया है। चूंकि 24 साल तक शासन में रहने के बाद बीजू जनता दल हार कर सत्ता से बाहर हुई है और उसके नेता नवीन पटनायक की उम्र बहुत ज्यादा हो गई है। चुनाव में उनकी...

  • पटनायक के साथ ही पांडियन, सुजाता युग समाप्त

    ओडिशा के सबसे पावरफुल नौकरशाह जोड़ी वीके पांडियन और सुजाता कार्तिकेयन का युग समाप्त हो गया है। करीब 20 साल तक लगातार ओडिशा की राजनीति और शासन में सबसे महत्वपूर्ण रहने के बाद दोनों का अधिकारी के रूप में करियर समाप्त हो गया है। सुजाता कार्तिकेयन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस की सर्विस से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से ले ली है। केंद्र सरकार ने उनकी वीआरएस को मंजूरी दे दी है। ध्यान रहे आईएएस अधिकारियों को वीआरएस का नोटिस देने के बाद तीन महीने तक इंतजार करना होता है लेकिन सुजाता के मामले में केंद्र ने इस अनिवार्यता को समाप्त...

  • नवीन पटनायक योद्धा क्षत्रप हैं

    भारत के प्रादेशिक क्षत्रपों की कई श्रेणियां हैं। एक श्रेणी उन क्षत्रपों की है, जो कांग्रेस के साथ गठबंधन में होते हैं और भाजपा से लड़ते हैं। दूसरी श्रेणी उन क्षत्रपों की है, जो भाजपा के साथ रहते हैं और कांग्रेस गठबंधन से लड़ते हैं। एक तीसरी श्रेणी उन क्षत्रपों की है, जो प्रत्यक्ष रूप से किसी के साथ नहीं होते हैं। ऐसे क्षत्रपों में वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी, बीजू जनता दल के नवीन पटनायक और बीआरएस के चंद्रशेखर राव आदि का नाम लिया जा सकता है। हालांकि जगन मोहन रेड्डी और नवीन पटनायक पिछले 10 साल...

  • पटनायक ने सड़क पर दिखाई ताकत

    लोकसभा के साथ और उसके बाद पिछले साल कुल मिला कर आठ राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए। उससे कुछ दिन पहले भी कई राज्यों के चुनाव हुए थे। ऐसे राज्यों में जितनी पार्टी हारी हैं उनके नेता अब भी पस्त पड़े हैं। किसी भी राज्य में हारी हुई पार्टी ने राजनीतिक गतिविधियां नहीं शुरू की हैं। सब अपने जख्म सहलाने और ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने में लगे हैं। तेलंगाना के चंद्रशेखर राव का पूरा परिवार और पार्टी पस्त हैं तो आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी अभी तक चुनावी हार के सदमे से बाहर नहीं निकले हैं। महाराष्ट्र में...

  • बीजू जनता दल की राज्यपाल पर नजर

    ओडिशा में विधानसभा चुनाव के बाद ऐसा लग रहा था कि लगातार 24 साल राज करने के बाद थके हुए नवीन पटनायक सक्रिय विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पाएंगे। लेकिन उन्होंने पहले दिन से सबको गलत साबित किया है। वे लगातार सक्रिय हैं और भाजपा को घेरने का काम कर रहे हैं। अभी उनकी पार्टी की नजर मुख्यमंत्री से ज्यादा राज्यपाल पर लगी है। बीजू जनता दल ने राजभवन में होने वाली गतिविधियों को निशाना बनाते हुए कहा है कि ओडिशा का राजभवन भाजपा का चुनावी वार रूम बन गया है। गौरतलब है कि ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास हैं,...

  • बीजद में एक और सेंध

    भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा में ऑपरेशन लोटस तेज कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के नेता नवीन पटनायक की सक्रियता से भाजपा चिंतित है। उसको लग रहा है कि नवीन पटनायक कोई खेल करें उससे पहले उनको इतना कमजोर कर दिया जाए कि वे खेल करने के लायक नहीं बचें। तभी उनकी पार्टी के दूसरे राज्यसभा सांसद को तोड़ दिया गया है। बीजद के राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने पार्टी और उच्च सदन से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। अब राज्य में उनकी सीट पर उपचुनाव होगा, जिसमें भाजपा उनको प्रत्याशी बना देगी...

  • पांडा से नाराज हैं पटनायक और पांडियन?

    एक्जिट पोल के नतीजों में ओडिशा को लेकर कई एक्स्ट्रीम भविष्यवाणी की गई है। एक अनुमान यह है कि भाजपा 23 में से 20 से ज्यादा सीट जीत जाएगी। इसका मतलब है कि सत्तारूढ़ बीजू जनता दल और कांग्रेस को दो तीन सीटों से संतोष करना होगा। एक्जिट पोल के औसत के मुताबिक भी भाजपा को 15 से 16 सीटें मिल सकती हैं। सवाल है कि क्या केंद्रपाड़ा सीट पर बैजयंत पांडा जीतेंगे? ध्यान रहे अलग अलग कारणों से कुछ सीटों पर पूरे देश की नजर है। जैसे संभलपुर सीट पर, जहां से धर्मेंद्र प्रधान लड़ रहे हैं या पुरी...

  • भाजपा और बीजद की मिलीजुली लड़ाई?

    ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी को पिछली बार छप्पर फाड़ सीटें मिली थीं। वह एक सीट से बढ़ कर आठ सीट पर पहुंच गई थी। लेकिन लोकसभा के साथ ही हुए विधानसभा चुनाव में तमाम जोर लगाने के बाद भी भाजपा को सिर्फ 23 ही सीटें मिली थीं। तभी नतीजे के बाद कहा गया था कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भाजपा को लोकसभा चुनाव में चुनाव में थोड़ी बढ़त लेने दी थी। यहां तक कहा गया था कि नवीन पटनायक ने मदद करके भाजपा को आठ सीटें जितवाई थीं। इसका कारण यह बताया जाता है कि नवीन पटनायक अब भी...

  • पांडियन ने अपने को उत्तराधिकारी घोषित किया

    ओडिशा के पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन ने इस बात का इंतजार नहीं किया कि मुख्यमत्री नवीन पटनायक उनको अपना उत्तराधिकारी घोषित करें। उन्होंने खुद ही अपने को नवीन पटनायक के कथित महान समाजवादी और लोकतांत्रिक मूल्यों का उत्तराधिकारी घोषित कर लिया। पांडियन तमिलनाडु के रहने वाले हैं और ओडिशा कैडर के अधिकारी थे। वे लंबे समय से नवीन पटनायक के निजी सहायक रहे और इस दौरान उन्होंने सरकार के साथ साथ पार्टी के कामकाज पर भी पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया। नवीन पटनायक के करीबी रहे प्यारी मोहन महापात्र के पार्टी से बाहर होने के बाद पांडियन का...

  • नवीन अपना उत्तराधिकारी तय करेंगे?

    ऐसा लग रहा है कि इस बार विधानसभा चुनाव में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी तय कर देंगे। इस बार नवीन पटनायक गंजम जिले की अपनी पारंपरिक हिंजिली सीट के अलावा बोलांगीर जिले की कांटाबांजी सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। वे पहली बार दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे। हिंजिली सीट पर वे सन 2000 से लड़ रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि वे दोनों सीटों पर जीतेंगे और फिर हिंजिली सीट खाली कर देंगे। अपनी इस पारंपरिक सीट पर वे अपने करीबी सहयोगी और पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन की पत्नी सुजाता कार्तिकेयन...

  • कांग्रेस के लिए ओडिशा में मौका

    कांग्रेस पार्टी पिछले 24 साल से ओडिशा में सत्ता से बाहर है। लोकसभा चुनाव में भी उसका वोट आधार लगातार सिमटता गया है और पिछली बार उसे साढ़े 13 फीसदी के करीब वोट मिला था। असल में 15 साल पहले बीजू जनता दल और भाजपा का तालमेल समाप्त होगा और उसके बाद दोनों अलग अलग चुनाव लड़ते हैं। इससे धीरे धीरे कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी हो गई। अब फिर से बीजद और भाजपा साथ आ रहे हैं तो कांग्रेस को मौका बन रहा है कि वह अपने प्रदर्शन में सुधार करे। हालांकि कांग्रेस के केंद्रीय नेता इसके लिए पहले...

  • नवीन के नाम पर ही लड़ेगी बीजद

    ओडिशा में मई में लोकसभा के साथ ही विधानसभा का चुनाव होगा और इस बार भी सत्तारूढ़ बीजू जनता दल अपने नेता नवीन पटनायक के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी। पिछले कुछ दिन से कहा जा रहा था कि नवीन रिटायर होंगे और वीके पांडियन उनके उत्तराधिकारी होंगे। पांडियन ने आईएएस की सेवा से वीआरएस लेकर जब से बीजद ज्वाइन किया है तब से इस बात की चर्चा शुरू हुई है। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि पार्टी नवीन के नाम पर ही चुनाव लड़ेगी और जीतेगी तो नवीन पटनायक ही मुख्यमंत्री बनेंगे। यह सही है कि उन्होंने...

  • नवीन ने भी हिंदू वोटों को मैसेज दिया

    जिस तरह से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल किसी न किसी तरह से हिंदू मतदाताओं को मैसेज देते रहते हैं और अपने को कट्टर हिंदू बताने का प्रयास करते हैं उसी तरह ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी करते हैं। वे लंबे समय तक भाजपा के साथ रहे हैं इसलिए भी जब वे भाजपा के प्रति सद्भाव दिखाते हैं तो लोग उसे मान लेते हैं। उनको पता है कि भाजपा से अलग रहने के बावजूद नवीन पटनायक भाजपा से दूर नहीं हैं। वे नीतिगत मामलों में केंद्र की भाजपा सरकार को समर्थन देते हैं। बदले में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से...

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