समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पार्टी का विस्तार उत्तर प्रदेश से बाहर करना चाहते हैं। यह कई राज्यों के चुनाव में दिखा। महाराष्ट्र में उनकी पार्टी काफी सक्रिय रही और कई सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। उससे पहले मध्य प्रदेश में अखिलेश की पार्टी से कांग्रेस के तालमेल को लेकर विवाद हुआ और कमलनाथ के एक बयान से कांग्रेस को नुकसान भी हुआ।
हरियाणा और दिल्ली में भी समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है। बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में पार्टी का आधार रहा है। हालांकि अब वह काफी कम हो गया है। कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव इन राज्यों में पार्टी ईकाई को सक्रिय करने में लगे हैं। इनके अलावा वे ओडिशा में सपा का आधार बनाने की तैयारी में हैं।
ओडिशा में अखिलेश यादव की सक्रियता से कांग्रेस में खलबली
कहा जा रहा है कि ओडिशा में समाजवादी धारा की राजनीति पूरी तरह से नवीन पटनायक के ऊपर थी। उनकी पार्टी पिछले 24 साल से राज कर रही थी और उस वजह से दूसरी समाजवादी पार्टियों के लिए स्पेस नहीं बन रहा था। उनके हारने के बाद वहां भाजपा विरोधी सभी पार्टियों को संभावना दिख रही है। तभी पिछले दिनों अखिलेश यादव ने राज्य के पुराने नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना से मुलाकात की।
असल में अखिलेश जगन्नाथ पुरी के दर्शन को गए थे। वहां वे श्रीकांत जेना से मिले और साथ में मीडिया से बात की। उन्होंने यह भी कह दिया कि अगर जेना जैसे नेता साथ आएं तो सामाजिक न्याय की लड़ाई मजबूत होगी। ध्यान रहे जेना अभी कांग्रेस में हैं और इसलिए अखिलेश की मुलाकात से कांग्रेस में खलबली है। ध्यान रहे नवीन पटनायक के चुनाव हारने के बाद कांग्रेस भी उनकी जगह लेने की सक्रिय राजनीति कर रही है। सपा की राजनीति ने कांग्रेस को धर्मसंकट में डाल दिया है।
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