Caste survey

  • आंध्र प्रदेश सरकार में जाति गणना होगी

    ऐसा लग रहा है कि भारतीय जनता पार्टी को छोड़ कर देश की बाकी सभी पार्टियां अंततः जाति गणना शुरू कराएंगी या कराने का ऐलान करेंगी। एकाध प्रादेशिक पार्टियों को छोड़ कर ज्यादातर सत्तारूढ़ प्रादेशिक पार्टियां जाति गणना करवा रही हैं। बिहार के बाद ओडिशा ने अपने यहां हुई जाति गणना के आंकड़े जारी किए और अब आंध्र प्रदेश सरकार ने जाति गणना कराने का ऐलान कर दिया है। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश में अगले साल लोकसभा के साथ ही विधानसभा का चुनाव होने वाला है। उसे पहले जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने जाति गणना कराने की घोषणा...

  • जाति गणना से नीतीश को फायदा!

    बिहार में जातिगत सर्वेक्षण के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। हालांकि इससे जुड़ा मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है लेकिन चूंकि आंकड़े जारी करने पर कोई रोक नहीं थी तो सरकार ने इसे जारी कर दिया। इसके मुताबिक बिहार में पिछड़ों की आबादी 63 फीसदी है, जिसमें 36 पिछड़ी अत्यंत पिछड़े हैं और 27 फीसदी पिछड़ी जातियां हैं। इसमें मुस्लिम पिछड़ों की संख्या शामिल है। हिंदू सवर्णों की आबादी महज साढ़े 10 फीसदी है और अनुसूचित जाति व जनजातियों की आबादी करीब 22 फीसदी है। कुल मुस्लिम आबादी 17.7 फीसदी है, जिसमें करीब पांच फीसदी सवर्ण हैं। जाति...

  • भाजपा को क्यों चिंता हो रही है?

    बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की चिंता बढ़ी है। पार्टी सारे दांव आजमा रही है कि किसी तरह से जाति गणना का श्रेय उसे भी मिले या यह मैसेज जाए कि वह भी पिछड़ों और अति पिछड़ों की राजनीति करती है। इसके लिए पार्टी के नेता सुशील मोदी ने सोशल मीडिया में दावा किया कि जाति गिनती का फैसला तब हुआ था जब भाजपा सरकार में थी। उन्होंने बड़ी होशियारी से लिखा कि भाजपा सरकार में थी, जबकि सरकार एनडीए की थी, जिसका नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे थे। इतना ही नहीं नीतीश कुमार उस समय के विपक्ष...

  • जातीय सर्वेक्षण और सवाल

    जब अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्षेत्र का हिस्सा घटते हुए लगभग हाशिये पर पहुंच चुका है, सरकारी नौकरियों में आरक्षण से कुछ हजार या लाख लोगों को ही काम मिल सकता है, लेकिन उससे पिछड़े समाज का कायापलट नहीं हो सकता। यह तो साफ है कि बिहार के जातीय सर्वेक्षण से राज्य की सामाजिक संरचना के बारे में कोई आंख खोल देने वाले वाली जानकारी नहीं मिली। बिहार की कुल आबादी में विभिन्न जातीय वर्गों के प्रतिशत के बारे में मोटे तौर पर पहले से मौजूद आम अनुमान के अनुरूप ही जानकारी सामने आई है। तो अब सवाल मौजूं हो गया...

  • नीतीश ने की सर्वदलीय बैठक

    पटना। बिहार में जाति गणना के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी पार्टियों की एक बैठक बुलाई, जिसमें जातियों के आंकड़ों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री सचिवालय में यह बैठक हुई, जो करीब ढाई घंटे तक चली। गौरतलब है कि सोमवार को जातियों के आंकड़े सार्वजनिक किए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिन नौ पार्टियों ने जाति गणना कराने की सहमति दी थी उनके साथ बैठक करके आगे की रूपरेखा बनाएंगे। बैठक में सीपीआई एमएल और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग की। उनकी इस मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश...