डॉ. मनमोहन सिंह और जिमी कार्टर की अंत्येष्टि का फर्क!
Dr. Manmohan and Jimmy Carter funerals : मौत भी कौम और देश की मानवीय बुनावट का अंतर प्रकट करती है! सभ्य-असभ्य, संवेदनशील-असंवेदनशील, संस्कारी-कुसंस्कारी, राम-रावण, दुर्योधन-युधिष्ठर, अच्छे और बुरे के बोध में मानव चेतना यों असंख्य कसौटियां लिए हुए है लेकिन व्यक्ति विशेष के जीवन का वह समय, वे क्षण सर्वाधिक अहम हैं, जब अंतिम सांसों और अंत्येष्टि से वह इहलोक से मुक्त होता है। यदि अंतिम सांसें जीवन की सिद्धि, संतोष में हैं तो मेरा मानना है मनुष्य जीवन धन्य! फिर घर, परिवार या कुनबे या कौम या जीवन साधना के कर्मों की बिरादरी से श्मशान-कब्रिस्तान में अंत्येष्टि गरिमा से...