Europe

  • भारत पर यूरोप से टैरिफ लगवाना चाहता है यूएस

    नई दिल्ली। एक तरफ अमेरिका की टीम व्यापार वार्ता के लिए भारत आई है तो दूसरी ओर अमेरिका यूरोपीय देशों पर दबाव बना रहा है कि वे भारत के ऊपर अतिरिक्त टैरिफ लगाएं। इससे पहले अमेरिका ने जी 7 देशों पर दबाव बनाया था। जी 7 देशों के वित्त मंत्रियों की अमेरिका में हुई बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री ने उनसे कहा था कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाए। अब अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने यूरोपीय देशों से भारत और चीन पर 50 से एक सौ फीसदी तक टैरिफ लगाने की अपील की है। सोमवार को ब्लूमबर्ग...

  • चीन, यूरोप, कनाडा से सीखें कूटनीति

    अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पूरी दुनिया की भू राजनीतिक स्थितियां बदल रही हैं। चाहे अमेरिका के दोस्त देश हों या दुश्मन सबको नई स्थितियों के साथ एडजस्ट होना है क्योंकि ट्रंप ने चौतरफा मोर्चा खोला है। ऐसे मुश्किल समय में एक तरफ अमेरिका के ऑल वेदर फ्रेंड्स यानी ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, कनाडा, भारत आदि देश हैं तो दूसरी ओर चीन, रूस जैसे देश हैं। ट्रंप की राजनीति से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में भारत इकलौता देश है, जिसने शुतुरमुर्ग की तरह रेत में गर्दन गाड़ी है या चुपचाप परदे के पीछे...

  • इरादा बुलंद है, लेकिन..

    ट्रंप ने अमेरिकी कूटनीति में आर्थिक एवं सैनिक ताकत को केंद्रीय महत्त्व दे दिया है। यूरोप की उनकी निगाह में उतनी ही अहमियत है, जितनी उसकी ताकत है। लाजिमी है, यूक्रेन के पक्ष में यूरोपीय प्रस्ताव पर वे उतना ही ध्यान देंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेन्स्की को अमेरिका ने दुत्कार दिया, तो प्रतिक्रिया में यूरोप ने उन्हें अधिक जोश से गले लगाया। पहल ब्रिटिश प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर ने की। उन्होंने लंदन में जेलेन्स्की के लिए लाल कालीन बिछाई और जल्दबाजी में अन्य यूरोपीय देशों के नेताओं का सम्मेलन बुला लिया। इसमें कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भी आए। सम्मेलन...

  • ट्रंप से यूरोप चिंतित

    ट्रंप ने दो टूक कहा है कि राष्ट्रपति बनने पर वे यूक्रेन के लिए अमेरिकी मदद रोक देंगे। इसके अलावा नाटो के बारे में उनकी राय है कि इस सैनिक गठबंधन में यूरोप को अपनी सुरक्षा के अनुपात में खर्च वहन करना होगा। जर्मनी में सोशल डेमोक्रेट्स के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के लिए अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप की जीत की खबर आने का संभवतः इससे खराब समय और नहीं हो सकता था। एक सहयोगी दल से बढ़े टकराव के कारण जर्मनी के चांसलर ओलोफ शोल्ज की अपनी सरकार डगमगा गई है। आम संभावना है कि अगले मार्च में संसदीय...

  • तालिबानी मुसलमानों से योरोप में नफरत

    तालिबान द्वारा यह नया प्रतिबंध महिलाओं को सार्वजनिक रूप से गाने, कविता पढ़ने या ज़ोर से पढ़ने से भी रोकता है क्योंकि उनकी आवाज़ को शरीर का ‘अंतरंग’ हिस्सा माना जाता है। अगस्त के अंत में लागू किया जाने वाला यह तालिबानी आदेश स्वतंत्रता पर कई प्रहारों में से एक है।  महिलाओं को अब ‘प्रलोभन’ से बचने के लिए अपने पूरे शरीर को हर समय ऐसे कपड़ों से ढकना चाहिए जो पतले, छोटे या तंग न हों, जिसमें उनके चेहरे को ढकना भी शामिल है। पिछले कुछ वर्षों से यूरोप की स्थानीय आबादी और बाहर से वहाँ आकर बसे मुसलमानों...

  • फ्रांस ने दिया फॉर्मूला

    फ्रांस में वामपंथी मोर्चा सरकार बना सकेगा या नहीं, अभी यह तय नहीं है। लेकिन उसकी सफलता ने यह जरूर बताया है कि अगर जनता के सामने विश्वसनीय नीतिगत विकल्प रखे जाएं, तो लोग उसे आजमाते जरूर हैं। यूरोपीय संसद के चुनाव में अपने देश में धुर-दक्षिणपंथी नेशनल रैली की बड़ी जीत के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संसद को भंग कर एक बड़ा दांव खेला। उनका दांव था कि पिछले दो मौकों की तरह इस बार भी धुर-दक्षिणपंथ को रोकने के लिए सभी ताकतें उनकी पार्टी के पक्ष में लामबंद हो जाएंगी। लेकिन इस बार उनका दांव...

  • यूरोप में क्यों धुर दक्षिणपंथ लोकप्रिय हो रहा?

    अमेरिका और यूरोप का अनुभव यह है कि जहां और जब कभी धुर दक्षिणपंथी ताकतों के हाथ में सत्ता आई है, तब भी विदेश नीति में लगभग कोई फर्क नहीं पड़ा है। यह दीगर बात है कि सत्ता से बाहर रहने पर ये ताकतें विदेश नीति से उत्पन्न तत्कालीन असंतोष का फायदा उठाने के लिए भ्रामक संकेत देती हैं। तो यह स्पष्ट है कि धुर दक्षिणपंथ ना तो कोई नई परिघटना है और ना ही उससे संबंधित देश की मूलभूत विदेश एवं आर्थिक नीतियों पर कोई फर्क पड़ता है। वैसे तो यूरोप में धुर-दक्षिणपंथ (Far-Right) के उभार का शोर कुछ...

  • पुर्तगाल में भी धुर-दक्षिण

    धुर-दक्षिण एजेंडे के लिए पुर्तगाल में बढ़े समर्थन को वर्तमान यूरोपीय परिघटना का हिस्सा माना जा रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से पूरे यूरोप में लोकप्रिय रही सोशल डेमोक्रेटिक पार्टियों का शासन अब 27 सदस्यीय यूरोपियन यूनियन के सिर्फ चार देशों में बचा है। socialists party यह भी पढ़ें : अरुण गोयल के इस्तीफे की क्या कहानी पुर्तगाल में अपेक्षा के मुताबिक ही सोशलिस्ट पार्टी के हाथ से सत्ता निकल गई है। लेकिन दक्षिणपंथी डेमोक्रेटिक एलांयस भी निर्णायक जीत हासिल नहीं कर पाया है। इन दोनों पार्टियों को मिले वोट प्रतिशत में मामूली अंतर है। 1974 में तानाशाही...

  • सियारन तूफान ने यूरोप में मचाई भारी तबाही

    Storm Ciaran :- तूफान सियारन ने यूरोप के कई देशों को तबाह कर दिया है, इससे मौतें हुई हैं और चोटें आई हैं, स्कूल बंद हो गए हैं और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। गुरुवार को 100 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से चलने वाली आंधी के कारण, बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स से 50 किमी उत्तर-पश्चिम में गेन्ट शहर के एक पार्क में एक पेड़ गिरने से दो पैदल यात्री घायल हो गए। उनमें से एक की मौत हो गई और दूसरे का पैर टूट गया, स्थानीय पुलिस ने यह पुष्टि की। पुलिस ने बताया कि उसी...

  • राहुल गांधी की चार बातें और उनसे जुड़े सवाल

    विवेकहीनता के मौजूदा माहौल के कारण राहुल गांधी की बातें ताजा हवा के एक झोंके की तरह महसूस हुई हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि झोंके को कैसे एक बड़ी आंधी में बदला जाए, जिससे आज की पॉलिटिकल इकॉनमी के ढांचे की जड़ों को हिलाया जा सके। राहुल गांधी ने इस दिशा में किसी सोच का संकेत अभी तक नहीं दिया है। यह तथ्य उनकी एक बड़ी सीमा बना हुआ है।   राहुल गांधी ने अपनी हाल की यूरोप यात्रा के दौरान ऐसी कम से कम चार ऐसी बातें कहीं, जिन्होंने ध्यान खींचा। इनमें से कुछ बातें राहुल गांधी ने...

  • यूरोप भीषण गर्मी की चपेट में

    Europe News :- इटली और स्पेन में तापमान अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और आने वाले दिनों में इससे भी अधिक तापमान की भविष्यवाणी की गई है। रविवार को इतालवी द्वीप सार्डिनिया, दक्षिणी इतालवी क्षेत्र अपुलीया और स्पेन के ला पाल्मा में 48 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान दर्ज किया गया। यूरोप में तापमान का सर्वकालिक रिकॉर्ड 48.8 डिग्री सेल्सियस है, जो 2021 में सिसिली में स्थापित किया गया था। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के एक अधिकारी ने शिन्हुआ को बताया कि पूरे यूरोप में उच्च तापमान हाल के दिनों में किसी भी समय पिछला रिकाॅॅॅर्ड...

  • असल समस्या है मोनोपॉली

    आईएमएफ की अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो साल के दौरान कंपनियों ने लागत मूल्य में वृद्धि की तुलना में उत्पाद के मूल्य में अधिक वृद्धि की। यही मुनाफाखोरी यूरोप में महंगाई का प्रमुख कारण है। दुनिया गुजरे डेढ़ साल से असामान्य महंगाई झेल रही है, लाजिमी है कि इसके कारणों पर अर्थशास्त्रियों के बीच बहस चली है। कुछ महीने पहले अमेरिकी अर्थशास्त्री इसाबेला बेवर ने अपना बहुचर्चित शोधपत्र प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने महंगाई का मुख्य कारण कंपनियों की मुनाफाखोरी को बताया। बीते मार्च में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने एक...

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