आर्थिक, या भूल सुधार?
अनेक वस्तुओं एवं सेवाओं पर जीएसटी घटाई गई है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। यह स्वागतयोग्य है। मगर इसे पहले किए गए भूल का सुधार ही माना जाना चाहिए। इससे बहुत ज्यादा उम्मीद जोड़ने की जरूरत नहीं है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दो दरें खत्म करने और कुछ वस्तु एवं सेवाओं पर टैक्स में कटौती को भारत सरकार ने “अगली पीढ़ी के सुधार” और “राष्ट्र को दिवाली के ऐतिहासिक उपहार” के रूप में विज्ञापित किया है। यह सत्ता पक्ष के प्रचार क्षमता का ही संकेत है कि मुख्यधारा चर्चाओं के एक बड़े हिस्से में इसे इसी रूप में...