gulam nabi azad

  • गुलाम नबी, कमलनाथ जैसों का क्या ईमान-धर्म?

    अहसानफरामोश तो अहसानफरामोश ही होता है। जिस कांग्रेस ने सब कुछ दिया, या इसको जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी ऐसे भी कहते हैं कि क्या नहीं दिया तो जबउन्होंने कांग्रेस को नहीं बख्शा तो फारुख अब्दुल्ला को स्पेयर करने कासवाल ही नहीं!...कमलनाथ अकेले नहीं हैं। वे अब जाएं या भाजपा द्वारा न लिएजाएं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने अपना अवसरवादी चेहरा दिखादिया। इतना तो 2019 में राहुल गांधी को नहीं मनाया गया था जितना कमलनाथ को कांग्रेस नेता ने अभी मना रहे हैं।कांग्रेसियों ने सारे दावे कर दिए है कि वे नहीं जा रहे। मगर उनके श्रीमुख से अभी...

  • साल भर में ही अकेले, अलग-थलग आज़ाद

    किसी समय देश की राजनीति में बेहद ताकतवर माने जाने वाले गुलाम नबी आज़ाद एक ही वर्ष में गुमनामी में खोने लगे हैं।... आज़ाद कभी भी ताकतवर ज़मीनी नेता नही थे। लगातार दिल्ली में सत्ता में रहने के कारण ताकतवर नेता का लबादा तो उन्होंने ओढ़े रखा था मगर वास्तविकता में ज़मीनी राजनीति से उनका कभी भी कोई लेना-देना नहीं रहा। गलती कांग्रेस की भी रही है कि उसने खुद आज़ाद का कद इतना बड़ा बना दिया था कि एक समय दिल्ली में यह भ्रम सभी को हो चुका था कि आज़ाद बहुत ही ताकतवर नेता हैं।...बड़े-बड़े बुद्धिजीवियों व पत्रकारों,...

  • अमरिंदर वाली गति को प्राप्त होंगे आजाद

    कांग्रेस छोड़ कर अलग आजाद कश्मीर पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद को लेकर अभी जिस तरह की चर्चा हो रही है कोई डेढ़ साल पहले उसी तरह की चर्चा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री केप्टेन अमरिंदर सिंह को लेकर भी हो रही थी। उन्होंने भी कांग्रेस छोड़ी थी और पंजाब लोक कांग्रेस नाम से पार्टी बनाई थी। पिछले साल यानी 2022 के फरवरी के चुनाव के लिए भाजपा ने उनकी पार्टी के साथ तालमेल किया था। लेकिन अंत नतीजा क्या निकला? कैप्टेन की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली और भाजपा दो सीट पर रह गई, जबकि पंजाब में...

  • आजाद को सचमुच बंगले की चिंता!

    गुलाम नबी आजाद को क्या सचमुच अपने बंगले की चिंता है, जिसकी वजह से वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुल कर तारीफ कर रहे हैं और सोनिया व राहुल गांधी को निशाना बना रहे हैं? इसमें संदेह नहीं है कि कोई इतना बड़ा नेता सिर्फ बंगले की चिंता में अपनी पूरी राजनीति दांव पर नहीं लगाता है। इसलिए बंगले के साथ साथ कुछ और भी राजनीतिक कारण हैं। लेकिन बंगला और सुरक्षा ये दो मुख्य कारण हैं। असल में गुलाम नबी आजाद के पास दिल्ली के साउथ एवेन्यू में तो बंगला है ही जम्मू कश्मीर में भी एक बंगला है।...

  • भाजपा का मिशन राहुल अभी पूरा नहीं हुआ

    भारतीय जनता पार्टी का मिशन राहुल अभी पूरा नहीं हुआ है। उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गई है और वे कई तरह के कानूनी मुकदमों में उलझे हैं। सोशल मीडिया के प्रचार के जरिए राहुल को पप्पू और मंदबुद्धि साबित किया जा चुका है। इसके बावजूद उनके ऊपर काम चल रहा है। गुलाम नबी आजाद का ताजा बयान इसकी मिसाल है। ध्यान रहे राहुल गांधी पर हमला करके राहुल गांधी को कुछ हासिल नहीं होना है। उन्होंने जब कांग्रेस छोड़ी थी तभी पांच पन्नों की एक चिट्ठी सोनिया गांधी को लिखी थी और उस समय प्रेस कांफ्रेंस करके उन्होंने...