गुलाम नबी, कमलनाथ जैसों का क्या ईमान-धर्म?
अहसानफरामोश तो अहसानफरामोश ही होता है। जिस कांग्रेस ने सब कुछ दिया, या इसको जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी ऐसे भी कहते हैं कि क्या नहीं दिया तो जबउन्होंने कांग्रेस को नहीं बख्शा तो फारुख अब्दुल्ला को स्पेयर करने कासवाल ही नहीं!...कमलनाथ अकेले नहीं हैं। वे अब जाएं या भाजपा द्वारा न लिएजाएं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने अपना अवसरवादी चेहरा दिखादिया। इतना तो 2019 में राहुल गांधी को नहीं मनाया गया था जितना कमलनाथ को कांग्रेस नेता ने अभी मना रहे हैं।कांग्रेसियों ने सारे दावे कर दिए है कि वे नहीं जा रहे। मगर उनके श्रीमुख से अभी...