Jharkhand Politics

  • झारखंड पर दिखेगा बिहार के झगड़े का असर!

    बिहार में राष्ट्रीय जनता दल का झगड़ा सिर्फ कांग्रेस के साथ नहीं है, बल्कि कम्युनिस्ट पार्टियों और साथ साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा से भी है। जेएमएम और राजद में तो जम कर जुबानी जंग हो रही है। दोनों पार्टियों के प्रवक्ता एक दूसरे के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जेएमएम के नेता और राज्य सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राजद पर ‘धूर्तता’ का आरोप लगाया। इस पर राजद के नेता भी भड़के हुए हैं। असल में कुछ दिन पहले ऐलान किया गया था कि जेएमएम को महागठबंधन में शामिल किया जा रहा...

  • हेमंत सोरेन की जैसे को तैसा वाली राजनीति

    भारतीय जनता पार्टी के केंद्र सरकार और राज्यों की सरकारें बाकी कामकाज के अलावा एक काम नाम बदलने का भी करती है। सड़कों के नाम बदले गए हैं, रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए, शैक्षिक व शोध संस्थानों के नाम बदले गए और पिछले दिनों उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने तो एक साथ दर्जनों गांवों के नाम भी बदल दिए। इसके मुकाबले विपक्षी पार्टियों की सरकारें नाम बदलने का काम नहीं करती हैं या कम करती हैं। परंतु झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जैसे को तैसा राजनीति कर दी है। उन्होंने अपने राज्य की एक यूनिवर्सिटी का नाम बदल...

  • कांग्रेस ने हेमंत को मुश्किल में डाला

    झारखंड में हेमंत सोरेन को कभी भी अपनी पार्टी की चिंता करने की जरुरत नहीं पड़ती है लेकिन उनको 24 घंटे अपनी सहयोगी कांग्रेस के बारे में सोचते रहना होता है। हेमंत ने पिछले पांच साल कांग्रेस के विधायकों की चौकीदारी की तो पार्टी बची थी। अब फिर से कांग्रेस के 16 विधायक जीत गए हैं तो पार्टी ने पहले मंत्री पद तय करने में बहुत समय लगाया, जिसकी वजह से हेमंत सोरेन को अकेले शपथ लेनी पड़ी। उसके बाद जब कांग्रेस के नाम तय हुए तो कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से इसकी जानकारी देने के लिए हेमंत...

  • हेमंत सोरेन के 11 मंत्रियों की शपथ

    रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक हफ्ते बाद हेमंत सोरेन ने मंत्रिमडल का गठन कर दिया। गुरुवार, पांच दिसंबर को राज्यपाल संतोष गंगवार ने 11 मंत्रियों को शपथ दिलाई। राजभवन के अशोक उद्यान में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। 11 मंत्रियों के शपथ के साथ ही पिछले 10 साल में पहली बार सभी मंत्री पद भर दिए गए हैं। इससे पहले रघुवर दास सरकार और पिछली हेमंत सोरेन सरकार में एक मंत्री पद हमेशा खाली रखा गया। बहरहाल, हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम के छह, कांग्रेस के चार और राजद के एक मंत्री को...

  • कांग्रेस के कारण झारखंड में गतिरोध

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कार्य समिति की बैठक में कहा कि प्रदेश के नेता कब तक केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर रहेंगे। उन्होंने यह बात कहते हुए क्या बिल्कुल नहीं सोचा कि झारखंड में किस वजह से गतिरोध है? झारखंड में कांग्रेस की वजह से हेमंत सोरेन को अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी पड़ी। यह कहा गया कि मंत्रिमंडल का गठन बहुमत साबित करने के बाद होगा। सोचें, गठबंधन ने 56 सीटें जीती हैं, जो बहुमत से 15 ज्यादा है। किसी भी गठबंधन को इससे पहले इतना बड़ा बहुमत नहीं मिला है। फिर भी बहुमत साबित करने के बाद...

  • झारखंड में कोई मोलभाव नहीं कर पाएगा

    झारखंड में हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम को 34 सीटें मिली हैं। राज्य में बहुमत का आंकड़ा 41 सीट का है। इसका मतलब है कि हेमंत अकेले दम पर बहुमत से सिर्फ सात सीट दूर हैं। पिछली बार उनको 30 सीटें मिली थीं। चुनाव नतीजों के बाद यह धारणा भी बनी है कि राज्य में जेएमएम की लहर थी, जिस पर सवार होकर कांग्रेस और राजद ने भी अच्छी खासी सीटें जीत ली हैं, अन्यथा इन दोनों पार्टियों के खिलाफ बहुत माहौल था। तभी ऐसा लग रहा है कि इस बार किसी पार्टी के हाथ में मोलभाव करने की ताकत...

  • हेमंत बनाम भाजपा के सात मुख्यमंत्री!

    झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह जुमला गढ़ा है कि भाजपा ने उनके पीछे सात मुख्यमंत्री छोड़ रखे हैं और एक प्रधानमंत्री खुद हैं। हालांकि जो सात नाम वे लेते हैं उनमें से छह लोग पूर्व मुख्यमंत्री हैं। फिर भी हेमंत की टीम ने लोगों की जुबान पर चढ़ जाने वाले जुमले गढ़े हैं। जैसे सात मुख्यमंत्री या हेमंत बनाम हिमंता। गौरतलब है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा झारखंड में चुनाव के सह प्रभारी हैं। चुनावी प्रभारी शिवराज सिंह चौहान हैं लेकिन असल में कमान हिमंता सरमा ही संभाल रहे हैं।...

  • झारखंड में दलबदलू भाजपा का मजाक!

    Jharkhand politics: भारतीय जनता पार्टी का जितना मजाक पिछले पांच साल में झारखंड में बना है उतना देश के दूसरे किसी और राज्य में नहीं बना होगा। इसके बावजूद भाजपा के नेता बाज नहीं आ रहे हैं। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सह प्रभारी बनाए गए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि कांग्रेस के 12 से 14 और झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक दो विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। (Jharkhand politics)  also read: हमारी सरकार बनी तो 200 यूनिट फ्री बिजली देंगे: तेजस्वी यादव झारखंड के संदर्भ में भाजपा नेता का बयान झारखंड...

  • भाजपा करेगी चम्पई सोरेन का इस्तेमाल

    चम्पई सोरेन जब हेमंत सोरेन से बागी हुए तो उनके सामने जीतन राम मांझी की मिसाल थी, जो अभी केंद्र सरकार में मंत्री हैं और उनके बेटे बिहार सरकार में मंत्री हैं। उनको लगा कि वे भी ऐसा कुछ हासिल कर सकते हैं। उनके करीबियों ने मीडिया में यह बात फैलाई कि  चम्पई सोरेन को राज्यसभा की सीट मिल सकती है और वे केंद्र में मंत्री बन सकते हैं क्योंकि झारखंड से भाजपा का कोई आदिवासी मंत्री नहीं है। अर्जुन मुंडा के चुनाव हारने से आदिवासी मंत्री का पद खाली है। यह भी कहा गया कि उनको भाजपा की केंद्र...

  • चम्पई के साथ खेला कहां हुआ?

    झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन कोल्हान इलाके के सम्मानित और लोकप्रिय नेता हैं इसमें कोई संदेह नहीं है। इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि वे बहुत तिकड़मी या राजनीतिक दांवपेंच जानने वाले नेता नहीं हैं। उनके इसी गुण की वजह से 2009 में विधानसभा का उपचुनाव हारने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते समय शिबू सोरेन ने कांग्रेस नेतृत्व के सामने चम्पई सोरेन का नाम पेश किया था। तब शिबू सोरेन ने साफ कर दिया था कि चम्पई नहीं तो चुनाव। वही हुआ भी। तब किसी की सरकार नहीं बनी और चुनाव हुआ। उस घटना के 15 साल...

  • झारखंड पर इतना ध्यान क्यों है?

    यह लाख टके का सवाल है कि विधानसभा के चुनाव जम्मू कश्मीर और हरियाणा में घोषित हो गए हैं और जल्दी ही महाराष्ट्र में भी चुनाव होने वाले हैं लेकिन भाजपा का इतना ज्यादा फोकस झारखंड पर क्यों है? भाजपा ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को झारखंड चुनाव का सह प्रभारी बनाया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दो भारी भरकम विभागों के केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रभारी हैं। इन दोनों के अलावा किसी न किसी तरह से पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता शुभेंदु अधिकारी के भी झारखंड की राजनीति में शामिल...

  • जदयू की झारखंड राजनीति क्या है?

    बिहार में भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी नीतीश कुमार की सारी बातें मान रही है। नीतीश के हिसाब से भाजपा की राजनीति चल रही है। लेकिन क्या झारखंड में भी भाजपा उनकी बात मानेगी? गौरतलब है कि एक समय झारखंड में भी नीतीश का अच्छा खासा असर था और 2005 में भाजपा की सरकार नीतीश की पार्टी के छह विधायकों की मदद से बनी थी। लेकिन बाद में जनता दल यू दो सीटों पर आई और फिर साफ हो गई। दो साल पहले नीतीश कुमार ने झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को राज्यसभा में भेज कर हलचल मचाई थी।...

  • हिमंत सरमा का दांव क्या झारखंड में चलेगा?

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को जिस काम के लिए झारखंड के चुनाव का सह प्रभारी बनाया गया था वह काम वे बखूबी कर रहे हैं। वे असम का पूरा अनुभव लिए हुए हैं और असम के हवाले दावा कर रहे हैं कि झारखंड में भी जनसंख्या संरचना बदल रही है और मुस्लिमों की आबादी बढ़ रही है। असम के अनुभव से वे बहुत मजबूती से यह दावा भी कर रहे हैं कि बांग्लादेश से घुसपैठ हो रही है। उन्होंने सह प्रभारी बनने के बाद एक महीने में झारखंड में एक चुनावी नैरेटिव सेट कर दिया है। उन्होंने ‘लव...

  • झारखंड में जयराम महतो की चुनौती

    झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होने वाला है और उससे पहले जयराम महतो एक चुनौती के तौर पर उभरे हैं। भाजपा, झारखंड मुक्ति मोर्चा और आजसू तीनों पार्टियों के लिए यह खतरे की घंटी है। लोकसभा चुनाव में जयराम महतो ने कम से कम आधा दर्जन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतार कर अपनी ताकत दिखाई। वे खुद गिरिडीह लोकसभा सीट पर चुनाव लड़े थे और उनको तीन लाख 47 हजार वोट मिला था। हालांकि इसके बावजूद भाजपा की सहयोगी आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी जीत गए लेकिन उनका 22 फीसदी घट गया। पिछली बार उनको 57...

  • झारखंड में भाजपा का नया दांव

    झारखंड में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी नियुक्त किए हैं। मध्य प्रदेश के करीब 18 साल तक मुख्यमंत्री रहे केंद्रीय कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। उनके साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सह प्रभारी बनाए गए हैं। सबको पता है कि हिमंत बस्वा सरमा का झारखंड की राजनीति में किसी न किसी रूप में दखल रहा है। अलग अलग घटनाओं के समय उनका नाम उछलता रहा है। इन दोनों के अलावा भाजपा संगठन के प्रभारी पहले से ही...

  • झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए नैरेटिव

    ऐसा लग रहा है कि झारखंड में लोकसभा चुनाव के बीच ही विधानसभा चुनाव के लिए भी नैरेटिव सेट किया जाने लगा है। गौरतलब है कि झारखंड में इसी साल विधानसभा का चुनाव होना है। जानकार सूत्रों का कहना है कि उसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा सबसे अहम होने वाला है। इस नैरेटिव को केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई और उसके बाद मीडिया में छपने वाली खबरों के दम पर मजबूत किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने राज्य सरकार के मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया है। इसके बाद दो...

  • सीता सोरेन से भाजपा को क्या फायदा?

    यह सबको पता है कि भाजपा झारखंड को लेकर पिछले चार से बेचैन है। जब से वह 2019 का चुनाव हार कर सत्ता से बाहर हुई तब से झारखंड में भाजपा ऑपरेशन लोटस के प्रयास में है। कई बार कोशिश हुई और हर बार विफलता हाथ लगी। अब भाजपा दावा कर सकती है कि उसे पहली सफलता हाथ लगी है। उसने झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है। लेकिन यह सफलता जितनी भाजपा की है, उससे ज्यादा सुप्रीम कोर्ट की है। असल में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों...

  • हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ रही हैं

    जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ रही हैं। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सक्रिय राजनीति में उतर गई हैं। उन्होंने गिरिडीह से सक्रिय राजनीति का आगाज किया। वे पार्टी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुईं, जिसके बाद जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माझी ने कहा कि कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। Jharkhand politics Hemant soren उस सीट से इस्तीफा देने वाले जेएमएम विधायक सरफराज अहमद भी इस मौके पर कार्यक्रम में शामिल थे। पर मुश्किल यह है कि सरफराज अहमद को सीट खाली किए हुए तीन महीने हो गए हैं...

  • जेएमएम पर मोदी के हमले का मैसेज

    झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम के नेताओं के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप बहुत पहले से लगते आ रहे हैं। लेकिन संभवतः पहली बार ऐसा हुआ कि प्रधानमंत्री स्तर के किसी नेता ने जेएमएम के नेताओं की बजाय पूरी पार्टी पर हमला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘जेएमएम का मतलब होता है जम कर खाओ पार्टी’। Jharkhand politics इसके साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड में पहले कोयले के ढेर मिलते थे लेकिन अब नोटों के ढेर मिलते हैं। हैरानी की बात है कि नोटों के ढेर वाले नेता का नाम प्रधानमंत्री ने नहीं लिया। उनका इशारा कांग्रेस के...

  • झारखंड में कांग्रेस सांसद भाजपा में शामिल

    रांची। झारखंड के सिंहभूम (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा सोमवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं।कोड़ा भाजपा मुख्यालय में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुईं। Geeta Kora Joins BJP उन्होंने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं।उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज भाजपा में शामिल हो गई। कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति करके देश को संकट में डाल दिया है। पार्टी कहती है कि वह सभी को साथ लेकर चलेगी, लेकिन वह केवल अपने परिवार को साथ लेकर...

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