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  • 52 दरवाजों से जलील की सवारी या खैरे या भुमरे की?

    संभाजीनगर (महाराष्ट्र)। औरंगाबाद दरवाजों का शहर है। लेकिन अब यह औरंगाबाद नहीं, छत्रपति संभाजीनगर के नाम से जाना जाता है। यदि शहर को उसके नए नाम संभाजीनगर (छत्रपति संभाजीनगर का संक्षिप्त संस्करण) से नहीं पुकारा जाता, तो स्थानीय लोग नाराज हो जाते हैं। एक ने तो स्पष्ट शब्दों में मुझसे कहा, "मैडम, संभाजीनगर बोलिए"। औरंगाबाद से श्रुति व्यास बावन दरवाजे वाले संभाजीनगर में इस बार 37 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लेकिन वास्तविक लड़ाई तीन धड़ों और दो उम्मीदवारों के बीच है। दो सेनाएं एक दूसरे के मुकाबिल हैं - शिवसेना (ठाकरे) के उम्मीदवार हैं चन्द्र कांत खैरे (जो...

  • एक दिन में 78 सांसद निलंबित

    नई दिल्ली। भारत के संसदीय इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक दिन में 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। शीतकालीन सत्र के 11वें दिन सोमवार को संसद के दोनों सदनों के 78 सांसदों निलंबित कर दिया गया। दोनों सदनों के 14 सांसद पहले से निलंबित हैं। इस तरह 92 सांसदों को शीतकालीन सत्र की बची हुई अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मसले पर दोनों सदनों में सदस्य हंगामा कर रहे थे और केंद्री गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग कर रहे थे।...

  • राहुल की सदस्यता बहाल करने को चुनौती

    नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। लखनऊ के वकील अशोक पांडे ने इस फैसले को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। गौरतलब है कि मोदी उपनाम से जुड़े मामले में सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल गांधी की सदस्यता 24 मार्च को रद्द की गई थी। हाई कोर्ट ने भी इस मामले में राहुल को राहत नहीं दी थी। हालांकि चार अगस्त को...

  • निलंबन पर कोर्ट जाना ठीक नहीं होगा

    लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का कांग्रेस का आइडिया सही नहीं है। यह सही है कि अधीर रंजन चौधरी को सामान्य सांसद नहीं हैं। वे लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता हैं और इस नाते कई संवैधानिक जिम्मेदारियां उनके पास हैं। वे लोक लेखा समिति के अध्यक्ष हैं, कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य हैं और सीबीआई के निदेशक को नियुक्त करने वाली कमेटी के सदस्य भी हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सदन के अंदर हुए किसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए।...

  • बिना चर्चा के विधेयक पास होने के खतरे

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

  • उपचुनावों का भी असर होगा

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

  • विपक्ष की कितनी बैठक होगी?

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

  • बसपा के नेताओं में बेचैनी

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

  • सत्ता का मद ठीक नहीं

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

  • राहत लेकर राहुल क्या करेंगे?

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

  • तवारीख़ी तहरीर बदलने की ख़ुशबू

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

  • छठे दिन भी नहीं चली संसद

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

  • बिना अदानी पर बोले मोदी विपक्ष पर बरसे

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

  • भाजपा की लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त व गृह मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने छह अगस्त को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार के अपने साप्ताहिक स्तंभ में ‘लेजिस्लेटिंग ऑथोरिटेरियनिज्म’ शीर्षक से लेख लिखा। इस शीर्षक का मोटा-मोटी अनुवाद यह है कि अधिनायकवाद को विधायी रूप देना या विधायी अधिनायकवाद। उन्होंने अपने लेख में संसद में पेश हुए या पास हुए तीन विधेयकों का जिक्र किया।उन्होने बताया कि कैसे इन विधेयकों के जरिए ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, जो कानूनी रूप से सही नहीं हैं। उन्होंने सिर्फ तीन विधेयकों का जिक्र किया लेकिन इनके अलावा भी कई विधेयक हैं, जिनसे...

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