52 दरवाजों से जलील की सवारी या खैरे या भुमरे की?
संभाजीनगर (महाराष्ट्र)। औरंगाबाद दरवाजों का शहर है। लेकिन अब यह औरंगाबाद नहीं, छत्रपति संभाजीनगर के नाम से जाना जाता है। यदि शहर को उसके नए नाम संभाजीनगर (छत्रपति संभाजीनगर का संक्षिप्त संस्करण) से नहीं पुकारा जाता, तो स्थानीय लोग नाराज हो जाते हैं। एक ने तो स्पष्ट शब्दों में मुझसे कहा, "मैडम, संभाजीनगर बोलिए"। औरंगाबाद से श्रुति व्यास बावन दरवाजे वाले संभाजीनगर में इस बार 37 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लेकिन वास्तविक लड़ाई तीन धड़ों और दो उम्मीदवारों के बीच है। दो सेनाएं एक दूसरे के मुकाबिल हैं - शिवसेना (ठाकरे) के उम्मीदवार हैं चन्द्र कांत खैरे (जो...