Mahrashtra politics

  • गोखले, तिलक, सावरकर,चव्हाण,ठाकरे के महाराष्ट्र में यह क्या!

    सत्ता के लोभी, लालची लोगों से राजकीय भाषा बदल गई है। नेताओं के परस्पर व्यवहार व राजकीय संवाद में घोर पतन है। सत्ता के खेल में, लोक संवाद में गैंगेस्टरों की गुंडा भाषा बोली जाने लगी है। राजनीति को गैंग में बदल जो गैंगस्टर भाषा बनी है उसके इन चंद शब्दों पर गौर करें- "हमने बदला लिया है", "इसको सुपारी दी है,”.."हमने कार्यक्रम(खेल ख़तम) किया है," "गद्दार' "खोके ", पीठ में खंजीर खोपना," "ईडी लगाएंगे--जेल में भेजेंगे... आदि, आदि। ये जुमले, ऐसी भाषा भाजपा औरउसकी जूनियर पार्टनर एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेताओं की है। वह भाजपा इस नई राजकीय...

  • अजित पवार को लेकर राहुल, स्टालिन की चिंता!

    शरद पवार के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से इसको लेकर कई तरह के निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं। ज्यादातर विश्लेषक मान रहे हैं कि यह उनका मास्टरस्ट्रोक है और वे पहले से बड़े नेता हो गए हैं। यह निष्कर्ष तभी सही साबित होगा, जब पार्टी पर उनकी पूरी पकड़ बने। अगर वे कार्यकर्ताओं के दबाव में इस्तीफा वापस लेकर अध्यक्ष बने रहते हैं और अपने हिसाब से टीम बनाते हैं या अपनी बेटी सुप्रिया सुले को पार्टी का अध्यक्ष बनवा देते हैं और पार्टी में कोई टूट-फूट नहीं होती है तभी माना जाएगा कि उनकी पूरी पकड़...