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  • यह अब सामान्य है, ढर्रा है!

    साफ दिख रहा था, और वह असहज था तो चेताने वाला भी। उमस से भरी झुलसाती दोपहर में कुछ नौजवान लड़के और महिलाएं फुटपाथ पर चुपचाप खड़े थे, उनके पैरों के पास खाली डिब्बे, टेढ़ी-मेढ़ी बाल्टियाँ, प्लास्टिक की बोतलें थी। वे पानी के टैंकर का इंतज़ार कर रहे थे। न हड़बड़ी में थे, न बातचीत करते हुए- बस एक अजीब-सी ख़ामोशी, जो व्यवस्था, हालतों के आगे लाचारी से उपजी थी। हर कोई गर्दन झुकाए अपने मोबाइल की स्क्रीन में डूबा हुआ था। बड़े, चटक रंगों वाले फोन पर उनके पतले हाथों, और भी पतली ज़िंदगियों की उंगलियाँ स्वाभाविक गति से...

  • रील बनाने वाले मंत्रियों से नाराजगी

    पता नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर इस पर गई है या नहीं और भाजपा के नेताओं ने इसको महसूस किया है या नहीं लेकिन किसी भी हादसे के समय वहां पहुंच कर रील बनवाने वाले मंत्रियों से लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। सोशल मीडिया में लोग इसे अच्छा नहीं मान रहे हैं। वे चाहते हैं कि मंत्री फैसला करें, कार्रवाई करें और नतीजा दें। वे उनकी रील्स नहीं देखना चाहते हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थक और राइट विंग विचार वाले लोग भी इसकी आलोचना करते हैं। अभी टीडीपी के नेता और नागरिक विमानन मंत्री राममोहन नायडू...

  • ‘रील’ में लिपटे, फंसे नौजवान!

    content creator Reels: कल शाम मैं दिल्ली के वसंत विहार में थी। यह इलाका राजधानी का फैशनेबुल हिस्सा है। हालांकि कुछ साल पहले इसकी रौनक में तब बहुत कमी आई जब प्रिया सिनेमाघर को ढहा दिया और यह जगह आवारा कुत्तों और ड्रग्स के प्रेमियों का अड्डा बनी। लेकिन वापिस रौनक लौट आई है। सिनेमाघर दुबारा बन गया और पुराना, सुनहरा, शानदार दौर लौट आया है। वसंत विहार में सभी तरह के रेस्टोरेंट और कॉकटेल बार हैं, जहां नए जमाने के वीगन्स से लेकर सबकी पसंद की चीजें मिलती हैं। also read: IND vs AUS: जिनकी हुई सबसे ज्यादा आलोचना, वही...