पता नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर इस पर गई है या नहीं और भाजपा के नेताओं ने इसको महसूस किया है या नहीं लेकिन किसी भी हादसे के समय वहां पहुंच कर रील बनवाने वाले मंत्रियों से लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। सोशल मीडिया में लोग इसे अच्छा नहीं मान रहे हैं। वे चाहते हैं कि मंत्री फैसला करें, कार्रवाई करें और नतीजा दें। वे उनकी रील्स नहीं देखना चाहते हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थक और राइट विंग विचार वाले लोग भी इसकी आलोचना करते हैं। अभी टीडीपी के नेता और नागरिक विमानन मंत्री राममोहन नायडू निशाने पर हैं। वे अहमदाबाद में विमान हादसे की जगह पर गए तो उनकी रील बनाई गई, जो वायरल हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी रील वायरल हो रही है। इसे लेकर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सबसे ज्यादा निशाने पर रहे थे। बालासोर रेल हादसे के समय उनका रील बनवाना लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं आया था। उस हादसे में 297 लोगों की जान गई थी। तब भी किसी की जवाबदेही तय नहीं हुई और अब 275 लोग विमान हादसे में मरे हैं तब भी किसी की जवाबदेही तय नहीं हुई है। कोई इस्तीफा नहीं हुआ है। उलटे मंत्रियों के रील्स देखने को मिल रहे हैं, जो कई एंगल्स से शूट किए गए हैं, स्लो मोशन का इस्तेमाल है और बैकग्राउंड म्यूजिक भी लगी हुई है। ऐसे ही विदेश मंत्री एस जयशंकर भी सोशल मीडिया में लोगों के निशाने पर रहते हैं। उनकी एक रील आई थी, जिसमें तेज म्यूजिक था और उनकी आंखों से लेजर लाइट निकल रही थी। इस लेजर लाइट वाली रील को लेकर उनका बहुत मजाक बना। बहरहाल, रील बनाने की बजाय सरकार के मंत्रियों को नतीजे देने वाले काम करने चाहिए।