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  • संबंध में संभल के

    किसी अन्य देश को संदेश देने भर के लिए उसके प्रतिस्पर्धी या विरोधी देश से निकटता बनाना समस्याग्रस्त नजरिया माना जाएगा। इसे दूरदृष्टि पर आधारित और सुविचारित नीति परिवर्तन नहीं कहा जाएगा। इससे भविष्य में कई पेचीदगियां खड़ी हो सकती हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुलाकात के साथ दोनों देशों के रिश्तों में नए जुड़ाव की संभावना बनी है। शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लेने चीन के शहर तिनजियान गए मोदी की शी के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता पर सबकी नजर रही, तो उसकी वजह इस मुलाकात की पृष्ठभूमि है। अमेरिकी...

  • एससीओ शिखर सम्मेलन : सदस्य देशों ने की पहलगाम आतंकी हमले की निंदा

    तियानजिन। चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। दरअसल, एससीओ शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। सदस्य देशों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।  उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन...

  • चीन को दोस्त बताना, मानना, कहना देशद्रोह है

    खास तौर पर वे हिंदू तो निश्चित ही, जो अपने को भारत माता का स्वयंसेवक कहते हैं तथा जो राष्ट्रवादी होने का दंभ भरते हैं। पर हां, जो लोग सर्वभूमि गोपाल में पृथ्वी को मनुष्यों का खुला मैदान मानने का मानवतावादी नजरिया लिए हुए हैं या प्रगतिशीलता के नेहरूवादी, माओवादी, नक्सली आइडिया में हिंदी-चीनी भाई-भाई का राग आलापते हुए चीन को समानता, सर्वहारा का मक्का समझते हैं, वे राष्ट्रद्रोह की कैटेगरी में नहीं रखे जाएंगे। इसलिए क्योंकि आखिर विचार और वैचारिक स्वतंत्रता में जीना मनुष्य होने का प्राथमिक लक्षण है। लेकिन जो स्वयंसेवक भारत माता के नाम पर रोहिंग्या या...

  • पीएम मोदी चीन के तियानजिन पहुंचे, एससीओ समिट में होंगे शामिल

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन के तियानजिन पहुंचे, जहां वे रविवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट में भाग लेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जापान यात्रा समाप्त की, फिर तियानजिन के बिनहाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे, जहां उनका शानदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने चीन पहुंचने के बाद एक्स पर पोस्ट किया, "तियानजिन में उतर चुका हूं। एससीओ समिट के दौरान विभिन्न देशों के नेताओं से गहन चर्चा करने का इंतजार है। समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें करेंगे, जिनमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से रविवार और रूसी राष्ट्रपति...

  • चीन यात्रा और सवाल

    पड़ोसी देशों में बेहतर संबंध हों, यह अपेक्षित है। लेकिन यह भी उतना ही अहम है कि यह किन शर्तों पर संभव है। इसलिए यह जरूरी है कि निर्णय समग्रता में और दूरदृष्टि का परिचय देते हुए लिया जाए। खबरों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने चीन जाएंगे। इस घटना का प्रतीकात्मक महत्त्व खुद जाहिर है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कजाखस्तान में हुए एससीओ समिट में मोदी नहीं गए थे। इसलिए यह कहना निराधार है कि एससीओ बहुपक्षीय मंच है और उसके शिखर सम्मेलन में जाने को भारत- चीन संबंधों...

  • बिलावल के बाद अब नवाज ने गाया भारत संग ‘दोस्ती का तराना’

    नई दिल्ली। पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने कहा कि हाल ही में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन, पाकिस्तान और भारत के बीच संबंधों को सुधारने की दिशा में एक नई शुरुआत साबित हो सकता है। एक हफ्ते में यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान के किसी बड़े नेता ने भारत के साथ दोस्ती की हिमायत की। विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में आयोजित एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में भाग लिया। यह लंबे समय में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा थी। पाकिस्तान...

  • जयशंकर की यात्रा से बर्फ पिघली

    विदेश मंत्री एस जयशंकर यह कह कर पाकिस्तान गए थे कि वे दोपक्षीय वार्ता करने या संबंध सुधार की बात करने नहीं जा रहे हैं। उनकी यात्रा का एकमात्र मकसद शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक है। उन्होंने इसी लाइन पर दो दिन की यात्रा पूरी की। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच बर्फ पिघली है। दोनों देशों के रिश्तों पर पिछले नौ साल से बर्फ जमी थी। लेकिन विदेश मंत्री का जिस तरह से पाकिस्तान में इस्तकबाल किया गया और उनके स्वागत में जैसे गाने बजाए गए और प्रधानमंत्री शहबाज...

  • पाकिस्तान में जयशंकर

    जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा पर ज्यादा कयासबाजी की जरूरत नहीं है। फिलहाल सिर्फ इतनी अपेक्षा काफी होगी कि तत्कालीन पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो एससीओ बैठक में भाग लेने जब गोवा आए थे, तो उस समय जैसी कड़वाहट इस बार पैदा ना हो। पाकिस्तान में मंगलवार- बुधवार को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) राज्याध्यक्ष परिषद की 23वीं बैठक में भारत की नुमाइंदगी करने विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं। जयशंकर स्पष्ट कर चुके हैं कि यह यात्रा बहुपक्षीय मंच की बैठक में हिस्सेदारी के लिए है, जिसका कोई द्विपक्षीय पहलू नहीं है। जब जयशंकर की यात्रा का एलान...

  • पाकिस्तान में उथल-पुथल

    पाकिस्तान में अशांति के लिए इससे खराब मौका नहीं हो सकता था। 15-16 अक्टूबर को वहां शंघाई सहयोग संगठन की शासनाध्यक्ष परिषद की बैठक होनी है, जिसमें इसके अनेक नेता आ रहे हैं। मगर उससे पहले वहां अफरा-तफरी का नजारा है।  साफ है कि पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व ने पास-पड़ोस की घटनाओं से कोई सबक नहीं सीखा है। वरना, अगर वह बांग्लादेश और श्रीलंका की घटनाओं से सीखती, तो उसे अंदाजा लग सकता था कि जनमत के बड़े हिस्से की उपेक्षा करते हुए मनमाने ढंग से राज करना कितना जोखिम भरा हो सकता है। दरअसल, खुद पाकिस्तान की मई 2023...

  • पाक दौरे पर विदेश मंत्री की सफाई

    नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के दौरे को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि वे पाकिस्तान के साथ संबंध सुधार करने नहीं जा रहे हैं, बल्कि शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि वे पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत करने नहीं जा रहे हैं। दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि उनके पाकिस्तान जाने की वजह सिर्फ एससीओ की बैठक है। यह एक बहुपक्षीय मंच है। वे वहां पर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर चर्चा नहीं करेंगे। विदेश मंत्री...

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