कंबोडिया, थाईलैंड जहा विरासत के मंदिर के लिए लड़ते है वही भारत और पाक विरासत मिटाने के लिए!
कंबोडिया का अंगकोर वाट मंदिर आपको चकाचौंध नहीं करता है बल्कि वो धीरे-धीरे आपको अपने भीतर खींच लेता है। वह आपको एक ऐसे समय में ले जाता है जहाँ भव्यता सांस थी और आस्था, श्रद्धा स्वाभाविक। जब शहर ईश्वर के लिए गढ़े जाते थे, न कि मुनाफ़े, अंहकार या दिखावे के लिए। जब वास्तुकला अहंकार नहीं, ईश्वर को एक अर्पण हुआ करता था। जब शांति युद्धों के बीच का विराम नहीं होता था बल्कि उस दुनिया की सहज एक धड़कन थी जो अभी भी भव्यता का बोध कराती, संवाद करती होती है। मैं अंगकोर वाट मंदिर गई हूं। उसकी उसका...