UP Politics

  • यूपी में आगे की राजनीति क्या होगी?

    उत्तर प्रदेश में चाहे जैसे हो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी राजनीति को मजबूती से स्थापित किया है और एक बार फिर यह तय हुआ है कि अगर ‘इंडिया’ ब्लॉक की पार्टियां एकजुट होकर नहीं लड़ेंगी तो उनके लिए चुनाव जीतना मुश्किल होगा। राज्य में नौ सीटों पर विधानसभा के चुनाव हुए थे, जिनमें से सात सीटें भाजपा ने जीत ली हैं। समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले करहल और सीसामऊ को छोड़ कर बाकी सारी सीटें सपा हार गई है। करहल सीट तो खुद अखिलेश यादव ने खाली की थी और वह पुराने जमाने से परिवार और सपा...

  • उत्तर प्रदेश में खुली जातीय लड़ाई

    उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय योगी आदित्यनाथ को एक निर्वाचित सीएम की बजाय ‘महाराज’ के रूप में यानी गोरक्षापीठ को पीठाधीश्वर महंत के तौर पर ज्यादा पेश करता है। हर सरकारी विज्ञप्ति या सोशल मीडिया पोस्ट में उनको इसी रूप में संबोधित किया जाता है। वे एक बड़े हिंदुत्व के चेहरे के तौर पर राजनीति में भी प्रोजेक्ट किए गए हैं लेकिन उनके शासन की पहचान जातीय विवाद है और वह भी भाजपा के अंदर व बाहर दोनों जगह। ताजा मामला लखीमपुर खीरी का है, जहां भाजपा के एक विधायक की पिटाई हो गई और बेचारे पुलिस में मुकदमा दर्ज...

  • मायावती को कार्यकर्ताओं की सुध आई

    बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती लगातार छठी बार अपनी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गई हैं। इसके साथ ही उनको अपने कार्यकर्ताओं की सुध भी आई है। कोई 10 साल के बाद उनको अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की याद आई है। 2014 के लोकसभा चुनाव में जब बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी तब मायावती बहुत आहत हुई थीं। उसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं से संवाद बंद कर दिया था। 2019 में सपा के साथ तालमेल में 10 सीट जीतने के बाद भी मायावती ने कार्यकर्ताओं के साथ संवाद नहीं शुरू किया है। लेकिन अब 10 साल बाद...

  • यूपी में शह-मात का खेल थमा?

    ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के अंदर चल रहा शह-मात का खेल थम गया है। जिस तरह से अघोषित सत्ता संघर्ष शुरू हुई थी और उसी तरह अघोषित युद्धविराम हो गया है। मंगलवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक कार्यक्रम की तस्वीरें आईं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले दोनों उप मुख्यमंत्री यानी ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने दूरी बनाई थी। वे मुख्यमंत्री के साथ सरकारी या पार्टी के कार्यक्रमों में नहीं शामिल होते थे। अब स्थिति बदली है। पार्टी 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तैयारी में जुटी...

  • अखिलेश व आजम का विवाद कितना सही

    समाजवादी पार्टी में नए और पुराने नेताओं की बहस लगभग समाप्त हो गई है। पुराने नेताओं में अब सिर्फ आजम खान हैं, जिनकी कोई हैसियत है और जिनके साथ गाहे बगाहे अखिलेश यादव के टकराव की खबरें आती हैं। दोनों के बीच संबंधों को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती रहती हैं और यह आम धारणा बनी है कि जब आजम खान का मुश्किल समय शुरू हुआ और किसी न किसी मुकदमे में उनके परिवार के हर सदस्य के खिलाफ कार्रवाई उस समय अखिलेश ने उनको छोड़ दिया, उनका साथ नहीं दिया। हालांकि जब आजम खान बीमार थे तब अखिलेश...

  • यूपी में कांग्रेस को कितनी सीटें मिलेंगी?

    समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के बीच सीधी बातचीत के बाद सीटों का बंटवारा तय हुआ। सपा ने रालोद के लिए सात सीटें छोड़ी हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के साथ बातचीत आलाकमान के स्तर पर नहीं चल रही है। कांग्रेस की ओर से पांच वरिष्ठ नेताओं वाली नेशनल अलायंस कमेटी बात कर रही है तो सपा की ओर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव बात कर रहे हैं। उनके साथ जावेद अली बैठकों में मौजूद रहते हैं। हो सकता...

  • यूपी में राजभर की अलग चिंता

    उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी ओमप्रकाश राजभर की समस्या का समाधान भी नहीं हो रहा है। उन्होंने बड़े धूम-धड़ाके के साथ भाजपा के साथ वापस तालमेल किया था। बताया जा रहा है कि उनको कहा गया था कि भाजपा के साथ आने पर वे राज्य सरकार में मंत्री बनेंगे। लेकिन अभी तक उनको मंत्री नहीं बनाया गया है, जबकि भाजपा के साथ आए छह महीने से ज्यादा हो गए हैं। ऊपर से अभी तक लोकसभा सीटों का बंटवारा भी नहीं हो पाया है। राजभर ने कुछ समय पहले दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की...

  • बसपा के सांसद तालमेल चाहते हैं

    बहुजन समाज पार्टी के अंदर विभाजन बढ़ रहा है। पार्टी सुप्रीमो मायावती के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणाओं से पार्टी के सांसद बहुत निराश हैं। बसपा के कई सांसद चाहते हैं कि पार्टी को तालमेल करना चाहिए। सबसे दिलचस्प बात यह है कि वे किसी एक पार्टी का नाम नहीं ले रहे हैं, जिसके साथ तालमेल होना चाहिए। वे सिर्फ यह चाहते हैं कि पार्टी अकेले न लड़े। उनको इससे भी कोई दिक्कत नहीं है कि सपा और कांग्रेस वाले गठबंधन ‘इंडिया’ से तालमेल हो जाए या कुछ सीट लेकर भारतीय जनता पार्टी से ही तालमेल हो जाए। बसपा के...

  • मायावती क्या तालमेल करेंगी?

    बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी तो बना दिया है लेकिन पार्टी के लिए सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश का जिम्मा अपने ही पास रखा है। तभी यह सवाल उठा है कि मायावती ने क्या इसलिए यूपी का जिम्मा अपने पास रखा है ताकि वे किसी दूसरी पार्टी से तालमेल कर सकें? ध्यान रहे आकाश की उम्र अभी सिर्फ 27  साल है और उनका राजनीतिक अनुभव बहुत कम है। वे कभी चुनाव नहीं लड़े हैं। दूसरी पार्टियों के नेताओं के साथ उनके संपर्क भी नहीं हैं। इसलिए मायावती उनके हवाले तालमेल और...

  • कांशीराम के प्रति कांग्रेस का प्रेम

    अगले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का कांशीराम के प्रति प्रेम उमड़ रहा है। अभी तक बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती कांग्रेस के साथ तालमेल के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने दो टूक अंदाज में कहा है कि उनकी पार्टी अगले चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के गठबंधन से समान दूरी रखेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके बावजूद कांग्रेस नेताओं ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। पहले प्रदेश कांग्रेस के दलित अध्यक्ष बृजलाल खाबरी को हटा कर अगड़ी जाति के अजय राय को अध्यक्ष बनाया गया। यह मायावती को खुश करने के लिए था क्योंकि खाबरी उनकी पार्टी से...

  • यूपी में सबको बसपा की जरूरत

    उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी की राजनीतिक ताकत काफी कम हो गई है इसके बावजूद उसकी प्रासंगिकता कम नहीं हुई। उलटे दूसरी पार्टियों को उसकी जरूरत बढ़ गई है। असल में बसपा की ताकत कम होने का एक नतीजा यह हुआ है कि पार्टी अब अकेले लड़ने के लायक नहीं रह गई है। पार्टी की सुप्रीमो मायावती को भी पता है कि अकेले लड़े तो फिर 2014 के लोकसभा चुनाव वाला हाल होगा। यानी पार्टी जीरो सीट पर आ जाएगी। उस समय तो फिर भी 20 फीसदी वोट मिल गए थे लेकिन इस बार अकेले लड़ने पर...

  • यूपी में कांग्रेस को नेता की तलाश

    कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में नेता तलाश रही है। पिछले करीब पांच साल से प्रियंका गांधी वाड्रा प्रभारी के तौर पर उत्तर प्रदेश में काम कर रही थीं। उन्होंने पहले अजय सिंह लल्लू को अध्यक्ष बनवाया था और अब बृजलाल खाबरी को अध्यक्ष बनाया है। यानी कांग्रेस की राजनीति पिछड़ा और दलित वाली रही है। अब कांग्रेस को राज्य में नई राजनीति करनी है तो उसे ऐसे चेहरे की तलाश है, जो अपने दम पर कांग्रेस को खड़ा कर सके। कर्नाटक के बाद कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि मुस्लिम उसको वोट देंगे और मल्लिकार्जुन खड़गे की वजह से दलित...

  • हेट स्पीच मामले में आजम खान बरी

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक दिलचस्प घटनाक्रम में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान हेट स्पीच के एक मामले में बरी हो गए हैं। दिलचस्प यह है कि इसी मामले में दोषी ठहराए जाने की वजह से उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो गई थी। बुधवार को रामपुर की स्पेशल एमपी, एमएलए कोर्ट ने आजम खान को बरी कर दिया। उनको इस केस में एमपी, एमएलए कोर्ट की निचली अदालत से तीन साल की सजा हुई थी। सजा के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई थी। इसके बाद उनकी सीट पर उप चुनाव हुआ, जिसमें आजम पर केस...

  • मायावती सिर्फ यूपी में तालमेल नहीं करेंगी!

    बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने इस साल अपने जन्मदिन पर 15 जनवरी को जब ऐलान किया था कि वे अब किसी पार्टी के साथ तालमेल नहीं करेंगी तो ऐसा लगा था कि उन्होंने यह घोषणा पूरे देश के लिए की है। मीडिया में इसी तरह की रिपोर्टिंग हुई और बसपा नेताओं की ओर से भी बताया गया कि पार्टी हर जगह अकेले लड़ेगी। तब यह भी कहा गया कि पंजाब में भी अकाली दल के साथ बसपा का तालमेल समाप्त हो गया। लेकिन ऐसा नहीं है। पंजाब में अकाली दल के साथ बसपा का तालमेल कायम है और...

  • रालोद और कांग्रेस का दबाव समूह

    उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल और पुरानी सहयोगी कांग्रेस पार्टी ने मिल कर एक दबाव समूह बना लिया है। सपा और रालोद मिल कर विधानसभा चुनाव लड़े थे और बाद में रालोद के नेता जयंत चौधरी ने भरोसा दिलाते हुए कहा कर आगे के चुनाव भी दोनों पार्टियां साथ लड़ेंगी। उसके बाद सपा ने उनको अपने कोटे से राज्यसभा में भी भेजा। इसके बावजूद पिछले दिनों जब कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश से गुजरी तो सहयोगी समाजवादी पार्टी से अलग हट कर रालोद ने यात्रा में शामिल होने का फैसला किया। खुद जयंत चौधरी...

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