US Presidential Election

  • उबाऊ चुनाव में लौटा जोशो-खरोश!

    क्या अमेरिका एक नई पटकथा लिखने जा रहा है? क्या 'क्वीन ऑफ कमबैक' कमला हैरेस, 'कमबैक' कर सकेंगी? क्या वे एक नस्लवादी, स्त्री-द्वेषी बुजुर्ग को हराने लायक जनसमर्थन जुटा सकेंगी? उम्मीद तो है। और वह उम्मीद कुछ हद तक इच्छा से उभरी है। अर्थात हम वह होने की उम्मीद कर रहे हैं, जो हम चाहते हैं! कमला हैरेस ने एक उबाऊ चुनाव में जोशो-खरोश और उत्साह फूँक दिया है। दो बड़े मियांओं की कुश्ती में किसे दिलचस्पी होगी? ऐसी कुश्ती में न तो मज़ा होता है और ना रोमांच, केवल बोरियत होती है। लेकिन कमला हैरेस के मैदान में उतरने...

  • क्या डेमोक्रेटस कमला के पीछे एकजुट?

    क्या चुनाव की दौड़ से जो बाइडन के हटने से, डेमोक्रेटिक पार्टी जीत की दौड़ में आगे है? क्या डेमोक्रेट अपनी अंदरूनी खींचतान से ऊबर पाएंगे? क्या कमला हैरेस के पीछे पूरी पार्टी एकजुट खड़ी होगी?  ये सब कठिन मगर महत्वपूर्ण प्रश्न हैं। डेमोक्रेट्स के लिए पिछला एक महीना काफी उथलपुथल भरा रहा है। उनमें आपसी फूट थी। अंदरूनी  झगड़े थे। जहां रिपब्लिकन पार्टी डोनाल्ड ट्रंप को दुबारा राष्ट्रपति बनाने के लक्ष्य के प्रति एकजुट और दृढ़ संकल्पित थी वहीं डेमोक्रेटस आपसी विवादों और अनिश्चितता में थे।  जो बाइडन ने इन विवादों, अनिश्चितताओं और परेशानियों पर विराम लगा दिया है।...

  • बाइडेन ने देरी की

    बाइडेन ने कमला हैरिस को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। लेकिन अभी इस बारे में बहुत दांव खेले जाने हैं। बराक ओबामा ने यह कह कर अनिश्चिय बढ़ा दिया है कि अगले महीने डेमोक्रेटिक पार्टी अपने अधिवेशन में उपयुक्त उम्मीदवार चुनेगी। जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से खुद को अलग किया, लेकिन यह एलान करने में उन्होंने अत्यधिक देर कर दी। इससे उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी ने जो जमीन गंवाई है, उसे अगले 105 दिन में वापस हासिल कर पाना उसके लिए बेहद कठिन होगा। बाइडेन की दिमागी हालत सार्वजनिक पद संभालने लायक नहीं है, यह काफी पहले...

  • नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव तक गाजा वार्ता में देरी!

    गाजा वार्ता में देरी के कारण यरूशलम | इजरायल नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव तक गाजा पट्टी में संघर्ष विराम पर फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के साथ बातचीत में देरी कर सकता है, क्योंकि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का मानना ​​है कि चुनाव के बाद इजरायल और गाजा संघर्ष पर वाशिंगटन की स्थिति बदल सकती है। अमेरिकी डिजिटल अखबार ‘पोलिटिको’ ने मध्य पूर्व के एक वरिष्ठ राजनयिक का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। अखबार ने राजनयिक के हवाले से कहा कि हमारा आकलन है कि नेतन्याहू नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव तक का समय लेना...

  • कौन चला रहा है अमेरिका का शासन?

    बाइडेन की जो दिमागी हालत है तो उसके मद्देजनर सवाल है कि  अभी अमेरिका का शासन कौन चला रहा है? यह संदेह पहले से है कि सत्ता की कमान बाइडेन के हाथ में नहीं है। बल्कि उनके आसपास के लोग शासन चला रहे हैं। इन लोगों में न्यूकॉन्स (new conservatives) की भरमार है। ये लोग मिलिट्री इंडस्ट्रीयल कॉम्पलेक्स से नियंत्रित हैं। इसीलिए उन्होंने ऐसी नीतियां अपना रखी हैं, जो दुनिया को तेजी से तीसरे विश्व युद्ध के लिए ले जा रही हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से सवा चार महीने पहले दोनों प्रमुख उम्मीदवारों जो बाइडेन और डॉनल्ड ट्रंप के...

  • बाइडन ही है ट्रंप की काट!

    बाइडेन की जो दिमागी हालत है तो उसके मद्देजनर सवाल है कि  अभी अमेरिका का शासन कौन चला रहा है? यह संदेह पहले से है कि सत्ता की कमान बाइडेन के हाथ में नहीं है। बल्कि उनके आसपास के लोग शासन चला रहे हैं। इन लोगों में न्यूकॉन्स (new conservatives) की भरमार है। ये लोग मिलिट्री इंडस्ट्रीयल कॉम्पलेक्स से नियंत्रित हैं। इसीलिए उन्होंने ऐसी नीतियां अपना रखी हैं, जो दुनिया को तेजी से तीसरे विश्व युद्ध के लिए ले जा रही हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से सवा चार महीने पहले दोनों प्रमुख उम्मीदवारों जो बाइडेन और डॉनल्ड ट्रंप के...

  • ‘ठग’ से ‘सज्जन’ और ‘झूठ’ से ‘सत्य’ कैसे लड़े!

    बाइडेन की जो दिमागी हालत है तो उसके मद्देजनर सवाल है कि  अभी अमेरिका का शासन कौन चला रहा है? यह संदेह पहले से है कि सत्ता की कमान बाइडेन के हाथ में नहीं है। बल्कि उनके आसपास के लोग शासन चला रहे हैं। इन लोगों में न्यूकॉन्स (new conservatives) की भरमार है। ये लोग मिलिट्री इंडस्ट्रीयल कॉम्पलेक्स से नियंत्रित हैं। इसीलिए उन्होंने ऐसी नीतियां अपना रखी हैं, जो दुनिया को तेजी से तीसरे विश्व युद्ध के लिए ले जा रही हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से सवा चार महीने पहले दोनों प्रमुख उम्मीदवारों जो बाइडेन और डॉनल्ड ट्रंप के...

  • ट्रंप को हराना क्यों मुश्किल?

    बाइडेन की जो दिमागी हालत है तो उसके मद्देजनर सवाल है कि  अभी अमेरिका का शासन कौन चला रहा है? यह संदेह पहले से है कि सत्ता की कमान बाइडेन के हाथ में नहीं है। बल्कि उनके आसपास के लोग शासन चला रहे हैं। इन लोगों में न्यूकॉन्स (new conservatives) की भरमार है। ये लोग मिलिट्री इंडस्ट्रीयल कॉम्पलेक्स से नियंत्रित हैं। इसीलिए उन्होंने ऐसी नीतियां अपना रखी हैं, जो दुनिया को तेजी से तीसरे विश्व युद्ध के लिए ले जा रही हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से सवा चार महीने पहले दोनों प्रमुख उम्मीदवारों जो बाइडेन और डॉनल्ड ट्रंप के...

  • कुख्यात ट्रंप: अमेरिका की पहली पसंद!

    बाइडेन की जो दिमागी हालत है तो उसके मद्देजनर सवाल है कि  अभी अमेरिका का शासन कौन चला रहा है? यह संदेह पहले से है कि सत्ता की कमान बाइडेन के हाथ में नहीं है। बल्कि उनके आसपास के लोग शासन चला रहे हैं। इन लोगों में न्यूकॉन्स (new conservatives) की भरमार है। ये लोग मिलिट्री इंडस्ट्रीयल कॉम्पलेक्स से नियंत्रित हैं। इसीलिए उन्होंने ऐसी नीतियां अपना रखी हैं, जो दुनिया को तेजी से तीसरे विश्व युद्ध के लिए ले जा रही हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से सवा चार महीने पहले दोनों प्रमुख उम्मीदवारों जो बाइडेन और डॉनल्ड ट्रंप के...

  • जो बाइडन: कठिन है डगर पनघट की

    बाइडेन की जो दिमागी हालत है तो उसके मद्देजनर सवाल है कि  अभी अमेरिका का शासन कौन चला रहा है? यह संदेह पहले से है कि सत्ता की कमान बाइडेन के हाथ में नहीं है। बल्कि उनके आसपास के लोग शासन चला रहे हैं। इन लोगों में न्यूकॉन्स (new conservatives) की भरमार है। ये लोग मिलिट्री इंडस्ट्रीयल कॉम्पलेक्स से नियंत्रित हैं। इसीलिए उन्होंने ऐसी नीतियां अपना रखी हैं, जो दुनिया को तेजी से तीसरे विश्व युद्ध के लिए ले जा रही हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से सवा चार महीने पहले दोनों प्रमुख उम्मीदवारों जो बाइडेन और डॉनल्ड ट्रंप के...

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