उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष को क्या मिला?
यह सवाल अजीब लग सकता है कि जब विपक्षी पार्टियों के साझा उम्मीदवार चुनाव हार गए तो भला विपक्ष को क्या मिलेगा? लेकिन ऐसा नहीं है कि विपक्ष पूरी तरह से खाली हाथ रहा। इस चुनाव से विपक्ष की एकजुटता को ताकत मिली है। विचारधारा की लड़ाई का नैरेटिव कायम रहा और गठबंधन की डोर भी मजबूती से पार्टियों को बांधे रही। मतदाता सूची कि विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के बाद यह दूसरा मसला था, जिस पर विपक्ष की एकता दिखी। संसद के मानसून सत्र के बाद इस पर सवाल उठ रहे थे कि सत्र के दौरान बनी एकता...