Sunday

15-06-2025 Vol 19

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

मॉडल की खामी है

मुद्रास्फीति पर नियंत्रण की आम चर्चा के बीच इस ओर बहुत कम लोगों का ध्यान होगा कि देश में मेडिकल मुद्रास्फीति की दर 14 प्रतिशत है।

स्वास्थ्य सेवा केंद्रों के बुरे हाल!

आजादी के बाद नियोजित कार्यक्रम के तहत देश भर में जो कार्यक्रम शुरू किए गए थे, उनमें ग्रामीण इलाकों के लिए स्वास्थ्य परियोजनाएं भी थीं।

ऐसा मत कीजिए

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार वित्त आयोग से कहने जा रही है कि वह अपनी कर राजस्व में राज्यों का हिस्सा घटा दे।

फिर भी बुनियाद मजबूत!

भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे चमकते किले में अब सेंध लग गई है। पांच साल से चमक रहे शेयर बाजार में गिरावट बेरोक होती जा रही है।

हर तरकीब बेकार!

तेलंगाना में सुरंग ढहे हफ्ता भर होने को है। आठ मजदूर उसमें फंसे हुए हैं।

हकीकत पर कैसी हैरत!

ब्लूम वेंचर्स की इंडस वैली रिपोर्ट में कोई ऐसी नई जानकारी नहीं है, जिससे कोई चकित हो।

अपनी फिक्र कैसे करें?

इस तरह ताजा सर्वे पांच साल में लोगों के उपयोग में आए बदलाव को बताता है।

एक सुलगती हुई चिंगारी

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की चेतावनियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

भारत पर गहरी चोट

अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने आगाह किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क (रेसीप्रोकल टैरिफ) से जो देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, उनमें भारत भी...

माली हाल का आईना

भारत के शेयर मार्केट में गिरावट बेरोक जारी है। सोमवार को सेंसेक्स 75,000 अंक से नीचे चला गया।

मुद्दा बड़ा गंभीर है

mahakumbh water quality : धार्मिक आस्था अक्सर तथ्यों और तर्कों से ऊपर होती है। बेशक, इसमें किसी को दखल नहीं देना चाहिए।

लूट पर रोक नहीं!

rbi policy : भारतीय रिजर्व बैंक ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के लेन-देन पर रोक लगा दी है। को-ऑपरेटिव बैंक के संचालक मंडल को भंग कर दिया...

समाप्ति की ओर युद्ध

सऊदी अरब में अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों की हुई बैठक का सार है कि ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को डंप कर दिया है।

फूट रहे हैं बबूले

भारत के शेयर बाजारों का पूंजी मूल्य लगातार घट रहा है।

थोड़ी संवेदनशीलता दिखाइए

नेपाली छात्रा प्रकृति की आत्म हत्या से उठे विवाद पर वहां के प्रशासन ने जैसा असंवेदनशील रुख अपनाया

बने रहेंगे वही सवाल

नए मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईसी) की नियुक्ति में सरकार ने फिर अपनी इच्छा चलाई।

अलग-अलग पटरी पर

पिछले अगस्त में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद दोनों देशों में पहली बार इस स्तर पर संवाद हुआ है।

फेल हो गया पीएलआई!

नरेंद्र मोदी सररकार की अन्य कई योजनाओं की तरह प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) स्कीम की शुरुआत भी खूब शोर-शराबे के साथ हुई।

ठुकराए जाने की खिन्नता

russia ukraine war : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोमीर जेलेन्स्की का सुझाव है कि रूस से रक्षा के लिए “यूरोप की सेना” का गठन किया जाए।

बदइंतजामियों की इंतहा

delhi railway station stampede : महापर्व महाकुंभ को जन-भावनाओं के अनियंत्रित उभार का अवसर बना दिया गया है। नतीजतन, प्रयागराज जाने का रेला चल पड़ा।

ये जो रोजगार है

भारत में पिछले अनेक वर्षों से जिस काम की चर्चा के साथ रोजगार पैदा होने का खूब ढिंढोरा पीटा गया है, उसकी असलियत क्या है, उस पर एक ताजा...

ज्यादा कुछ हासिल नहीं

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के क्षेत्र में इस वक्त सर्व प्रमुख चिंता बंटते प्रतिमान हैं।

भारत सरकार की सफलता?

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अपने अटार्नी जनरल को विदेश भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के तहत जारी तमाम मुकदमों की समीक्षा का आदेश दिया है।

झटकों के बीच यात्रा

अमेरिका ने अवैध आव्रजकों को जिस अपमानजनक ढंग से भारत लौटाया, उससे देश में नरेंद्र मोदी सरकार की भारी किरकिरी हुई।

सॉफ्ट पॉवर पर डंडा

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास सहायता एजेंसी (यूएसएड) की फंडिंग रोकने के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के फैसले से देश के कूटनीतिक और लिबरल हलकों में मची बेचैनी को समझा जा सकता...

नया चुनाव ही रास्ता

आखिरकार भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को हटाने पर राजी हुआ।

‘नई’ राजनीति की इतिश्री?

delhi election bjp तमाम संकेत हैं कि ‘आप’ ने जो वोट हासिल किए, उनमें ज्यादातर हिस्सा गरीब तबकों का है।

नौ दिन में ढाई कोस!

rahul gandhi: नौ दिन चले ढाई कोस- यह आम कहावत है। फिलहाल, यह दिल्ली में कांग्रेस पर लागू होती दिखी है।

क्रूर और अपमानजनक

illegal immigrants: किसी देश में किसी को अवैध रूप से रहने का अधिकार है, यह तर्क कोई विवेकशील व्यक्ति नहीं दे सकता।

भरोसा बना नहीं है

budget 2025: केंद्र ने अगले साल के बजट में उपभोग बढ़ाने के लिए आय कर टैक्स में बड़ी छूट दी है, मगर एफएमसीजी कंपनियां इससे आश्वस्त नहीं दिखतीं।

अपना-अपना मैदान है!

india alliance: कांग्रेस ने सबकी पार्टी होने की अपनी पहचान गंवाते हुए जातीय राजनीति की तरफ कदम बढ़ाया। मगर उस वह मैदान खाली नहीं है।

डील मेकर डॉन

Donald Trump: मेक्सिको का दावा है कि अमेरिकी हथियारों की आसानी से उपलब्धता के कारण वहां अपराध की दर बढ़ी है। डील की खबरें आते ही अमेरिकी शेयर बाजारों...

समाधान भी तो बताइए!

rahul gandhi speech in parliament: अच्छी बात है कि भारत की बढ़ती जा रही आर्थिक समस्याओं के बीच पक्ष और विपक्ष हकीकत से आंखें मिला रहे हैं।

काम आएगी ये तैयारी?

trump tariff: भारत में ऊंचे शुल्क और अमेरिकी कंपनियों के लिए कारोबार में आने वाली मुश्किलों का उदाहरण बताया था।

आगे क्या प्रोग्राम है?

तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने जातीय सर्वेक्षण कराया। सामने आए आंकड़ों को अब सार्वजनिक कर दिया गया है।

चिंता वाजिब, हल बताइए!

साल 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण पर सरसरी नज़र डालें तो यही धारणा बनती है कि अर्थव्यवस्था में ‘सब कुछ ठीक-ठाक है’।

बजट की कुल कहानी

आम बजट (2025-26) की बड़ी हेडलाइन है कि सरकार ने शहरी उपभोग को संभालने के लिए मध्य वर्ग को बड़ी कर रियायत दी है।

महाकुंभ में महा-त्रासदी

मौनी अमावश्या पर अमृत स्नान के लिए भारी भीड़ का उमड़ना अपेक्षित था।

परास्त होता हुआ मकसद

वक्फ़ (संशोधन) विधेयक संबंधी संसदीय समिति की कार्यवाही जिस विवादास्पद ढंग से चली और विपक्षी सांसदों की राय को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया

सुधार और गिरावट भी

2024 में स्कूलों में सीखने की क्षमता का स्तर कोरोना काल से पहले के स्तर पर आ गया है।

ट्रंप काल एक दुविधा

donald trump: ट्रंप से संपर्क बनाने की भारत ने कोई समय ना गंवाने का तरीका अपनाया। लेकिन उससे लाभ हुआ नहीं दिखाता।

ये जो उथल-पुथल है

भारतीय मीडिया में अक्सर शेयर बाजारों में अचानक हुई बड़ी गिरावट के लिए कत्ल-ए-आम या रक्तपात जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।

अब कुछ ठोस हासिल

मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई मुलाकात के बाद संबंध सुधार की शुरू हुई प्रक्रिया मिसरी की यात्रा से और आगे बढ़ी है।

तब दिया, अब वापस!

आखिर लड़की बहिन योजना के तहत 30 लाख “अयोग्य” लाभार्थियों को छह महीनों तक 1500 रुपये- यानी नौ हजार रुपयों- का भुगतान हुआ है।

ट्रंपिज्म के साये में

इसके बावजूद वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम (डब्लूईएफ) की तरफ से आयोजित चार दिन के सम्मेलन पर ट्रंप का साया हावी रहा।

बांग्लादेश की नई दिशा

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश नीति सलाहकार तौहीद हुसैन चीन के दौरे पर हैं।

भारत के सामने प्रश्न

अमेरिका में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने अपनी पहली बड़ी पहल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के क्षेत्र में की है।

भारत की यह महत्त्वाकांक्षा

डोनल्ड ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दी थी कि ब्रिक्स देश अपने कारोबार के भुगतान में डॉलर का इस्तेमाल घटाएंगे, तो अमेरिका उनसे होने वाले आयात पर 100 फीसदी...