• कितनी पार्टियों का कांग्रेस में विलय

    लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की बहुत चर्चा रही। अनेक बड़े नेता कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में चले गए। लेकिन दूसरी ओर पिछले करीब एक साल में आधा दर्जन छोड़ी बड़ी पार्टियों का कांग्रेस में विलय हुआ है। स्वतंत्र रूप से राजनीति करने वाले अनेक मजबूत नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश से लेकर जम्मू कश्मीर और तेलंगाना व आंध्र प्रदेश तक इन पार्टियों का कम या ज्यादा असर रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा बनने या नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के अलावा पार्टियों का सीधे कांग्रेस में...

  • मायावती की राजनीति से भाजपा को फायदा

    बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती आखिरकार प्रचार में उतरीं। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से प्रचार शुरू किया, जो उनकी पार्टी का पुराना गढ़ रहा है। उन्होंने प्रचार में उतरते ही अपने को मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैषी बताया और भाजपा पर हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा मुसलमानों पर अत्याचार कर रही है और समाजवादी पार्टी इस पर कुछ नहीं बोल रही है। उनके भतीजे और उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद भी इसी लाइन पर भाषण दे रहे हैं। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं में कंफ्यूजन बनेगा। इतना ही नहीं मायावती ने अपनी पार्टी से 11 मुस्लिम उम्मीदवार...

  • आप का फोकस अपनी सीटों पर

    राजधानी दिल्ली में क्या आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता मिल कर चुनाव लड़ेंगे? अभी तक ऐसा नहीं दिख रहा है। अभी आम आदमी पार्टी का फोकस अपने कोटे की चार सीटों पर है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी नई दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली पर लड़ रही है। उसका फोकस इन्हीं चार सीटों पर है। इनके अलावा कांग्रेस कोटे में उत्तर पूर्वी दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर पश्चिमी दिल्ली सीट है, जिस पर कांग्रेस ने चार दिन पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा की है। कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद लग रहा था कि दोनों...

  • जेल में बंद तीन नेता आप के स्टार प्रचारक

    आम आदमी पार्टी ने गुजरात के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इसमें तीन ऐसे नेताओं के नाम हैं, जो जेल में बंद हैं। सवाल है कि क्या पार्टी को लग रहा है कि ये नेता चुनाव खत्म होने से पहले जमानत पर रिहा हो सकते हैं या इनका नाम प्रतीकात्मक तौर पर स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल कर दिया गया है? मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा पूर्व उप मुख्यमत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में है। केजरीवाल उम्मीद कर रहे हैं कि अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से...

  • दिलीप रे को भाजपा ने टिकट दे दिया

    पिछले कुछ दिनों से इसका इंतजार हो रहा था कि दिलीप रे चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं और जब दिल्ली हाई कोर्ट ने उनको राहत दे दी और उनकी सजा पर रोक लगा दी तो इस बाद का इंतजार हो रहा था कि भाजपा उनको टिकट देती है या नहीं है। यह इंतजार इसलिए हो रहा था क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मी बहुत जोर शोर से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे और कह रहे थे कि भ्रष्टाचारियों को वे छोड़ेंगे नहीं। अब इंतजार खत्म हो गया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के बीच भाजपा ने दिलीप रे को ओडिशा...

  • जमानत के लिए केजरीवाल का दबाव

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमानत हासिल करने के लिए दबाव की राजनीति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देना और जेल से सरकार चलाने के उपाय करना इसी दबाव की राजनीति का हिस्सा है। उनको पता है कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते ही सारा फोकस उनके ऊपर से हट जाएगा, जैसे झारखंड में हेमंत सोरेन के मामले में हुआ है। मीडिया के साथ साथ विदेशी मिशन, जो उनके पक्ष में बयान दे रहे थे, उनका भी ध्यान हट जाएगा। फिर लंबा समय जेल में गुजारना पड़ सकता है। हालांकि अब भी ऐसा नहीं है कि दबाव...

  • हिमाचल में कांग्रेस का बड़ा दांव

    कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में बड़ा जोखिम लिया है। उसने अपने दो विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतार दिया है। सोचें, 68 सदस्यों की विधानसभा में कांग्रेस के पास अभी सिर्फ 34 विधायक हैं। यानी बहुमत से एक कम। फिर भी पार्टी दो विधायकों को लोकसभा का चुनाव लड़ा रही है। ध्यान रहे राज्य विधानसभा में कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था। कांग्रेस की शिकायत पर विधानसभा स्पीकर ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी। उनकी खाली हुई सभी छह सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसके अलावा राज्यसभा...

  • चुनावी बॉन्ड पर मोदी का कमाल का तर्क

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी बॉन्ड का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि इसे राजनीति में काला धन रोकने के लिए लाया गया था। हालांकि इसके जो आंकड़े सामने आए हैं उनसे पता चला है कि कितनी ही कंपनियां सिर्फ बॉन्ड खरीद कर चंदा देने के लिए बनीं। तीन साल से कम पुरानी कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन करके चंदा दिया। कई कंपनियों ने अपने मुनाफे के सौ गुना तक चंदा दिया। कई घाटे में चल रही कंपनियों ने भी मोटा चंदा दिया। यह भी खबर आई कि कई सौ करोड़ के बॉन्ड किसने खरीदे यह पता ही नहीं...

  • तेजस्वी ने सबसे तेज फेंक दिया!

    चुनाव के समय पार्टियों में इस बात की होड़ मची रहती है कि कौन कितना ज्यादा फेंक सकता है। यानी कौन कितना बड़ा वादा कर सकता है या कितना बड़ा झूठ बोल सकता है। इन दिनों स्थिति ऐसी है कि पार्टियां मतदाताओं को चांद तारे तोड़ कर लाने का वादा भी कर सकती हैं। इसी तरह का एक वादा बिहार में राजद के नेता तेजस्वी यादव ने किया है। उन्होंने अपनी पार्टी के घोषणापत्र में कहा है कि उनकी सरकार बनी तो गरीब बहनों को हर साल एक लाख रुपए दिए जाएंगे। पहले तो उन्होंने कहा कि हर गरीब महिला...

  • विपक्ष का साझा घोषणापत्र भी जारी होगा

    विपक्षी गठबंधन यानी ‘इंडिया’ की पार्टियां इतने से संतुष्ट नहीं हैं कि वे अपना अपना घोषणापत्र जारी कर रही हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन यानी एनडीए में तो किसी सहयोगी दल को अपना घोषणापत्र जारी करने की इजाजत नहीं है। सबकी ओर से भाजपा का ही घोषणापत्र जारी हुआ है, जिसे मोदी की गारंटी नाम दिया गया है। इसके उलट विपक्षी पार्टियां अपना अपना घोषणापत्र जारी कर रही हैं। कांग्रेस के अलावा राजद, डीएमके, सपा आदि सबने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी और...

  • दिल्ली के प्रवासी मतदाता क्या करेंगे?

    पिछले दो तीन दशक में दिल्ली के प्रवासियों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा हुआ है और उसी अनुपात में दिल्ली में प्रवासी मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है। पहले कांग्रेस प्रवासियों की पसंदीदा पार्टी मानी जाती थी और भाजपा को दिल्ली के पंजाबी और वैश्यों की पार्टी माना जाता था। परंतु अरविंद केजरीवाल ने सारा खेल बदल दिया। उन्होंने प्रतीकात्मक राजनीति की बजाय खुल कर प्रवासियों को टिकट दी और उनके झोली भर कर वोट मिला। भाजपा ने इस राजनीति को समझते हुए ही 2014 में भोजपुरी गायक मनोज तिवारी को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से टिकट दिया और...

  • कन्हैया को मिली है मुश्किल सीट

    राजधानी दिल्ली में अभी तक मुकाबला बहुत दिलचस्प नहीं दिख रहा था क्योंकि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की हवा नहीं बन रही थी। ऐसा लग रहा था कि भाजपा अपना गढ़ बचा लेगी और सभी सीटें जीतने की हैट्रिक लगाएगी। लेकिन कांग्रेस के तीन उम्मीदवार आते ही माहौल बदल गया है। कांग्रेस ने गठबंधन की ओर से कन्हैया कुमार को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है। अगर पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो उस हिसाब से यह गठबंधन की सबसे मुश्किल सीट है। पिछली बार इस सीट से कांग्रेस की टिकट पर शीला दीक्षित चुनाव लड़ी...

  • लालू प्रसाद को यादवों से ही समस्या

    राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद बिहार में कांग्रेस और लेफ्ट के साथ तालमेल में 23 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं और इनमें से नौ सीटों पर उन्होंने यादव उम्मीदवार उतारे हैं। बिहार में यादवों की आबादी 14 फीसदी है लेकिन लालू प्रसाद ने 40 फीसदी उम्मीदवार यादव उतारे हैं। इसके बावजूद उनको यादव मतदाताओं से ही समस्या झेलनी पड़ रही है। वैसे भी लोकसभा चुनाव में यादव मतदाता उस तरह से राजद के साथ नहीं जुड़ते हैं, जैसे विधानसभा में जुड़ते हैं। लोकसभा में उनका वोट भाजपा को भी जाता है तभी भाजपा और जदयू के सभी...

  • बड़े मुद्दों की चुनावी चर्चा कम

    यह हैरान करने वाली बात है लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार में ऐसे कई बड़े मुद्दे नदारद हैं, जिनके बारे में माना जा रहा था कि ये चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेंगे। जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों की मानें तो ज्यादातर बड़े मुद्दे गायब हैं। लोग उन पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। मिसाल के तौर पर पर अनुच्छेद 370 का मामला है। पांच साल पहले केंद्र सरकार ने इसे समाप्त किया था तो लग रहा था कि यह बड़ा भावनात्मक मुद्दा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वजह से भाजपा को 370 सीट मिलने का दावा...

  • भाजपा छोड़ने वाले यशवंत सिन्हा की शिकायत

    यशवंत सिन्हा को भाजपा छोड़े हुए अरसा हो गया। उनकी जगह उनके बेटे जयंत सिन्हा हजारीबाग सीट से दो बार सांसद रहे लेकिन इस बार उनको भी टिकट नहीं मिली है। भाजपा ने इस सीट से मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है। जयंत सिन्हा की टिकट कटने के बाद यशवंत सिन्हा फिर से सक्रिय हुए हैं और उन्होंने भाजपा के टिकट बंटवारे में कई कमियां निकाली हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि हजारीबाग में जिस मनीष जायसवाल को टिकट मिली है उनके बेटे करण जायसवाल ने तीन साल पहले चार करोड़ रुपए का चुनावी बॉन्ड खरीदा था और भाजपा...

  • साझा घोषणापत्र नहीं होने का नुकसान

    विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ का कोई साझा घोषणापत्र नहीं बना है। सभी पार्टियां अपनी अपनी घोषणाएं कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी ने न्याय पत्र के नाम से अपना घोषणापत्र जारी किया तो बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ने परिवर्तन पत्र नाम से जारी किया है। तमिलनाडु में डीएमके ने अलग घोषणापत्र जारी किया है। इसके उलट एनडीए में सिर्फ एक घोषणापत्र जारी हुआ है और वह भाजपा का है। गठबंधन की बाकी पार्टियों को कह दिया गया था कि एक ही घोषणापत्र होगा, जिस पर सबको चुनाव लड़ना है। क्योंकि वहां सबको पता है कि नरेंद्र मोदी को फिर...

  • झारखंड, बिहार की सीटों पर झगड़ा

    भारतीय जनता पार्टी ने बिहार और झारखंड में बहुत पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी। हालांकि झारखंड में अभी तक नामांकन शुरू नहीं हुआ है क्योंकि राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर चौथे चरण से मतदान शुरू होना है। इसलिए 18 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। बिहार में सभी सात चरणों में चुनाव होने वाले हैं। पहले दो चरण के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई और तीसरे चरण का नामांकन चल रहा है। लेकिन दोनों राज्यों में टिकट बंटवारे के साथ शुरू हुआ विवाद खत्म नहीं हो रहा है। वैसे तो भाजपा ने बहुत कम...

  • महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन में विवाद

    भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश में गठबंधन तय कर लिया है और कहीं भी उसे सीट बंटवारे में समस्या नहीं हुई। लेकिन महाराष्ट्र में उसकी समस्या समाप्त नहीं हो रही है। असली शिव सेना और असली एनपीसी यानी एकनाथ शिंदे और अजित पवार गुट के साथ कई सीटों का बंटवारा तय नहीं हो रहा है। ज्यादातर सीटों पर सहमति बन गई है और राज ठाकरे की पार्टी के समर्थन के बदले में कोई सीट नहीं मांगने की वजह से भी भाजपा को आसानी हुई। लेकिन के कम से कम तीन सीटें ऐसी हैं, जिनको लेकर तनाव बना हुआ है।...

  • मनीष तिवारी फिर नई सीट से लड़ेंगे

    कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री मनीष तिवारी पंजाब में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं और इस बार भी वे नई सीट से लड़ेंगे। वे पहली बार 2009 में लोकसभा का चुनाव लड़े थे और तब उनकी सीट लुधियाना थी। वे केंद्र में सूचना व प्रसारण मंत्री भी बने। 2014 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। बताया जाता है कि खराब सेहत की वजह से उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। हालांकि यह भी हो सकता है कि उनको नतीजों का अंदाजा हो गया हो। आखिर उन्होंने ही अन्ना हजारे...

  • पवन बंसल की राजनीतिक पारी समाप्त!

    तो अब यह माना जाए कि पवन बंसल की राजनीतिक पारी समाप्त हो गई है? कांग्रेस ने चंडीगढ़ सीट पर उनको टिकट नहीं दी है। पहले कहा जा रहा था कि चंडीगढ़ सीट से कई बार सांसद रहे पवन बंसल एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे। ध्यान रहे जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीटों का बंटवारा हो रहा था तब चंडीगढ़ को लेकर बड़ी चर्चा हुई थी। आम आदमी पार्टी इस सीट पर चुनाव लड़ना चाहती थी। लेकिन कांग्रेस ने साफ कर दिया था कि तालमेल हो या नहीं हो लेकिन वह चंडीगढ़ सीट नहीं छोड़ेगी। उस समय...

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