Tuesday

08-07-2025 Vol 19

बेबाक विचार

Main Stories, बेबाक विचार, editorial news from india’s best writer and journalists.

मोदी अधिक घायल या केजरीवाल?

मोदी अधिक घायल या केजरीवाल?

किसी भी रूप में गालियों की खर-पतवार से वोट की फसल पकाने की कला दुनिया को यदि किसी से सीखनी चाहिए तो भारत की हिंदू राजनीति से सीखनी चाहिए।
दो व्हेल मछलियों (अमरीका और चीन) में फंसे झींगे की मुश्किल

दो व्हेल मछलियों (अमरीका और चीन) में फंसे झींगे की मुश्किल

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-इयोल पिछले हफ्ते अमरीका पहुंचे। उनकी यात्रा का उद्देश्य अमरीका और दक्षिण कोरिया के बीच 70 साल पुराने गठबंधन का जश्न मनाना और उसे...
नेपाल के प्रयोग पर नजर

नेपाल के प्रयोग पर नजर

नेपाल में एक ऐसा प्रयोग शुरू किया गया है, जिस तरफ ध्यान जाना लाजिमी बनता है। यह प्रयोग अगर सफल रहा, तो बेशक इसे कई देशों में अपनाया जाएगा।
बदलती राजनीति, प्रमाण कर्नाटक!

बदलती राजनीति, प्रमाण कर्नाटक!

हां, पहले जरा दिसंबर 2022 के गुजरात-हिमाचल चुनाव के माहौल को याद करें। फिर उसके बाद से कर्नाटक चुनाव के मौजूदा माहौल पर गौर करें तो क्या लगेगा नहीं...
भाजपा के पास मोदी और राहुल!

भाजपा के पास मोदी और राहुल!

तभी कर्नाटक और इसके बाद के विधानसभा चुनावों, सन् 2024 के आम चुनाव सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी की नायक या खलनायक इमेज पर होगा।
कांग्रेस हिम्मती और आक्रामक

कांग्रेस हिम्मती और आक्रामक

कर्नाटक चुनाव की खास बात यह है कि पहली बार भाजपा रक्षात्मक है और कांग्रेस आक्रामक अंदाज में राजनीति कर रही है।
भय के भरोसे बाइडेन

भय के भरोसे बाइडेन

स्पष्ट है कि बाइडेन डॉनल्ड ट्रंप का भय दिखाने की रणनीति पर भरोसा करके मैदान में उतर रहे हैँ।
सवाल बेहद गंभीर है

सवाल बेहद गंभीर है

बिहार सरकार ने आनंद मोहन सहित 27 सजायाफ्ता अपराधियों को रिहा करने का फैसला किया है।
क्या है फासिज्म, जिसकी आहट कई देशों में!

क्या है फासिज्म, जिसकी आहट कई देशों में!

वक्त गवाह है कि फासिज्म हमेशा से एक घृणास्पद व डरावना शब्द रहा है।
बोफोर्स नहीं बन रहा अदानी का मुद्दा!

बोफोर्स नहीं बन रहा अदानी का मुद्दा!

राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रवक्ताओं को छोड़ दें तो ज्यादातर नेता अदानी मसले पर चुप हो गए हैं।
इतना महंगा यूक्रेन युद्ध

इतना महंगा यूक्रेन युद्ध

यूक्रेन युद्ध का नशा वहां की सरकारों पर इतना छाया कि उन्होंने अपने लिए लाभ की उस स्थिति को भी छोड़ दिया, जो उन्हें दूसरे विश्व युद्ध के बाद...
तो सब ठीक-ठाक है!

तो सब ठीक-ठाक है!

भारत और चीन के कोर कमांडरों की 23 अप्रैल को चुशुल-मोल्दो बॉर्डर हुई बैठक के बाद चीन की तरफ से जारी बयान का सार यह है कि अब कहीं...
वापिस होगा बाईडन बनाम ट्रंप का मैच!

वापिस होगा बाईडन बनाम ट्रंप का मैच!

जो बाईडन ने पिछले प्रचार अभियान की शुरुआत के चार साल पूरे होने पर वापिस अपनी पुरानी घोषणा दुहराई है।
विचारधारा और चुनाव अलग अलग हैं!

विचारधारा और चुनाव अलग अलग हैं!

आम आदमी पार्टी हमेशा अपनी अजीबोगरीब राजनीतिक पहलों से देश के लोगों को चौंकाती रहती है।
मोह-भंग और सही सबक

मोह-भंग और सही सबक

देश का नाम रोशन करने वाले पहलवान अभी कुछ ही समय पहले दिल्ली के जंतर-मंतर  पर धरना देने आए थे।
एक और स्वागतयोग्य पहल

एक और स्वागतयोग्य पहल

सबको सेहत का अधिकार देने का कानून बनाने के बाद अब राजस्थान सरकार ने एक उतनी महत्त्वपूर्ण और पहल की है। स्वास्थ्य का अधिकार कानून पूरे देश में अपनी...
नीतीश का एजेंडा और विपक्षी एकजुटता

नीतीश का एजेंडा और विपक्षी एकजुटता

वैसे तो ये दोनों- नीतीश कुमार का एजेंडा और विपक्षी एकजुटता का प्रयास- अलग अलग चीजें हैं लेकिन नीतीश ने बहुत होशियारी से इन दोनों को मिला दिया है।
रुपर्ट मर्डोकः मीडिया की बदनामी का वैश्विक विलेन!

रुपर्ट मर्डोकः मीडिया की बदनामी का वैश्विक विलेन!

अमेरिका की डोमेनियन वोटिंग सिस्टम्स नामक टेक्नोलाजी कंपनी ने रुपर्ट मर्डोक के टीवी चैलन के खिलाफ 160 करोड़ डालर का मुआवजा मांगते हुए मुकदमा दायर किया था।
जमीन पर सुलगते जज्बात

जमीन पर सुलगते जज्बात

श्रीलंका की सरकार दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश में रही है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज की किस्तें मिलने के बाद देश में अब सब कुछ...
रहस्य तो कायम हैं

रहस्य तो कायम हैं

अब देखने की बात होगी कि क्या गिरफ्तारी के बाद राज्य से बहुत दूर भेजने के निर्णय से अमृतपाल का पंजाब में असर कमजोर होगा?
इंसान टिकेगा नहीं कृत्रिम बुद्धी (एआई) के आगे!

इंसान टिकेगा नहीं कृत्रिम बुद्धी (एआई) के आगे!

पूरी दुनिया में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) को ले करहल्ला है। एक ही सांस में उसकी सराहना हो रही है और निंदा भी।
सरकारी विफलता का नाम है अमृतपाल!

सरकारी विफलता का नाम है अमृतपाल!

खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल ने सरेंडर कर दिया और उसको गिरफ्तार करके असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया, जहां उसके दूसरे साथियों को रखा गया है।
अब कोई परदादारी नहीं

अब कोई परदादारी नहीं

अब सीधा खेल है। आप अगर सरकार के खिलाफ बोले, तो आपका कोई ना कोई कथित अपराध ढूंढ लिया जाएगा।
एआई से उथल-पुथल

एआई से उथल-पुथल

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की दुनिया में हाल में हुई प्रगति उथल-पुथल मचा दी है।
सत्यपाल मलिक तब पूरा सच क्यों नहीं बोले?

सत्यपाल मलिक तब पूरा सच क्यों नहीं बोले?

फरवरी 2019 में सत्यपाल मलिक ने नरेंद्र मोदी और अजित डोवाल की ही तरह राष्ट्रधर्म नहीं निभाया। कम-अधिक का अनुपात भले हो लेकिन तीनों भारतीय जवानों की बेमौत, मौत...
गांधी कमाल से क्या तुर्क तानाशाह हारेगा?

गांधी कमाल से क्या तुर्क तानाशाह हारेगा?

कमाल कलचदारलूको कहा जाता है तुर्की का महात्मा गाँधी! और वहा के महात्मा गांधी चुनाव लड़ रहे है तानाशाह राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआनके खिलाफ।
योगी के प्रति मुग्ध भाव का नया समाजशास्त्र

योगी के प्रति मुग्ध भाव का नया समाजशास्त्र

जिन्हें यह आलाप लगाना है कि न्याय संवैधानिक तौर-तरीक़ों से होना चाहिए, वे अपना यह आलाप लगाते रहें।
योगीः पच्चीस साला हिंदू भविष्य!

योगीः पच्चीस साला हिंदू भविष्य!

मोदी को प्रधानमंत्री होते देख रहा था वैसे ही अब मैं योगी आदित्यनाथ को हिंदू दिमाग में बतौर अवतार अवतरित हुए बूझ रहा हूं।
पर अमित शाह के रहते योगी भला कैसे?

पर अमित शाह के रहते योगी भला कैसे?

हां, स्वाभाविक है सोचना कि दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साये के अमित शाह के रहते भला योगी आदित्यनाथ के प्रधानमंत्री बनने के कहा अवसर हैं?
जात राजनीति का जवाब हैं योगी

जात राजनीति का जवाब हैं योगी

विपक्ष की जात राजनीति का जवाब भाजपा ज्यादा बड़ी जात राजनीति से देगी या उसका जवाब ज्यादा उग्र और आक्रामक हिंदुत्व से दिया जाएगा?
दक्षिण एशिया का पिछड़ापन

दक्षिण एशिया का पिछड़ापन

यह आज की दुनिया की हकीकत है कि आर्थिक या सामाजिक पिछड़ेपन की जो भी रिपोर्ट आती हो, उसमें दक्षिण एशिया की सूरत सबसे खराब उभरती है।
सर्वाधिक आबादी की चुनौती

सर्वाधिक आबादी की चुनौती

पूरे ज्ञात मानव इतिहास में यह संभवतः पहली बार होने जा रहा है, जब भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बनेगा।
भारत का ऐसे बड़ा होना अशुभ!

भारत का ऐसे बड़ा होना अशुभ!

ढोल बजाइए, बधाईयां गाईए। हम सबसे बड़े बन गए हैं। आगे अब और बड़े बनते जाएंगे। हमने चीन और दुनिया के सारे अगड़े देशों को पीछे छोड़ दिया है
घटनाएं विपक्षी एकता बनवा रही हैं

घटनाएं विपक्षी एकता बनवा रही हैं

वैसे तो राजनीति के बारे में माना जाता है कि वहां सब कुछ योजना के तहत होता है लेकिन कई बार कुछ घटनाएं किसी योजना का हिस्सा नहीं होती...
महाराष्ट्र में पवार ने भाजपा को चिढ़ाया!

महाराष्ट्र में पवार ने भाजपा को चिढ़ाया!

महाराष्ट्र में क्या चाचा-भतीजे या शरद और अजित पवार ने एक बार फिर भाजपा को चिढ़ाने और नीचा दिखाने का काम किया है
होम डिलीवरी का संकट

होम डिलीवरी का संकट

भारत में कोरोना काल के बाद से कई बड़ी कंपनियों ने दस-दस मिनट में घर के सामान और खाने की डिलीवरी वाली सेवाएं शुरू की।
नैतिक महत्त्व का फैसला?

नैतिक महत्त्व का फैसला?

विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) ने भारत के खिलाफ फैसला दिया है। यूरोपीय संघ, जापान और ताइवान की एक याचिका पर ये फैसला आया।
22 साल बाद भारत में एपल दुकान!

22 साल बाद भारत में एपल दुकान!

18 अप्रैल को भारत ने जश्न मनाया।नौजवानों, आईटी के लोगों, अमीर और कुलीन सब मुंबई में खुले एपल के पहले स्टोर का 'अनुभव' करने पहुंचे।
चुनाव से पहले कानूनी लड़ाई!

चुनाव से पहले कानूनी लड़ाई!

विपक्षी पार्टियों को अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले लंबी और बेहद सघन कानूनी लड़ाई लड़नी है। उससे बचेंगे तभी चुनाव लड़ने के लायक रहेंगे।
एक फिजूल की बहस

एक फिजूल की बहस

समलैंगिक विवाह का मसला एक अत्यधिक और संभवतः जरूरत से ज्यादा महत्त्व पाने वाला विषय है।
धर्म राजनीति के आगे राहुल का जाति गणना कार्ड?

धर्म राजनीति के आगे राहुल का जाति गणना कार्ड?

पार्टी काअध्यक्ष दलित है। लेकिन उन्हें पिछड़ा विरोधी कहा जा रहा है। मायवती सेजब तब उन्हें दलित विरोधी कहलवा दिया जाता है।
बोया पेड़ बबूल का!

बोया पेड़ बबूल का!

उत्तर प्रदेश में राजनीति का अपराधीकरण और एनकाउंटर राज अब भले अपने चरम बिंदु पर दिख रहा हो, लेकिन इसकी जड़ें बहुत पहले डाली गई थीं।
अगले चरण की आरक्षण राजनीति!

अगले चरण की आरक्षण राजनीति!

आरक्षण का पंडोरा बॉक्स खुलने वाला है। राहुल गांधी ने समाजवादी नेताओं की लाइन पकड़ी है और ‘जितनी आबादी, उतना हक’ का नारा दिया है। इस तरह का नारा...
समय बदले पर रूस की नियति स्टालिन, पुतिन!

समय बदले पर रूस की नियति स्टालिन, पुतिन!

दो हफ्ते पहले अमरीकी अखबार 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' के संवाददाता इवान गेर्शकोविच को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
बीबीसी पर नया शिकंजा

बीबीसी पर नया शिकंजा

यह धारणा तो पहले ही ठोस रूप ले चुकी है कि वर्तमान भारत को सरकार को अपने समर्थक तबकों के अलावा देश-दुनिया में किसी की निगाह में अपनी छवि...
कानून को अलविदा

कानून को अलविदा

अतीक अहमद को अंदेशा था कि अगर उसे उत्तर प्रदेश ले जाया गया, तो उसकी जान नहीं बचेगी।
केजरीवाल के लिए मुश्किल या मौका?

केजरीवाल के लिए मुश्किल या मौका?

सीबीआई का शिकंजा अरविंद केजरीवाल के लिए मुश्किल की घड़ी है या उनके लिए राजनीतिक मौका है?
गृहयुद्ध की और बढ़ता सूडान

गृहयुद्ध की और बढ़ता सूडान

सूडान में अफरातफरी, उथलपुथल और खून-खराबाहो रहा है। सन् 1956 में आजादी के बाद उसकी ऐसी ही नियति है।