एक्ट्रेस काजोल की अपकमिंग फिल्म ‘मां’ सिनेमाघरों में रिलीज को तैयार है। माइथोलॉजिकल-हॉरर की दुनिया में कदम रखने जा रहीं काजोल ने फिल्म के टाइटल की तारीफ करते हुए कहा कि इस फिल्म के लिए ‘मां’ से बेहतर कोई टाइटल नहीं हो सकता था।
काजोल ने बातचीत की। उन्होंने बताया, ’मां’ वह पहला शब्द है, जिसे बच्चे न केवल सबसे पहले बोलते बल्कि महसूस भी करते हैं। बच्चा सबसे पहले अपनी मां की ओर मुड़ता है। मेरे लिए ‘मां’ का मतलब देवी और मेरी मां तनुजा दोनों हैं।
उन्होंने कहा कि ‘मां’ फिल्म का वर्किंग टाइटल था, लेकिन इसे बनाते समय यह शब्द इतना गहरा लगा कि इससे बेहतर कोई नाम नहीं हो सकता था।
काजोल का मानना है कि बॉलीवुड में हॉरर फिल्में कम बनी हैं। उन्होंने बताया, “बॉलीवुड में हॉरर फिल्में बहुत कम बनी हैं। कुछ ही फिल्में देखने को मिलती हैं। 1970-80 के दशक में रैमसे ब्रदर्स की डरावनी फिल्में बहुत लोकप्रिय थीं, जिन्हें आज भी लोग याद करते हैं।
फिर साल 2002 में ‘रहस्य’ जैसी हिट फिल्म आई, जिसने दर्शकों का ध्यान खींचा। इसके बाद साल 2003 में ‘भूत’ जैसी साइकोलॉजिकल-थ्रिलर फिल्म बनी, जिसमें अजय देवगन थे। कुल मिलाकर, बॉलीवुड में हॉरर फिल्में कम हैं, लेकिन इन फिल्मों ने अपनी गहरी छाप छोड़ी।
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उन्होंने कहा ‘मां’ एक हॉरर फिल्म है, लेकिन इसमें इमोशन्स भी हैं। यही वजह है कि मैंने इस फिल्म में काम करने का फैसला लिया। अगर इसमें इतना मजबूत भावनात्मक आधार न होता, तो शायद मैं इस फिल्म को हां नहीं कहती। यह सिर्फ हॉरर नहीं, बल्कि माइथोलॉजिकल हॉरर है, जिसमें कल्चर और थ्रिलर का सही मिश्रण है।
काजोल ने कहा कि बॉलीवुड में बेहतर स्क्रिप्ट्स की जरूरत है। उन्होंने बताया हम सभी बेहतर कहानियों और मजबूत लेखन की ओर काम कर रहे हैं। हालांकि, हॉरर फिल्म कोई करना नहीं चाहता, ऐसा भी नहीं है।
हम सही स्क्रिप्ट का इंतजार कर रहे थे। ‘मां’ एक ऐसी कहानी है, जो दर्शकों को भावनात्मक और रोमांचक अनुभव देगी।
हॉरर फिल्म ‘मां’ 27 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
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