nayaindia reservation आरक्षण का जवाब ज्यादा आरक्षण से

आरक्षण का जवाब ज्यादा आरक्षण से

भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण हटाने का मुद्दा बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को तेलंगाना में भाषण दिया तो कहा कि अगर भाजपा राज्य की सत्ता में आएगी तो मुस्लिम आरक्षण खत्म करेगी, जैसा उसने कर्नाटक में किया है। इसके अगले दिन सोमवार को वे कर्नाटक पहुंचे तो उन्होंने वहां भी दावा किया कि भाजपा ने मुस्लिम आरक्षण खत्म किया है, जबकि कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण करती है। उन्होंने तीन दिन के अपने दौरे में कई बार यह बात कही और उसके साथ ही कहा कि कांग्रेस कहती है कि उसकी सरकार बनी तो वह मुस्लिम आरक्षण को बहाल करेगी। इसके बाद उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कांग्रेस मुस्लिम आरक्षण बहाल करेगी तो किसका आरक्षण कम करेगी?

ध्यान रहे भाजपा ने चार फीसदी मुस्लिम आरक्षण समाप्त करके उसे लिंगायत और वोक्कालिगा में बांट दिया है। इसी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम आरक्षण बहाल करेगी तो क्या लिंगायत और वोक्कालिगा का आरक्षण कम करेगी? इसका जवाब पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने दिया। उन्होंने कहा कि किसी का आरक्षण कम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि ओवरऑल आरक्षण बढ़ाया जाएगा। इसलिए किसी का आरक्षण घटाने की जरूरत नहीं रहेगी। सिद्धरमैया ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ा कर 75 फीसदी की जाएगी और बढ़े हुए आरक्षण में हर जाति का आरक्षण उसकी आबादी के अनुपात में बढ़ाया जाएगा।

भाजपा और अमित शाह ने यह भी कहा कि एससी के आरक्षण के भीतर आरक्षण दिया गया है। कांग्रेस उसे जारी रखेगी और उसका भी आरक्षण बढ़ाएगी। इस तरह कांग्रेस ने मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे की हवा निकाली है। कांग्रेस ने भाजपा की आरक्षण राजनीति का जवाब ज्यादा आरक्षण की राजनीति से दिया है। भाजपा ने लिंगायत और वोक्कालिगा का आरक्षण दो-दो फीसदी बढ़ाया है और उस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। अब कांग्रेस कुल आरक्षण में 25 फीसदी की बढ़ोतरी करने का वादा कर रही है। सो, ओबीसी से लेकर लिंगायत और वोक्कालिगा से लेकर एससी और एसटी में आरक्षण का मुद्दा अपील कर रही है। राहुल गांधी ने पहले दिन जातीय जनगणना और आबादी के अनुपात में आरक्षण की घोषणा करके कांग्रेस का एजेंडा सेट किया है।

इसके साथ ही मुफ्त की चीजों की बेहिसाब घोषणाओं ने भी कांग्रेस का एजेंडा बनवाया है। तभी प्रधानमंत्री को कहना पड़ रहा है कि कुछ पार्टियां देश के भविष्य की चिंता नहीं कर रही हैं। लेकिन जब केंद्र सरकार खुद ही मुफ्त अनाज से लेकर किसान सम्मान निधि बांट रही है तो वह बहुत दम के साथ बेरोजगार नौजवानों या महिलाओं को सम्मान निधि दिए जाने का विरोध नहीं कर सकती है।

राहुल ने कई बार अपनी सभाओं में कांग्रेस की पांच गारंटियों का जिक्र किया है। वे दो दिन के दौरे पर 27 को कर्नाटक पहुंचे तो मछुआरों से बात की और उनको 10 लाख रुपए का बीमा देने और पांच सौ लीटर तक डीजल पर 25 रुपए प्रति लीटर सब्सिडी का ऐलान किया। सरकारी बसों में महिलाओं के मुफ्त यात्रा करने का ऐलान वे पहले कर चुके हैं। सो, एक तरफ आरक्षण राजनीति और दूसरी तरफ सरकार का खजाना खोलने के ऐलान से कांग्रेस का एजेंडा लोगों के दिमाग में बैठा है।

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By हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

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