बिहार विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। तेजस्वी यादव विधानसभा में एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे थे। उन्होंने सरकार और चुनाव आयोग को भी घेरा। इसी बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को टोकते हुए उनके आरोपों का जवाब दिया।
बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव ने कहा कि संविधान में 18 साल से ऊपर के नागरिक को वोट देने का अधिकार है। हम एसआईआर के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इसकी प्रक्रिया का हम विरोध करते हैं। पारदर्शिता होनी चाहिए और ईमानदारी से निष्पक्ष होकर चुनाव आयोग को काम करना चाहिए था, लेकिन वह नहीं हो रहा है।
‘बाहरी वोटर’ के विषय पर तेजस्वी यादव ने कहा, “चुनाव आयोग ने दावा किया कि कुछ बाहरी लोग भी मतदाता सूची में शामिल हैं, इसकी जानकारी उन्हें सूत्रों से मिली। शर्म की बात है कि एसआईआर ड्राइव चल रहा है और चुनाव आयोग ने बाहरी वोटर्स पर सामने आकर जवाब नहीं दिया है।
उन्होंने सदन में दावा करते हुए कहा, “सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है और मंगलवार को चुनाव आयोग ने 780 पेज का हलफनामा दिया। उसमें कहीं भी बाहरी लोगों का जिक्र नहीं है। भाजपा के 52986 पंजीकृत बीएलए ने विदेशी नागरिकों के मामले चुनाव आयोग के सामने नहीं उठाए।
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तेजस्वी यादव को सदन में जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा, “आप बिहार की जनता को बरगला रहे हैं। जनता को भ्रमित करने का खेल बंद करें। आप सूत्र के आधार पर क्या-क्या शब्द बोलकर बिहार को लज्जित करते हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में खड़े हुए और तेजस्वी यादव के आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के कार्यकाल का याद कराया। नीतीश कुमार ने कहा, “जब आपकी उम्र कम थी, तब आपके पिताजी (लालू प्रसाद यादव) मुख्यमंत्री थे। तुम्हारी माता भी मुख्यमंत्री रहीं। उस समय क्या स्थिति थी?
नीतीश कुमार ने दावा किया कि महिलाओं और मुसलमानों के लिए राष्ट्रीय जनता दल ने कुछ नहीं किया। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण किया। हमने महिलाओं के लिए काम किए। आप लोगों (आरजेडी) ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया। हमने ही उन लोगों के लिए काम किया।
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