नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को विधानसभा में विश्वास मत पेश किया और आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया। हालांकि किसी ने उनके बहुमत पर सवाल नहीं उठाया था। लेकिन शनिवार को जिस दिन उनको ईडी की शिकायत पर दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत में पेश होना था उस दिन उन्होंने विश्वास मत पेश कर दिया। इस बहाने वाले शारीरिक रूप से अदालत के सामने पेश नहीं हुए। वे वर्चुअल तरीके से अदालत की कार्यवाही में शामिल हुए। गौरतलब है कि ईडी ने अदालत से शिकायत की थी केजरीवाल उसके समन पर पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हो रहे हैं। इस मामले में अब 16 मार्च को सुनवाई होगी।
बहरहाल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को विधानसभा में विश्वास मत किया। सदन में इस दौरान आम आदमी पार्टी के 62 में से 54 विधायक उपस्थित थे। केजरीवाल ने इस पर कहा- हमारा कोई विधायक नहीं टूटा है। जो नहीं आए, उनमें कुछ अस्वस्थ हैं और कुछ बाहर हैं। विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान केजरीवाल ने कहा- भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती आम आदमी पार्टी है, इसलिए हर तरफ से उस पर हमला किया जा रहा है।
केजरीवाल ने कहा- 2024 में भाजपा लोकसभा चुनाव जीत जाती है तो आप 2029 में देश को भाजपा से आजाद कराएगी। उन्होंने कहा- इस विश्वास मत की जरूरत इसलिए थी, क्योंकि आम आदमी पार्टी के विधायकों को भाजपा अपने पाले में शामिल करने की कोशिश कर रही है। भाजपा दावा करती है कि वो राम भक्त है, लेकिन उन्होंने हमारे अस्पतालों में गरीब लोगों को मिलने वाली दवाई रोक दी।
विश्वास प्रस्ताव सुबह 11 बजे से शुरू होना था। उससे पहले केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होना था। वकील की मांग पर कोर्ट ने उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की छूट दे दी। केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता ने बताया- मुख्यमंत्री वर्चुअली कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और बजट सत्र के कारण वे आज कोर्ट में शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके। अगली सुनवाई 16 मार्च को है। उस दिन वे कोर्ट में पेश होंगे।