दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बुधवार को बीएसएल के ‘ग्लोबल आउटरीच समिट’ कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को सशक्त करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए नाइट शिफ्ट में काम करने की मंजूरी दिए जाने को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की हर महिला में वह क्षमता है कि वह दिन हो या रात, दोनों समय काम कर सकती है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम के दौरान कहा, “दिल्ली देश की राजधानी है, और यहां के लिए अजीब बात यह थी कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के बजाए, हमने दिल्ली की महिलाओं को बैन करके रखा था। रात के 9 बजे के बाद उनको काम नहीं करना है। आजादी के 70 साल बाद भी क्या महिलाओं को घरों में ही रहने की जरूरत थी? मेरा मानना है कि मेरे शहर की हर महिला में वह क्षमता है कि वह दिन हो या रात हो, दोनों में काम कर सकती है। इसलिए हमने यह फैसला लिया कि दिल्ली की महिलाएं जिन्हें रात में काम करने की मंजूरी नहीं थी, अब उन्हें इजाजत दे दी गई है। दिल्ली की महिलाओं को यह मौका हमारी सरकार ने दिया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि महिलाओं को इस दौरान हर तरह की फैसिलिटी और सुरक्षा मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा, “हमने यह सुनिश्चित किया है कि महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति के साथ-साथ उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए कड़े प्रावधान लागू किए जाएं।
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सीएम रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम के दौरान कहा, “पीएम मोदी ‘वोकल फॉर लोकल’ की बात करते हैं। दिल्ली सरकार ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को अपनाते हुए न केवल आयात बल्कि निर्यात पर भी ध्यान दे रही है।
रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम से जुड़ी कुछ तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। उन्होंने लिखा, “भारत मंडपम में आयोजित ग्लोबल आउटरीच समिट 2025 में भाग लेकर देश और दुनिया से आए ब्रांडिंग और सप्लाई चेन के विशेषज्ञों को संबोधित करने का अवसर मिला। यह गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज आत्मनिर्भरता, नवाचार और वैश्विक सहयोग का प्रतीक बन चुका है। भारतीय ब्रांड्स अब न केवल वैश्विक बाज़ार में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, बल्कि अपनी विशिष्ट पहचान भी बना रहे हैं। हमारी नई पीढ़ी भारतीय ब्रांड्स को गर्व और आत्मविश्वास के साथ अपनाए। ‘मेड इन इंडिया’ सिर्फ एक टैग नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, शिल्प और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। दिल्ली सरकार इस सोच को आगे बढ़ाते हुए 7 अगस्त को ‘हैंडलूम डे’ मनाने जा रही है, ताकि भारत के पारंपरिक हथकरघा उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई उड़ान मिल सके।
उन्होंने आगे लिखा, “दिल्ली में महिलाओं को अब रात्रिकालीन शिफ्ट में कार्य करने की स्वतंत्रता और संरक्षित वातावरण देने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। साथ ही, राजधानी दिल्ली में व्यापार के लिए अनुकूल, पारदर्शी और सुविधाजनक माहौल सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है।
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