nayaindia BJP Central Leadership Eye On MP मप्र पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नजर

मप्र पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नजर

भोपाल। कर्नाटक (Karnataka) के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में भाजपा को मिली हार के बाद मध्यप्रदेश में भी अंदर खाने टकराव तेज हो गया है। बयानबाजी का दौर भी जारी है और कई नेता तो सत्ता और संगठन को धमकाने भी लगे हैं। यही कारण है कि केंद्रीय नेतृत्व अब राज्य में दखल बढ़ाने की दिशा में बढ़ गया है। राज्य में लगभग एक माह की स्थिति पर गौर किया जाए तो भाजपा (BJP) के कई नेता ही पार्टी को आंख दिखाते नजर आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी (Kailash Joshi) के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी (Deepak Joshi) के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने के बाद से तो कई नेताओं के तेवर में तल्खी आ गई है। कई नेताओं के ऐसे बयान आए हैं जिसने सरकार और संगठन दोनों की मुसीबत बढ़ाने का काम किया है। इतना ही नहीं अब तो सागर जिले के तीन मंत्रियों का विवाद मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है।

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बीते दिनों सागर जिले के एक प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) से मुलाकात हुई। इस प्रतिनिधिमंडल में दो मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह राजपूत के अलावा विधायक शैलेंद्र जैन भी थे। उसके बाद से यह मसला मीडिया में छाया हुआ है कि इन दोनों मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से सागर के ही एक अन्य मंत्री नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) की शिकायत की और कहा कि इनकी मर्जी से सागर जिले में काम हो रहे हैं। यही स्थिति रही तो वे कोई बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे। इतना ही नहीं यह लोग भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और महामंत्री हितानंद से भी मिले। यह बात अलग है कि दोनों ही मंत्री भार्गव और राजपूत मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन कर चुके हैं और आगामी चुनाव की तैयारियों पर बात होने का बयान दे चुके हैं। सागर के इस कथित विवाद के बाद बुधवार की रात को दिल्ली से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय का भोपाल आना हुआ।

उसके बाद उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेशाध्यक्ष विष्णु शर्मा और महामंत्री हितानंद के साथ बैठक हुई। भाजपा में चल रहे घमासान पर कांग्रेस (Congress) चुटकी ले रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैयद जाफर (Syed Jaffer) का कहना है कि प्रदेश की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और कमीशन को लेकर सत्ता और संगठन में टकराव है। सरकार के मंत्री प्रदेश भाजपा संगठन के नेताओं पर लगा रहे हैं भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप, दूसरी ओर संगठन के प्रमुख नेता मंत्रियों को बता रहे हैं भ्रष्ट। रात के अंधेरे में मुख्यमंत्री निवास में दिल्ली के नेताओं की उपस्थिति में भी नहीं निकल पाया कोई हल, मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार और भाजपा संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी है। विधानसभा चुनाव से पहले होगा बड़ा फेरबदल, 30 जून को हो सकता है मध्य प्रदेश में बड़ा बदलाव। (आईएएनएस)

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