नई दिल्ली। एनसीपी के संस्थापक शरद पवार को अपनी पार्टी पर अधिकार की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। अदालत ने उनके भतीजे अजित पवार गुट को असली एनसीपी मानने के चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही शरद पवार को सलाह दी है कि वे फिलहाल नए नाम का इस्तेमाल करें। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को कहा कि वह इस मामले में शरद पवार की याचिका का परीक्षण करने को तैयार है।
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सर्वोच्च अदालत ने अजित पवार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी। सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई तक शरद पवार अपनी पार्टी के लिए चुनाव आयोग की ओर से दिए गए नए नाम एनसीपी शरद चंद्र पवार का इस्तेमाल करेंगे। साथ ही अदालत ने निर्देश दिया है कि अगर पवार अपनी पार्टी एनसीपी शरद चंद्र पवार के लिए चुनाव आयोग से चुनाव चिन्ह की मांग करते है, तो चुनाव आयोग एक हफ्ते के भीतर चिन्ह आवंटित करे।
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जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। गौरतलब है कि शरद पवार ने अदालत में अजित पवार गुट को असली एनसीपी बताने और घड़ी चुनाव चिन्ह देने के फैसले को चुनौती दी है। शुक्रवार को शरद पवार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ऐसी संभावना है कि शरद पवार को अजित पवार की ओर से जारी व्हिप का सामना करना पड़ सकता है।