मुंबई। शिव सेना से कांग्रेस के गए पूर्व सांसद और मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे संजय निरूपम ने कांग्रेस छोड़ दी है। वे अब भाजपा में या एकनाथ शिंदे वाली शिव सेना में शामिल हो सकते हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने उनको बुधवार को पार्टी से निष्कासित किया लेकिन संजय निरूपम का कहना है कि उन्होंने पहले पार्टी छोड़ी और उसके बाद कांग्रेस ने उनको निकाला। वे मुंबई की एक सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन वह सीट उद्धव ठाकरे की शिव सेना के खाते में चली गई, जिससे वे नाराज थे।
बहरहाल, संजय निरुपम ने गुरुवार को अपनी भविष्य की राजनीति को लेकर संकेत दिए। उन्होंने पहले नेहरुवादी धर्मनिरपेक्षता की आलोचना की और फिर ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर इशारा भी किया। मीडिया से बात करते हुए निरुपम ने कहा- मेरे पास योजनाएं हैं, निश्चित रूप से मैं कहीं न कहीं शामिल हो रहा हूं। जल्दी ही घोषणा करूंगा। आप जय श्री राम से अर्थ निकाल सकते हैं।
कांग्रेस छोड़ने या कांग्रेस से निकाले जाने के एक दिन बाद संजय निरुपम ने गुरुवार को कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पांच अलग-अलग पावर सेंटर हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल के पावर सेंटर हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में वैचारिक द्वंद्व चल रहा है, इससे कार्यकर्ताओं में निराशा है।
संजय निरुपम ने कहा- राहुल गांधी के आसपास जो लेफ्टिस्ट हैं, वे आस्था में विश्वास नहीं करते। अकेले कांग्रेस ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण के जवाब में चिट्ठी लिखी कि ये भाजपा का प्रचार है। उन्होंने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया। इससे पहले, संजय निरुपम ने गुरुवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम अपना इस्तीफा भेजने के बाद पार्टी ने उन्हें निकाला। निरुपम ने इस्तीफे की तस्वीर शेयर की।