चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने अपनी मांगों के साथ दिल्ली कूच करने के लिए पंजाब की सीमा पर बैठे किसानों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने कहा है कि सरकार किसानों को नहीं रोक सकती है। हाई कोर्ट ने बुधवार, 10 जुलाई को अपने आदेश में कहा कि किसानों की मांग केंद्र सरकार से है। इसलिए उन्हें दिल्ली की तरफ जाने की छूट दे देनी चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने एक हफ्ते के भीतर शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को यह आदेश दिए हैं। इससे किसानों के दिल्ली कूच का रास्ता खुल गया है। अब किसान संगठनों को इस बारे में फैसला करना है।
हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा- सरकार एक हफ्ते में रोड क्लियर करे। वहां से बैरिकेड हटाए। अदालत ने यह भी कहा कि शंभू बॉर्डर पर स्थिति शांतिपूर्ण है। किसानों की मांग केंद्र सरकार से है। इसलिए उन्हें दिल्ली की तरफ जाने की छूट दे देनी चाहिए। सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि अगर वह शंभू बॉर्डर से बैरिकेड हटा देती है तो फिर किसान अंबाला में घुस जाएंगे और एसपी ऑफिस का घेराव करेंगे। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि वर्दी वालों को घबराना नहीं चाहिए। लोकतंत्र में किसानों को हरियाणा में घुसने या घेराव करने से नहीं रोका जा सकता।
गौरतलब है कि शंभू बॉर्डर पिछले पांच महीने से बंद है। लोकसभा चुनाव से पहले किसान दिल्ली कूच करना चाहते थे। पंजाब के इन किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने यहां सात स्तर की बैरिकेडिंग की थी। शंभू बॉर्डर बंद किए जाने से पंजाब और हरियाणा के बीच सीधा संपर्क टूट गया था। शंभू बॉर्डर खुलवाने की मांग को लेकर अंबाला के व्यापारियों ने भी दुकानें बंद कर नाराजगी जताई थी।
वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान शुभकरण की मौत के मामले में भी बड़ा खुलासा हुआ है। हाई कोर्ट ने किसान संगठनों से कहा है कि शुभकरण की मौत शॉट गन से हुई है। पुलिस शॉट गन का इस्तेमाल नहीं करती। ऐसा लगता है कि गोली किसानों की तरफ से चलाई गई हो। हाई कोर्ट ने कहा कि उस दिन की फुटेज चेक की जानी चाहिए ताकि पता चल सके कि शॉटगन किसके पास थी।