Wednesday

30-04-2025 Vol 19

Jaipur Rain: बारिश में डूबती पिंक सिटी, क्या है कोई सुनने वाला !

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Jaipur Rain: आसमान से बरसती बारिश का इंतजार तो मुद्दतों से था लेकिन ये जमीं पर सरकारी लापरवाहियों के साथ घुल कर शहर को चौपट करने लगे तो फिर सवाल उठता है कि आखिर मानसून पूर्व तैयारियों के नाम पर हुआ क्या है ? इस पिंक सिटी को कांग्रेस ने अपने दौर में वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने का सपना दिखाया तो बीजेपी ने इसे स्मार्ट सिटी में शामिल कर लिया. मगर सोचिए, किस वर्ल्ड क्लास सिटी या स्मार्ट सिटी में ऐसी बदइंतजामी होती है कि सीवरेज और ड्रेनज के ही इंतजाम न हो…जयपुर के आस-पास के गांवों में ये बारिश, हरियाली ला रही है लेकिन जयपुर शहर में बरसात, किसी आफत से कम नहीं दिख रही. चंद मिनटों की बारिश के बाद ही शहर की सड़कें तलाबनुमा हो जाया करती है. सवाल यह है कि जिस शहर में दो-दो नगर निगमों का भारी लवाजमा हो, जेडीए जैसी संस्था हो, वो क्या बारिश के पानी के व्यर्थ बहते पानी को सहेजने में कोई नजीर कायम नहीं कर सकती…शहर की स्थापत्य और बसाहट की खूबियां देखने ही तो सैंकड़ों पर्यटक हर महीने जयपुर चले आते थे. मगर ये हाल देखकर क्या तस्वीरें लेकर जाते होंगे…ये सोचने वाला कोई है…8 विधायक, सैंकड़ों पार्षद और कई मंत्रियों के बंगलों वाला जयपुर शहर, बारिश में आखिर कैसे बहता जा रहा है. जयपुर के रामगढ़ बांध में पानी नहीं पहुंच रहा, शहर के बीच से गुजरती द्रव्यवती नदी में पानी नहीं…मगर चंद घंटों की बारिश में ही मुख्य मार्गों से लेकर शहर की गलियों में रामगढ़ बांध और द्रव्यवती नदी सा नजारा बन जाता है. करोड़ों रूपए मानसून पूर्व तैयारियों के नाम खर्च कर दिए जाते हैं और जब मानसून आता है तो सड़कों पर लापरवाहियों के तालाब बन जाया करते हैं.

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इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन?
कहते है ना कि दूर के ढोल देखने में ही सुहावने लगते है. कहीं भी चले जाएं तो पानी से जलमग्न सड़के, छोटे-छोटे नालों में उफान की स्थिति बनी हुई है. राजस्थान में मानसून के आगमन को 11 दिन हो गए हैं. लेकिन अब भी पिछले वर्षों की तुलना में जुलाई में बारिश कम हुई है. कम बारिश होने के बावजूद भी बारिश से ही हाल भयावह हो रखे है. बारिश से सड़कों पर पानी भरा हुआ है. पानी भरने की स्थिति में जाम लगने के हालात बन गए है. पांच बत्ती , परकोटा, रेलवे स्टेशन, सीकर रोड, सहकार मार्ग पर सड़के बारिश के पानी से लबालब भरी हुई है. गाड़ी तो दूर बात है बाइक, स्कूट और ऑटो भी पानी भरने के कारण निकल नहीं पा रहे है. ऐसे में जो लोग पैदल यात्रा कर रहे है उनका क्या हो रहा होगा. हाल ही के दिनों में राजधानी में कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है. आपको शाम के वक्त का हाल बताएं तो रेलवे स्टेशन, सहकार मार्ग, बस स्टैंड, गोपालपुरा मोड पर बारिश में पानी भरने के कारण शाम को जाम के हालात बन जाते है. सवाल यह है कि इन सब का जिम्मेदार कौन है?

संसाधनों की कमी में तैयारी पूरी
टाउन प्लानिंग से लेकर मानसून प्रिपरेशन से जुड़ा हर सरकारी अमला, जयपुर के मामलो में सवालों के घेरे में हैं. यूं तो सरकार ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए हैं लेकिन उनके हाल यह है कि पानी भरने के बाद अब रेत के कट्टों के इंतजाम के लिए रातों-रात वर्क ऑर्डर निकालने पड़ रहे हैं. प्री-मानसून की बारिश के साथ ही शहर में 6 जगहों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष शुरू कर दिए गए हैं. हालांकि इन केन्द्रों पर अभी पर्याप्त संसाधन नहीं है. दो जगहों को छोड़कर कहीं भी मिट्टी के कट्टों को पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं है.जेसीबी एक भी जगह नहीं है. मिट्टी के कट्टे भी गिने-चुने ही है, जबकि हर बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों पर 20 हजार मिट्टी के कट्टों का स्टॉक होना जरूरी है. ग्रेटर नगर निगम के अफसरों की नींद बारिश से हालात बिगड़ने के बाद खुली. हालात इस बात से ही समझ लीजिए कि जेडीए ट्रांसपोर्ट नगर अंडरपास में ड्रेनेज सिस्टम बनाना ही भूल गया है. बारिश में भीगा जयपुर, अपनी लापरवाहियों के लिए व्यवस्थाओं को, सरकारी अमले को कोस रहा है…माननीयों से भरी सरकार में, है कोई सुनने वाला !

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

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