Yogi Adityanath : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ-2025 के समापन के बाद विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ को बदनाम करने के लिए विरोधियों ने दुष्प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ा। कोई काहिरा की तो कोई काठमांडू की घटना का वीडियो दिखाकर प्रयागराज को बदनाम करता रहा। (Yogi Adityanath)
सीएम योगी ने कहा कि आस्था का इतना विशाल समागम दुनिया के अंदर कभी नहीं हुआ। 66 करोड़ 30 लाख श्रद्धालु किसी आयोजन का हिस्सा बने और कोई अपहरण की घटना नहीं, कोई लूट की घटना नहीं, कोई छेड़छाड़, कोई दुष्कर्म की घटना नहीं, कोई भी ऐसी घटना नहीं, जिसके बारे में कोई सवाल उठा सके। दूरबीन लगाकर, माइक्रोस्कोप लगाकर भी ऐसी घटना को ढूंढा नहीं जा सकता। हालांकि, फिर भी विरोधियों ने दुष्प्रचार का कोई मौका नहीं छोड़ा। (Yogi Adityanath)
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिनको आस्था का यह समागम अच्छा नहीं लगा, उन्होंने कोई मौका नहीं छोड़ा। मौनी अमावस्या के दिन 8 करोड़ श्रद्धालु यहां पर थे, हमारी प्राथमिकता थी कि इन श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कर उनके गंतव्य की ओर प्रस्थान कराया जाए। लेकिन, विरोधी लगातार दुष्प्रचार कर रहे थे, बदनाम कर रहे थे। उनकी भाषा अपमानित करने वाली थी। कोई काहिरा की तो कोई काठमांडू की घटना का दृश्य दिखाकर प्रयागराज को बदनाम कर रहा था। पहले की सरकारों ने भारत की आस्था का सम्मान नहीं किया।
Also Read : बिजनेस और टेक्नोलॉजी से तय होगा नया वर्ल्ड ऑर्डर: निर्मला सीतारमण
महाकुंभ ने आस्था और अर्थव्यवस्था को दी नई मजबूती (Yogi Adityanath)
उन्होंने महाकुंभ के माध्यम से अर्थव्यवस्था में आई मजबूती का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ ने आस्था और आर्थिकी का एक नया संदेश दिया। भगवान वेद व्यास ने 5,000 साल पहले ही कहा था कि मैं बाहें उठा करके चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा हूं कि धर्म के मार्ग पर चलो, धर्म से ही अर्थ और कामनाओं की पूर्ति हो सकती है।
प्रयागराजवासियों ने भगवान वेदव्यास की इस वाणी को सत्य साबित कर दिया। लाखों रोजगार मिले, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक नया आयाम छूने के लिए उतावली दिखाई दे रही है। (Yogi Adityanath)
सीएम योगी ने कहा कि आज आस्था के साथ नई अर्थव्यवस्था का जो आधार बना है, वह अद्भुत है। यहां आने के लिए दुनिया चकित और लालायित है। केवल भारत ही नहीं, दुनिया के अंदर एक दर्जन देशों के मंत्री या राष्ट्राध्यक्ष भी इस आयोजन का हिस्सा बने और 74 देशों के एंबेसडर और हाई कमिश्नर भी यहां आए। पहली बार 80 से अधिक देशों के लोग इस आयोजन में भागीदार बने। जो आया, वह अभिभूत होकर गया।