nayaindia Muslim cleric central government Mohsin Raza हज में ‘वीआईपी कोटा’ खत्म करने का स्‍वागत

हज में ‘वीआईपी कोटा’ खत्म करने का स्‍वागत

लखनऊ। मुस्लिम धर्मगुरुओं (Muslim cleric) ने हज यात्रा में ‘वीआईपी कोटा’ (‘VIP quota’) खत्म करने के केंद्र सरकार (central government) के फैसले की सराहना करते हुए कहा है कि इससे हज यात्रियों (Haj pilgrimage) के बीच भेदभाव समाप्‍त होगा क्‍योंकि अल्‍लाह (Allah) के लिए सभी एक समान है। हज यात्रा के लिए पंजीकरण अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा।

उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा (Mohsin Raza) ने मंगलवार को कहा, यह निश्चित रूप से एक स्वागत योग्य कदम है क्योंकि इस्लाम में ‘वीआईपी संस्कृति’ के लिए कोई जगह नहीं है। अल्लाह के दरबार में हर कोई बराबर है। रजा ने कहा, हज के लिए भारत से जाने वाले यात्रियों की संख्‍या 1,75,025 है जिनमें लगभग 31,000 उत्तर प्रदेश के हैं। उत्तर प्रदेश से पिछले साल जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या लगभग 8,700 थी।

लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने केंद्र के इस फैसले को ‘‘सकारात्मक’’ करार दिया। महली ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘इससे भेदभाव खत्म होगा। हज यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।’ ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव एवं प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भी कहा, ‘‘हम केंद्र के इस कदम का स्वागत करते हैं, क्योंकि इससे गरीब मुसलमानों की हज यात्रा के लिए रास्‍ता खुलेगा।’’

बरेली स्थित आला हजरत दरगाह के मीडिया समन्वयक नासिर कुरैशी ने कहा कि केंद्र द्वारा हज कोटे को खत्म करने का कदम स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि हज के लिए कोई कोटा नहीं होना चाहिए, जैसे कि नमाज में कोई वीआईपी कोटा नहीं होता।
उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा, ‘‘हज कोटे को खत्म करने का विवेकाधीन किया गया फैसला स्वागत योग्य कदम है। इस्लाम सिखाता है कि हर कोई समान है और कोई व्‍यक्ति वीआईपी नहीं है। जब कोई मस्जिद में नमाज पढ़ता है तो अमीर, गरीब और रिक्शा चालक इसे एक साथ पढ़ते हैं।’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यात्रियों के लिए हज यात्रा को सुचारू और बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

उल्‍लेखनीय है कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी ने पिछले सप्ताह बताया था कि केंद्र सरकार ने हज में ‘वीआईपी कोटा’ खत्म करने का फैसला किया है ताकि देश के आम लोगों को इससे फायदा हो और इस धार्मिक यात्रा में ‘‘वीआईपी संस्कृति’’ खत्म हो।

उल्लेखनीय है कि ‘वीआईपी कोटे’ के तहत राष्ट्रपति के पास 100 हजयात्रियों का कोटा होता था तो प्रधानमंत्री के पास 75, उप राष्ट्रपति के पास 75 और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री के पास 50 का कोटा होता था। इसके अतिरिक्त हज कमेटी के सदस्यों/पदाधिकारियों के पास 200 हजयात्रियों का कोटा होता था। हज के लिए भारत का कोटा करीब दो लाख हजयात्रियों का है। (भाषा)

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