पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा स्थित जगन्नाथ धाम में स्नान यात्रा महोत्सव शुरू हो गया है। यह पवित्र आयोजन आगामी रथयात्रा की आध्यात्मिक शुरुआत का प्रतीक है। हजारों भक्त भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा के स्नान अनुष्ठान को देखने के लिए मंदिर पहुंचे।
सुबह मंदिर के गर्भगृह से भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा को एक-एक करके स्नान मंडप पर लाया गया। मंदिर के दाईं ओर बने विशेष स्नान मंच पर देवताओं को 108 पवित्र तीर्थों के जल, पंच-अमृत`, फलों के रस और अन्य पवित्र पदार्थों से स्नान कराया गया। स्नान के बाद देवताओं को भोग अर्पित किया गया।
इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने कोलकाता निवास के पेड़ों से आम और कटहल भेजे। इन्हें दोपहर में 56 प्रकार के व्यंजनों वाले छप्पन भोग में शामिल किया गया।
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दीघा जगन्नाथ धाम में स्नान उत्सव
दर्शन का समय दोपहर 3:00 बजे से रात 9:00 बजे तक रखा गया। इस दौरान भक्त गज वेश (हाथी की पोशाक) में सजे भगवान के विशेष दर्शन कर सकेंगे। बुधवार से भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा स्नान यात्रा के बाद ‘दिव्य विश्राम’ में चले जाएंगे और दर्शन के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। हालांकि, मंदिर खुला रहेगा और भक्त श्री राधा मदन-मोहन जी के दर्शन कर सकेंगे।
26 जून को देवता फिर से दर्शन के लिए उपलब्ध होंगे, जो 27 जून को होने वाली भव्य रथयात्रा की तैयारियों का हिस्सा होगा। मंदिर प्रशासन ने भक्तों के लिए सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
यह स्नान यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह आयोजन दीघा की आध्यात्मिक और पर्यटकीय पहचान को और मजबूत करता है। भक्तों ने इस पवित्र अवसर पर भगवान के दर्शन कर खुद को धन्य महसूस किया। रथयात्रा की तैयारियों के साथ ही दीघा में उत्साह का माहौल है।
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