नई दिल्ली। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेटिंग के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। फैसले पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इस मामले में संभल कर चलने की जरूरत है। हाई कोर्ट के आदेश की बारीकी से जांच करनी होगी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से वकील हुजेफा अहमदी ने यह याचिका दायर की।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने इसकी सुनवाई की। हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कैविएट दाखिल कर चुका है। इसका मतलब है कि उनका पक्ष सुने बिना सर्वोच्च अदालत इस मामले में कोई फैसला नहीं देगी। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी के वुजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे का आदेश 12 मई को दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि यह कैसे होगा इस पर वाराणसी कोर्ट फैसला करेगा। उन्हीं की निगरानी में यह काम किया जाएगा।
बहरहाल, हिंदू पक्ष की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश दे, तो उससे पहले पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, एएसआई की सर्वे रिपोर्ट को मंगाकर एक बार उस पर विचार किया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा- हम एएसआई की रिपोर्ट को भी देखेंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि पहले हम परिस्थिति को देखेंगे। हमें इस मामले को बेहद सावधानी से डील करना होगा। सुप्रीम कोर्ट सात अगस्त को इस मामले पर अगली सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का कार्बन डेटिंग का आदेश अगली सुनवाई तक लागू नहीं किया जाएगा। कार्बन डेटिंग पर यूपी और केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करना होगा।