इंफाल। मणिपुर (Manipur) में पिछले चार दिनों से तबाही मचाने वाली जातीय हिंसा (Caste Violence) को रोकने और शांति बहाल करने के लिए शनिवार को यहां राज्य सरकार ने सर्वदलीय बैठक आयोजित की। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने कहा कि बैठक में राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई और मणिपुर में शांति और स्थिरता लाने के तरीके खोजने के लिए कुछ उपाय अपनाए गए। बैठक में कांग्रेस (Congress), भाकपा, जद (यू), नगा पीपुल्स फ्रंट, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, मणिपुर पीपुल्स पार्टी और फॉरवर्ड ब्लॉक सहित लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। कांग्रेस के दिग्गज नेता और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh) भी बैठक में शामिल हुए, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने की।
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एक लंबी चर्चा के बाद बैठक में राज्य में शांति की अपील करने और सभी नागरिकों को संयम बरतने और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया गया, जिससे आगे हिंसा या अस्थिरता हो सकती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि जमीनी स्तर पर शांति पहलों को लागू किया जाए, राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में शांति समिति बनाने का भी संकल्प लिया गया। शांति समिति हिंसा और संघर्ष के अंतर्निहित कारणों की पहचान करने और उन्हें संबोधित करने की दिशा में काम करेगी और समुदायों के बीच शांतिपूर्ण संवाद और सहयोग को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में हुई रचनात्मक और उत्पादक चर्चाओं की सराहना की और राज्य में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रतिभागियों को उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया। सिंह ने कहा कि मणिपुर सरकार राज्य के सामने आने वाली चुनौतियों का स्थायी समाधान खोजने के लिए हर समुदाय के सभी हितधारकों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि मणिपुर अपने सभी नागरिकों के लिए एक शांतिपूर्ण और समृद्ध राज्य बना रहे। (आईएएनएस)