नई दिल्ली। गुजरात के 2002 के दंगों से जुड़े बिलकिस बानो मामले पर सोमवार को सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस इसके लिए दो जजों की एक बेंच बना दी है, जो 27 मार्च को इस पर सुनवाई शुरू करेगी। इससे दो दिन पहले बुधवार को ही चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भरोसा दिलाया था कि वे जल्दी ही इस पर सुनवाई के लिए बेंच का गठन करेंगे। यह नई बेंच बिलकिस बानो से सामूहिक बलात्कार के दोषियों की समय से पहले रिहाई के मामले की सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि 2002 में बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार करने के मामले में सभी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन 15 अगस्त 2022 को गुजरात की गोधरा जेल में सजा काट रहे इन कैदियों को गुजरात सरकार ने सजा माफी की नीति के तहत रिहा कर दिया था। रिहा किए गए लोगों में से कुछ 15 साल तो कुछ 18 साल की जेल काट चुके हैं। बिलकिस बानो ने उनकी रिहाई को चुनौती दी है।
बहरहाल, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच कई राजनीतिक और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से दायर याचिकाओं और बिलकिस बानो की ओर से दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 22 मार्च को, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था। साथ ही दलीलों के बैच की सुनवाई के लिए एक नई पीठ गठित करने पर सहमति जताई थी। इससे पहले चार जनवरी को जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने बिलकिस बानो की ओर से दायर याचिका और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई की थी। हालांकि, जस्टिस त्रिवेदी ने बिना कोई कारण बताए मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।